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ट्रेनों का संचलन न होने से परेशान हैं मुसाफिर

कनोडिया इंटर कालेज के प्रधानाचार्य जितेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि ट्रेन संचलन बंद होने से हर वर्ग के लोग परेशान हैं। नौकरी व्यवसाय करने वालों छात्रों श्रमिकों के सामने यह एक बड़ी समस्या है। सभी को प्राइवेट वाहनों से यात्रा करनी पड़ रही है जिसमें ट्रेन के किराये का दूना देना पड़ता है। वाहन भी खटारा होते हैं हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ट्रेन संचलन शुरू कर सरकार को लोगों की इस गंभीर समस्या का समाधान करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 06:20 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 06:20 AM (IST)
ट्रेनों का संचलन न होने से परेशान हैं मुसाफिर

कुशीनगर : वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए मार्च महीने में बंद हुई ट्रेनों को चलाने के लिए इन दिनों मांग जोर पकड़ने लगी है। किसान नेता रामचंद्र सिंह सिंह ने कहा कि अब कोरोना का खतरा कम हो गया है सरकार को ट्रेनों के चलाने पर विचार करना चाहिए। ट्रेन संचलन बंद होने से यात्रियों को काफी कठिनाई हो रही है। हर रोज बड़ी संख्या में लोगों का गोरखपुर से कप्तानगंज, पडरौना तक आना-जाना होता है। एक तो समय से साधन न मिलने की दिक्कत होती है और दूसरे किराया भी अधिक लगता है।

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कनोडिया इंटर कालेज के प्रधानाचार्य जितेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि ट्रेन संचलन बंद होने से हर वर्ग के लोग परेशान हैं। नौकरी, व्यवसाय करने वालों, छात्रों, श्रमिकों के सामने यह एक बड़ी समस्या है। सभी को प्राइवेट वाहनों से यात्रा करनी पड़ रही है, जिसमें ट्रेन के किराये का दूना देना पड़ता है। वाहन भी खटारा होते हैं, हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ट्रेन संचलन शुरू कर सरकार को लोगों की इस गंभीर समस्या का समाधान करना चाहिए।

एडवोकेट विनोद मिश्र ने कहा कि गोरखपुर से बड़ी संख्या में हर रोज वकील व अन्य कर्मचारी आते हैं। ट्रेन चलने पर वह समय से पहुंच जाते थे, लेकिन जबसे संचलन बंद हुआ सभी के सामने आवागमन की दिक्कत हो गयी है। व्यापारी गोलू मिश्र ने व्यापारियों की समस्याओं का जिक्र करते हुए ट्रेन का संचलन शुरू कराने की मांग की।

रोडवेज बस चलवाने की मांग

जंगल नौगांवा: यूपी व बिहार की सीमा पर स्थित जंगल नौगांवा घाट से पूर्व में गोड़रिया, पडरौना, कसया होते हुए गोरखपुर व देवरिया के लिए रोडवेज की बस चलाई जाती थी। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण बस का संचालन बंद हो गया। ब्रजेश ओझा, अहमद, अभिमन्यु ओझा, राजमंगल यादव, रामसकल प्रसाद, हरिकेश खरवार, नागेंद्र, नारायन, पप्पू, अशोक, बच्चन, रामअशीष आदि ने शासन से बस चलवाने की मांग की है।


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