Top Gorakhpur News Of The Day, 30 May 2020, प्रदेश के समस्त जिला अस्पतालों में लगेगी ट्रू-नेट मशीन, दो घंटे में मिलेगा कोरोना का रिजल्ट
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गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में ट्रू-नेट मशीन लगाई जाएगी। इससे कोरोना संदिग्धों की त्वरित जांच संभव हो सकेगा। जिला अस्पतालों में ओपीडी संचालित की जाएगी। इसके लिए सभी जिलों के अस्पतालों का दौरा किया जा रहा है। फिलहाल अभी इमरजेंसी सेवा प्रारंभ है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने शैक्षिक सत्र 2020-21 में स्नातक व स्नातकोत्तर में प्रवेश लेने वाले छात्रों को बड़ी राहत दी है। वित्त समिति की हुई बैठक में विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश परीक्षा आवेदन शुल्क 20 फीसद घटा दिया है। कोरोना के मद्देनजर आवेदन शुल्क घटाने वाला गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विवि बन गया है। शाहपुर के गीता वाटिका में चार दिन पहले विवाहिता की रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई। सात साल पहले उसने प्रेम विवाह किया था। परिवार के लोगों ने मायके वालों के सूचना दिए बगैर दाह संस्कार कर दिया। विवाहिता की मां ने हत्या का आरोप लगाते हुए पति समेत चार के खिलाफ केस दर्ज कराया है। गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की ओर से संचालित होने वाला कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र एक जून से शुरू हो जाएगा। 30 लोगों का पहला बैच बनाया जाएगा और इसमें शामिल लोगों को एलईडी बल्ब, झूमर, झालर, सोलर लालटेन आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें स्वरोजगार का रास्ता भी दिखाया जाएगा। गोरखपुर शह में कुल एक सौ निजी अस्पताल सरकार की दो योजनाओं से जुड़े हैं। आयुष्मान भारत योजना से 62 व हौसला साझेदारी मिशन से 38 अस्पताल जुड़े हैं। इसमें से 10 ऐसे अस्पताल हैं जो दोनों योजनाओं में सूचीबद्ध हैं। इस तरह कुल एक सौ अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना सुरक्षा किट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
जिला अस्पतालों में लगेगी ट्रू-नेट मशीन, दो घंटे में मिलेगा कोरोना का रिजल्ट
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि जल्द ही प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में ट्रू-नेट मशीन लगाई जाएगी। इससे कोरोना संदिग्धों की त्वरित जांच संभव हो सकेगा। जिला अस्पतालों में ओपीडी संचालित की जाएगी। इसके लिए सभी जिलों के अस्पतालों का दौरा किया जा रहा है। फिलहाल अभी इमरजेंसी सेवा प्रारंभ है। सामान्य मरीजों को हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह पहल की है। पहले सीमित ओपीडी संचालित की जाएगी। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराया जाएगा। मास्क लगाना अनिवार्य किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री शनिवार को सिद्धार्थनगर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ट्रू-नेट मशीन में टेस्टिंग के लिए मरीज के मुंह का लार लिया जाएगा। इससे एक से दो घंटे के भीतर रिपोर्ट आ जाएगी। अगर मरीज पॉजिटिव मिलता है तो उसका सैंपल जांच के लिए गोरखपुर मेडिकल कालेज भेजी जाएगी। इससे लाभ यह होगा कि अगर कोई मरीज आता है तो उसकी प्रारंभिक जांच करने के बाद अन्य बीमारियों का उपचार किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि आठ मार्च को प्रदेश में पहला कोरोना का मरीज मिला था। इसके बाद विदेशी पर्यटक के संपर्क में आने से संक्रमित होने वाले मरीजों की पहचान की गई। दूसरे चरण में कोरोना का फैलाव तब्लीगी जमात के जमातियों से हुआ। इसे नियंत्रण में कर लिया गया है। तीसरे चरण में प्रवासी मजदूरों को लाने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 1255 ट्रेनों का संचालन हुआ। जिसमें करीब 28 लाख प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौटे हैं। इनकी प्रारंभिक जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर इन्हें आइसोलेट व फैसेल्टी क्वारंटाइन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं ने 10.25 लाख लोगों की जांच कर ली है। प्रदेश सरकार ने अपनी तैयारियां पूरी कर है। कोरोना संक्रमण को लेकर 78 हजार बेड तैयार हैं। आक्सीजन व वेंटीलेटर की सुविधाएं भी उपलब्ध करा दी गई है। अस्पतालों में संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिला अस्पताल की व्यवस्था में सुधार आया है। सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने प्रवेश परीक्षा का आवेदन शुल्क घटाया
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने शैक्षिक सत्र 2020-21 में स्नातक व स्नातकोत्तर में प्रवेश लेने वाले छात्रों को बड़ी राहत दी है। वित्त समिति की हुई बैठक में विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश परीक्षा आवेदन शुल्क 20 फीसद घटा दिया है। कोरोना के मद्देनजर आवेदन शुल्क घटाने वाला गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विवि बन गया है।
कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में हुई बैठक में गत वर्षों में प्रवेश परीक्षा के दौरान शिक्षकों व कर्मचारियों को दिए जाने वाले मानदेय में भी 20 फीसद कटौती करने का निर्णय लिया गया। साथ ही अन्य खर्चों को भी नियंत्रित करने का फैसला किया गया। बैठक में प्रमुख रूप से वित्त अधिकारी अमर सिंह, कुलसचिव डॉ. ओम प्रकाश, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह, क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी डॉ. अश्विनी मिश्रा, कर्मचारी संघ अध्यक्ष महेंद्र नाथ सिंह, लेखाधिकारी पीएन सिंह, अतुल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
शासन के निर्देश के क्रम में विश्वविद्यालय प्रशासन ने वित्त समिति की बैठक में अन्य खर्चों में भी कटौती करने का निर्णय लिया। इनमें विशेष रूप से स्टेशनरी, कार्यालय व्यय, यात्रा व्यय, स्थानांतरण यात्रा व्यय, अवकाश यात्रा सुविधा तथा मुद्रण एवं प्रकाशन आदि में कटौती शामिल है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष-2020-21 में कोई सेमिनार न कराकर वेबिनार कराने का भी निर्णय गया। साथ ही बैठकें वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कराने तथा सम्मेलन, सेमिनार व कार्यशालाओं के लिए शासकीय भवनों का ही उपयोग करने का निर्णय लिया गया। कुलपति ने कहा है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में पढऩे वाले अधिकांश छात्र ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। इसी के मद्देनजर छात्रहित में प्रवेश परीक्षा आवेदन शुल्क कम करने का निर्णय लिया गया है।
सात साल पहले हुआ था प्रेम विवाह, हत्या कर जलाया शव
शाहपुर के गीता वाटिका में चार दिन पहले विवाहिता की रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई। सात साल पहले उसने प्रेम विवाह किया था। परिवार के लोगों ने मायके वालों के सूचना दिए बगैर दाह संस्कार कर दिया। विवाहिता की मां ने हत्या का आरोप लगाते हुए पति समेत चार के खिलाफ केस दर्ज कराया है। गीता वाटिका की रहने वाली इंद्रावती देवी ने शाहपुर पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनकी बेटी प्रियांशु ने जनवरी 2013 में मोहल्ले के मनीष विश्वकर्मा से प्रेम विवाह किया था। मनीष और उसके घरवाले उन्हें प्रियांशु से मिलने नहीं देते थे।
शादी के कुछ दिन बाद ही उसे प्रताडि़त करने लगे। कई बार उसने जानकारी दिया। 25 मई को प्रियांशु की मौत होने की सूचना मिलने पर वह मनीष के घर गई। पूछने पर परिवार के लोगों ने हार्ट अटैक से मौत की जानकारी दी। कुछ दूरी पर ही घर होने के बाद भी सूचना न देने की वजह पूछने पर टालमटोल करने लगे। आसपास के लोगों से पूछने पर पता चला कि मनीष उसके पिता रामजियावन, उसकी मां और भाई ने मिलकर प्रियांशु की हत्या कर चुपके से शव जला दिया। सीओ गोरखनाथ प्रवीण ङ्क्षसह ने बताया कि हत्या कर साक्ष्य मिटाने का केस दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है।
चीनी उत्पादों को टक्कर देने के लिए प्रशिक्षित होंगे बेरोजगार
गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की ओर से संचालित होने वाला कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र एक जून से शुरू हो जाएगा। 30 लोगों का पहला बैच बनाया जाएगा और इसमें शामिल लोगों को एलईडी बल्ब, झूमर, झालर, सोलर लालटेन आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें स्वरोजगार का रास्ता भी दिखाया जाएगा। प्रशिक्षण की ऐसी व्यवस्था की गई है जो दक्ष लोग अपने हुनर के दम पर चीनी उत्पादों का टक्कर देंगे। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यदि वे उत्पादन करना चाहें तो कर सकेंगे। प्रशिक्षण देने वाली कंपनी उनसे माल तैयार कराकर स्वयं खरीदने का विकल्प भी देगी। प्रशिक्षण में प्रयोग होने वाला कच्चा माल व उपकरण कंपनी की ओर से दिया जाएगा, इसके लिए एक हजार रुपये शुल्क रखा गया है।
प्रशिक्षण देने वाली कंपनी वीएस एनर्जी के विवेक सिंह के अनुसार अभी तक करीब 150 लोगों ने पंजीकरण कराया है। पहला बैच एक जून से शुरू होगा। पांच दिनों तक चलने वाले बैच में सुबह 10 से शाम चार बजे तक उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पंजीकरण कराने वालों में बाहर से आए लोग शामिल हैं। इसके लिए किसी प्रकार का योग्यता या उम्र की बाधा नहीं रखी गई है। पंजीकरण कराने वालों में हाईस्कूल पास भी शामिल हैं तो बीटेक डिग्रीधारी भी। विवेक सिंह का कहना है कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद लोग स्वयं अपने घर पर इन वस्तुओं को बना सकते हैं और बेच सकते हैं। कच्चा माल वे कहीं से भी ले सकते हैं। यदि अपना काम नहीं करना चाहेंगे तो कंपनी के लिए माल तैयार कर सकेंगे। इस दीपावली में चीन से आने वाली झालरों को टक्कर देने के लिए हम बड़े पैमाने पर उत्पादन करेंगे और इसमें प्रशिक्षित लोगों का बड़ा सहयोग होगा। उन्हें रोजगार भी मिलेगा। गीडा के सीईओ संजीव रंजन का कहना है कि कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण के लिए पहला बैच बन गया है। एक जून से प्रशिक्षण शुरू होगा। लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकेगा।
गोरखपुर शहर के एक सौ निजी अस्पतालों को दिए जाएंगे मास्क, थर्मल स्कैनर व पीपीई किट
गोरखपुर शह में कुल एक सौ निजी अस्पताल सरकार की दो योजनाओं से जुड़े हैं। आयुष्मान भारत योजना से 62 व हौसला साझेदारी मिशन से 38 अस्पताल जुड़े हैं। इसमें से 10 ऐसे अस्पताल हैं जो दोनों योजनाओं में सूचीबद्ध हैं। इस तरह कुल एक सौ अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना सुरक्षा किट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। सभी को कुल मिलाकर दो हजार पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट, एक हजार एन 95 मास्क व 500 थर्मल स्कैनर प्रदान किए जाएंगे। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि अगर आयुष्मान योजना का लाभार्थी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता हैं, तो इन अस्पतालों में अपना इलाज निशुल्क करा सकता है। केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना में कोविड-19 के इलाज को भी शामिल कर लिया है। अन्य इलाज तो पहले से ही शामिल हैं। डॉक्टर मरीजों का इलाज पूरी सुरक्षा के साथ कर सकें, इसलिए इन अस्पतालों को विभाग ने सुरक्षा उपकरण देने का निर्णय लिया है।