तीन दशक की बंदी के बाद आज चलेगा गोरखपुर खाद कारखाना, सात दिसंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे देश का समर्पित
सात दिसंबर को प्रधानमंत्री खाद कारखाना और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का लोकार्पण करने गोरखपुर आएंगे। प्रधानमंत्री उर्वरक नगर में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ ही खाद कारखाना परिसर में भी तैयारियां तेज हो गई हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। उर्वरक नगर में प्रधानमंत्री की सभा के लिए जर्मन हैंगर लगाने का काम शुरू हो गया है। सभा स्थल पर कई जर्मन हैंगर लगाए जा रहे हैं। खाद कारखाना का ट्रायल गुरुवार को होगा।
सात दिसंबर को प्रधानमंत्री खाद कारखाना और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का लोकार्पण करने गोरखपुर आएंगे। प्रधानमंत्री उर्वरक नगर में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ ही खाद कारखाना परिसर में भी तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री का हेलीकाप्टर एसएसबी परिसर में बने हेलीपैड पर उतरेगा। हेलीपैड और आसपास के इलाके की सफाई का काम तेज कर दिया गया। खाद कारखाना परिसर को सजाने का काम भी शुरू करा दिया गया है। एचयूआरएल के साथ ही विदेश से आए इंजीनियरों की टीम दिन-रात मशीनों की जांच में जुटी हुई है।
कई टीमें बनाई गईं हैं
खाद कारखाना और उर्वरक नगर में सफाई और अन्य तैयारियों के लिए नगर निगम ने अफसरों व कर्मचारियों की कई टीमें बनाई हैं। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि टीमों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। पानी के टैंकर, मोबाइल टायलेट आसपास के जिलों से भी मंगाए जा रहे हैं।
दो दिन बाद होगा ट्रायल
खाद कारखाना में नीम कोटेड यूरिया उत्पादन का ट्रायल अब दो दिसंबर को होगा। पहले ट्रायल मंगलवार को ही होना था लेकिन प्रबंधन ने इसे दो दिन बाद करने का निर्णय लिया है। दो दिसंबर को पांच सौ मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया का उत्पादन किया जाएगा। इस प्रक्रिया को रिकार्ड भी किया जाएगा और उत्पादन रुकने के बाद सभी मशीनों की तत्काल जांच शुरू की जाएगी।
गोरखपुर में हो सकेगी जीनोम सिक्वेंसिंग
क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) की नव निर्मित नौ लैब का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात दिसंबर को लोकार्पण करेंगे। जीन सिक्वेंसर मशीन का आर्डर दिया जा चुका है। यह मशीन आने के बाद गोरखपुर में जीनोम सिक्वेंसिंग हो सकेगी। अब इसके लिए नमूने दिल्ली या पुणे नहीं भेजने पड़ेंगे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोरोना के वैरिएंट का पता लगाने को मरीजों के नमूने लेकर जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग के लिए दिल्ली व पुणे भेजे गए थे। वहां पूरे देश से नमूने जांच के लिए पहुंचे थे, भार बहुत अधिक था। इसलिए तीन माह बाद जांच रिपोर्ट आ पाई। अब आरएमआरसी के लैब में ही यह जांच हो सकेगी। इसलिए रिपोर्ट अधिकतम तीन दिन में मिल जाएगी।
सभी वैरिएंट की हो सकेगी पहचान
कोरोना का कौन सा वैरिएंट लोगों को ज्यादा परेशान कर रहा है, इसका पता जीनोम सिक्वेंसिंग से लगाया जाएगा। डेल्टा हो या डेल्टा प्लस, कप्पा हो या ओमिक्रोन, सभी के जीन की पहचान आरएमआरसी के लैब में की जा सकेगी।
बनकर तैयार हो गई हैं ये लैब
इम्युनोलाजी: वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता तथा उसके प्रभाव पर शोध होंगे।
मालीक्यूलर बायोलाजी: जीनोम सिक्वेंसिंग की जा सकेगी।
माइकोलाजी: फंगल की जांच सहित शोध हो सकेगा।
मेडिकल इंटेमोलाजी: डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफ्लाइटिस आदि के वाहक कीटों पर शोध होगा।
नान कम्युनिकेबल डिजीज: मधुमेह व हाइपरटेंशन के कारणों की जांच की जाएगी।
माइक्रोबायोलाजी: वायरस और वैक्टीरिया पर शोध होंगे।
सोशल विहैवियर स्टडी: मानसिक बीमारियों पर शोध किया जाएगा।
हेल्थ कम्युनिकेशन: बीमारियों की रोकथाम के उपायों के प्रचार-प्रसार का प्रमुख जरिया।
इंटरनेशनल हेल्थ पालिसी: इसके जरिए विश्व स्तर की होने वाली बीमारियों के बारे में लोगों को बताया जाएगा।
पांच मंजिला भवन में नौ लैब बनकर पूरी तरह से तैयार हो गई हैं। इन लैबों में जीन मैङ्क्षपग से लेकर जीवाणुओं पर शोध और वैक्सीन के क्षमता की जांच हो सकेगी। भवन व लैब का लोकार्पण सात दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। तैयारियां चल रही हैं। - डा. अशोक पांडेय, वायरोलाजिस्ट, आरएमआरसी।