गोरखपुर के जिला अस्पताल में बनेगा ट्रामा सेंटर, 1.20 करोड़ रुपये मंजूर
शहर में अभी तक एकमात्र ट्रामा सेंटर बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में है। जिला अस्पताल में ट्रामा खुल जाने से आम जन को बड़ी राहत मिलेगी। मरीजों को जल्दी इलाज मिल जाने से उनकी जान बचने की संभावना बढ़ जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। आम जन के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर बनेगा। तैयारियां तेज हो गई हैं। अस्पताल के बगल में खाली पड़ी नौ हजार वर्गफीट जमीन को इसके लिए चुना गया है। भवन दो मंजिला होगा। प्रदेश सरकार ने निर्माण के लिए 1.20 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया है। ट्रामा भवन का मानचित्र भी स्वीकृत हो गया है।
शहर में अभी तक एकमात्र ट्रामा सेंटर बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में है। दुर्घटना में घायल होने, ब्रेन हैमरेज या हार्ट अटैक होने अथवा किसी कारणवश अचानक गंभीर हुए मरीजों को वहीं जाना पड़ता है। शहर से दूर होने और मेडिकल कालेज रोड पर दिन में अक्सर जाम होने की वजह से मरीजों को वहां पहुंचने में आधा से एक घंटे का समय लगता है। इस दौरान कई मरीज दम तोड़ देते हैं। जिला अस्पताल में ट्रामा खुल जाने से आम जन को बड़ी राहत मिलेगी। मरीजों को जल्दी इलाज मिल जाने से उनकी जान बचने की संभावना बढ़ जाएगी। ट्रामा में छह बेड का वार्ड होगा। वहां इमरजेंसी मेडिकल आफिसर के अलावा आर्थो व सर्जरी के डाक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ 24 घंटे मौजूद रहेंगे। मरीज के पहुंचने पर तत्काल इलाज व आपरेशन शुरू हो जाएगा। इसके लिए वहां एक आपरेशन थियेटर, एक्सरे रूम व पैथोलाजी लैब भी बनाई जाएगी। साथ ही दो नर्सिंग स्टेशन व एक रिकार्ड रूम होगा।
अभी इमरजेंसी में देखे जाते हैं मरीज
जिला अस्पताल में अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। एक सामान्य इमरजेंसी है। जहां सामान्य मरीज देखे जाते हैं और उन्हें भर्ती कर लिया जाता है। न तो इमरजेंसी में आपरेशन थियेटर है और न ही पैथोलाजी। गंभीर मरीजों के आने पर उन्हें मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया जाता है। जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एसी श्रीवास्तव का कहना है कि ट्रामा सेंटर के लिए 1.20 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हो गया है। शीघ्र ही निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। इसके बन जाने से मरीजों को बड़ी सुविधा मिलेगी। 24 घंटे वहां विशेषज्ञ डाक्टर तैनात किए जाएंगे। वहीं एक्सरे, आपरेशन व पैथोलाजिकल जांच हो सकेगी। ताकि मरीज का तत्काल इलाज शुरू किया जा सके।