Indian Railway: रेलवे बोर्ड की रोक के बाद भी NER में हो रहे तबादले
रेलवे बोर्ड की रोक के बाद भी एनईआर में तबादले हो रहे हैं। वाराणसी मंडल में नियमों को ताक रखकर रेल लाइनों पर कार्य करने वाले 14 चतुर्थ श्रेणी तथा 9 स्टेशनों मास्टरों का तबादला कर दिया गया है।
गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विेदी। पूर्वोत्तर रेलवे में रोक के बावजूद धड़ल्ले से ट्रांसफर-पोस्टिंग (तबादले) हो रहे हैं। कहीं कोई नोटिस लेने वाला नहीं है। वाराणसी मंडल में तो नियमों को ताक रख रेल लाइनों पर कार्य करने वाले 14 चतुर्थ श्रेणी (कांटा वाला व फाटक वाला) तथा 9 स्टेशनों मास्टरों का तबादला कर दिया गया है। इसमें कुछ मंडल प्रशासन ने स्वयं किया है, जबकि कुछ ट्रांसफर स्वयं के अनुरोध पर किए गए हैं।
कोविड-19 को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने 31 मार्च तक ट्रांसफर पर लगाई है रोक
यह तबादले तब हुए हैं जब रेलवे बोर्ड ने कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 31 मार्च 2021 तक आवधिक ट्रांसफर पर पूरी तरह से रोक लगाई है। जानकारों के अनुसार संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की आपसी मिली भगत से यह तबादले किए गए हैं। इसको लेकर कर्मचारी संगठनों में भारी आक्रोश है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) ने तो विरोध भी जताया है।
नरमू ने जताया विरोध
यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त का कहना है कि रेलवे प्रशासन के पास कर्मचारियों के बच्चों को देने के लिए ट्यूशन शुल्क नहीं है। एरियर का भुगतान नहीं हो रहा है। खर्चों में कटौती के नाम पर रात्रि भता बंद कर दिया गया है। विभिन्न तरह के भत्तों पर रोक लगी हुई है लेकिन ट्रासंफर करने में किसी नियम का पालन नहीं किया जा रहा। जबकि ट्रांसफर में रेलवे को अतिरिक्त भत्ता देना पड़ता है। तो सवाल यह है कि ट्रांसफर के नाम पर यह भत्ता कहां से दिया जाएग। वाराणसी मंडल ही नहीं लखनऊ और इज्जतनगर में भी रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। यूनियन इसका विरोध करती है। इस मामले को महाप्रबंधक और रेलवे बोर्ड के समक्ष उठाया जाएगा। इसके बाद भी रेलवे प्रशासन की मनमानी पर रोक नहीं लगी तो यूनियन सड़क पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होगी।