Move to Jagran APP

फोटो : ठंड में बालू के अवैध खनन की गर्मी

मिश्रौलिया थाना क्षेत्र में बालू का अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है। कड़ाके की ठंड में इससे जुड़े लोग चांदी काट रहे हैं। शीतलहर भरे मौसम में सुबह-शाम नदी के निकट गाड़ियां खड़ी हो जाती हैं और इसी पर बालू लादकर ढोया जाता है। सर्द मौसम में किसी जिम्मेदार की ओर से जांच नहीं की जा रही है जबकि पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में रहता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 04:22 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 04:22 PM (IST)
फोटो : ठंड में बालू के अवैध खनन की गर्मी
फोटो : ठंड में बालू के अवैध खनन की गर्मी

सिद्धार्थनगर : मिश्रौलिया थाना क्षेत्र में बालू का अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है। कड़ाके की ठंड में इससे जुड़े लोग चांदी काट रहे हैं। शीतलहर भरे मौसम में सुबह-शाम नदी के निकट गाड़ियां खड़ी हो जाती हैं और इसी पर बालू लादकर ढोया जाता है। सर्द मौसम में किसी जिम्मेदार की ओर से जांच नहीं की जा रही है, जबकि पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में रहता है।

loksabha election banner

क्षेत्र में बूढ़ी राप्ती नदी का मधवापुर घाट अवैध खनन के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है। महीनों से यहां अवैध खनन किया जा रहा है। जिसकी न तो खनन विभाग जांच कर रहा है और न ही पुलिस प्रशासन। इधर मौसम भी कारोबारियों का साथ दे रहा है। सुबह-शाम दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रालियों पर बालू लादकर ढोया जा रहा है। इससे जहां राजस्व की क्षति होती है, वहीं बंधे से सटे गांवों का भी नुकसान होता है। अवैध खनन से नदियों का रूख भी बदल जाने का खतरा बना रहता है।

ग्रामीणों में राम सुरेश, सोहन, महबूब, राधेश्याम का कहना है कि घाट के पास चले जाएं तो यहां हर समय निशान मिलेगा। धंधे से जुड़े लोग अपने-अपने हिस्से के लिए दिन में निशान लगा देते हैं और फिर शाम व सुबह में चिह्नित स्थान पर बालू की खोदाई कराकर उसको निर्धारित स्थान पर पहुंचाते हैं। गांवों में बालू भरी प्रति ट्राली के लिए दो-दो हजार रुपया वसूला जाता है। यदि प्रशासन की ओर से छापेमारी की जाए तो कई लोग पकड़ में आ सकते हैं, जिनकी संलिप्तता अवैध खनन में जुड़ी होती है। जांच नहीं होती है, इसलिए धड़ल्ले से अवैध खनन का धंधा चल रहा है।

उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है। अवैध खनन हो रहा है तो गलत है। समय-समय पर छापेमारी के साथ कार्रवाई की जाती है। इसका धंधा हो रहा है तो ग्रामीण इसकी सूचना दें, तत्काल जांच कर कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.