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पीपीई किट पहनकर रेल लाइनों की निगरानी करेंगे ट्रैकमैन Gorakhpur News

रेलवे ने अपने पीपीई किट में सेफ्टी हेलमेट माइनर लाइट सेफ्टी बूट या शूज उच्च दृश्यता वाला विंटर जैकेट शामिल किया है। इस किट के अलावा ट्रैकमैनों को मोबाइल सिम दिए जा रहे हैं। स्टेशनों पर उनके लिए रेस्ट रूम भी तैयार किए जा रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 09:01 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 09:01 AM (IST)
पीपीई किट पहनकर रेल लाइनों की निगरानी करेंगे ट्रैकमैन Gorakhpur News
ठंड के समय में लाइनमैरन रेलवे ट्रैक की निगरानी पीपीई किट पहनकर करेंगे। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। चिकित्सकों और स्टाफ नर्स की तरह रेल लाइनों की सुरक्षा में लगे ट्रैकमैन भी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट किट (पीपीई किट) पहनकर रेल लाइनों की देखभाल करेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने मुख्यालय गोरखपुर सहित लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में तैनात ट्रैकमैनों में किट का वितरण शुरू कर दिया है। दिसंबर के पहले सप्ताह तक पूर्वोत्तर रेलवे के सभी करीब 12 ट्रैकमैमनों को किट उपलब्ध करा दिया जाएगा। 

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रेलवे ने अपने पीपीई किट में सेफ्टी हेलमेट, माइनर लाइट, सेफ्टी बूट या शूज, उच्च  दृश्यता वाला विंटर जैकेट शामिल किया है। इस किट के अलावा ट्रैकमैनों को मोबाइल सिम दिए जा रहे हैं। स्टेशनों पर उनके लिए रेस्ट रूम भी तैयार किए जा रहे हैं। किट और सिम का वितरण तेजी के साथ किया जा रहा है। ताकि, ट्रैकमैनों को रात के समय रेल लाइनों की निगरानी करने में कोई परेशानी न हो। दरअसल, कोहरे के समय ट्रेनों को निर्बाध गति से समय से संचालित करना रेलवे के समने बड़ी चुनौती होती है। जानकारों के अनुसार ठंड में रात के समय रेल फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाती है। दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए पटरियों की निगरानी बढ़ा दी जाती है। इसके लिए ट्रैकमैनों की तैनाती की जाती है। लेकिन ठंड और अंधेरे में ट्रैकमैन रेल लाइनों की समुचित निगरानी नहीं कर पाते। ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए रेलवे प्रशासन किट उपलब्ध करा रहा है। ताकि, वे बिना डरे रेल लाइनों की देखभाल सुनिश्चत कर सकें। 

मंडलवार दिए जा रहे हैं किट 

शेफ्टी शूज - इज्जनगर मंडल में 650 दिए जाने हैं। लखनऊ में 990 और वाराणसी में 600 बंट चुके हैं। 

माइनर लाइट - इज्जतनगर में 415, लखनऊ में 990 और वाराणसी में 600 बंट चुके हैं। 

सेफ्टी शूज - इज्जतनगर में 2688 बंटने हैं, लखनऊ में 2739 बंट चुके हैं। वाराणसी में 3991 में 3772 बंट चुके हैं। 

जैकेट - इज्जतनगर में 2688 बंटने हैं, लखनऊ में 2796 बंट चुके हैं। वाराणसी में 3991 में 3272 बंट चुके हैं। 

सिम - इज्जतनगर में 499 में 388 बंट चुके हैं, लखनऊ में 460 और वाराणसी में 569 बंट चुके हैं। 

रेस्ट रूम - इज्जतनगर में 15 में 9 बन चुका है। लखनऊ में 122 में 12 और वाराणसी में 177 में सिर्फ दो बना है। वाराणसी में 20 स्टेशनों पर रेस्ट रूम बनाने की योजना तैयार कर ली गई है। 

बांटे जा चुके हैं 2350 जीपीएस आधारित ट्रैकर 

ट्रैकमैनों की मनमानी नहीं चलेगी। उन्हें हर हाल में रेल लाइनों की निगरानी करनी होगी। लापरवाही पर जीपीएस आधारित ट्रैकर पकड़ लेगा। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में 2350 जीपीएस आधारित ट्रैकर भी बांटे जा चुके हैं। 

ठंड का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में यात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे में अनेक सावधानियां बरती जाती हैं।  जिनमे से एक महत्वपूर्ण कार्य रात्रिकालीन पेट्रोङ्क्षलग है। इसके लिए ट्रैकमैनों को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट दिए जा रहे हैं। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे- गोरखपुर


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