गोरखपुर में बिजली कटौती, उमस भरी गर्मी में उबल रहे उपभोक्ता
बक्शीपुर इलाके में दोपहर में बिना सूचना बिजली गुल होने के कारण उपभोक्ता परेशान रहे। दुकानें खुलने और खरीदारों की भीड़ के बीच बिजली गुल होने से व्यापारी और ग्राहक बेचैन रहे। रुस्तमपुर नहर रोड पर स्थापित 400 केवीए का ट्रांसफार्मर खराब हो गया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। उमस भरी गर्मी में बिजली कटौती बदस्तूर जारी रही। रुस्तमपुर में ओवरलोड होने के कारण 400 केवीए का ट्रांसफार्मर जल गया तो बक्शीपुर, शाहपुर, मोहद्दीपुर, नार्मल, लालडिग्गी समेत पूरे शहर में बिजली की आवाजाही पूरे दिन जारी रही। शायद ही किसी इलाके में एक घंटे निर्बाध बिजली मिल रही है। बार-बार बिजली कटौती से उपभोक्ता आजिज आ गए हैं। बिजली की मांग अधिक हो जाने के कारण पारेषण से वितरण को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है।
बक्शीपुर इलाके में दोपहर में बिना सूचना बिजली गुल होने के कारण उपभोक्ता परेशान रहे। दुकानें खुलने और खरीदारों की भीड़ के बीच बिजली गुल होने से व्यापारी और ग्राहक बेचैन रहे। रुस्तमपुर नहर रोड पर स्थापित 400 केवीए का ट्रांसफार्मर खराब हो गया। इससे तीन सौ से ज्यादा घरों की बिजली गुल हो गई। उपभोक्ताओं ने रुस्तमपुर उपकेंद्र पर बिजली गुल होने का कारण जानने के लिए फोन किया लेकिन सही जानकारी नहीं मिली। बाद में एसडीओ प्रद्युम्न सिंह को सूचना मिली तो उन्होंने दूसरा ट्रांसफार्मर मंगवाने की व्यवस्था कराई। शाम को ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए रुस्तमपुर उपकेंद्र का एक फीडर बंद करना पड़ा। इससे चिलमापुर, आजाद चौक आदि इलाकों की बिजली गुल हो गई।
सिंघडिय़ा इलाके में भी हाहाकार
सिंघडिय़ा इलाके में बिजली के लिए हाहाकार मचा रहा। रात से बिजली की आवाजाही जारी रही। उपभोक्ताओं का कहना है कि निर्बाध आपूर्ति सिर्फ आंकड़ों में है।
पारेषण से कम मिल रही बिजली
अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा का कहना है कि पारेषण से बिजली कम मिल रही है। 33 हजार की जगह कहीं-कहीं 30 हजार वोल्ट ही करंट आ रहा है। इससे ट्रांसफार्मर और उपकरण ओवरलोड हो जा रहे हैं। पारेषण की ओर से इस स्थिति में सुधार किया जा सकता है। वितरण एक-एक ट्रांसफार्मर का वोल्टेज बढ़ा सकता है लेकिन यदि अचानक आपूर्ति सामान्य हुई तो घरों में हाईवोल्टेज करंट से उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है। इधर, पारेषण के अधिशासी अभियंता राम सुरेश का कहना है कि मांग ज्यादा होने पर कम करंट कम मिलना आम बात है। वितरण की ओर से वोल्टेज बढ़ाने की व्यवस्था की जा सकती है। पारेषण को इसके लिए कंट्रोल रूम से मदद लेनी पड़ती है। स्थानीय स्तर पर वितरण की तरफ से व्यवस्था सुधारी जा सकती है।