Top Gorakhpur News Of The Day, 04 July 2020: विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा-कानून व्यवस्था की गिरावट का नमूना है कानपुर की घटना
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गोरखपुर, जेएनएन। विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं सपा नेता माता प्रसाद पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। सिद्धार्थनगर जिला पार्टी कार्यालय में शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में सर्वप्रथम शहीद पुलिस कर्मियों को उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके बाद कहा कि सरकार की कानून व्यवस्था की गिरावट का नमूना कानपुर की घटना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि ठोंक दो, दाग दो, मार दो। दुर्भाग्य कि अपराधियों ने ही पुलिस को ठोंक दिया। यह सरकार अपराधियों का संरक्षण देने काम करती है। । मानव संपदा पोर्टल कमाल का काम कर रहा है। इस पोर्टल से फर्जी शिक्षकों का फर्जीवाड़ा उजागर होता जा रहा है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक जैसे-जैसे पोर्टल पर अपना विवरण अपलोड कर रहे हैं। गड़बड़झाला सामने आ जा रहा है। एक नाम के दो शिक्षक लगातार मिल रहे हैं। रक्षा बंधन पर इस बार भाइयों के हाथों में चाइनीज राखियां नजर नहीं आएंगी। चीन से बढ़ती तल्खी को देखते हुए बहनों से पहले राखी से जुड़े कारोबारियों ने ही चाइनीज उत्पादों का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया है। जिला जेल में बंदियों के इलाज की और बेहतर व्यवस्था की जा रही है। शासन ने जिला जेल में 24 बेड के अस्पताल की मंजूरी दे दी है। नया अस्पताल बनने के बाद जिला जेल के अस्पताल में बेड की संख्या 54 हो जाएगी। 97 लाख 36 हजार रुपये की लागत से बनने वाले नए अस्पताल के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। महराजगंज जनपद के नौतनवा थाना क्षेत्र के बरवा खुर्द गांव में शुक्रवार की देर रात एक प्रेमी-प्रेमिका ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया। एक साथ दोनों की मौत से गांव में हड़कंप मच गया। दोनो एक ही गांव के हैं। प्रेमिका तीन बच्चों की मां थी, जबकि प्रेमी दो बच्चों का पिता था।
विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा-कानून व्यवस्था की गिरावट का नमूना है कानपुर की घटना
विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं सपा नेता माता प्रसाद पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। सिद्धार्थनगर जिला पार्टी कार्यालय में शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में सर्वप्रथम शहीद पुलिस कर्मियों को उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके बाद कहा कि सरकार की कानून व्यवस्था की गिरावट का नमूना कानपुर की घटना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि ठोंक दो, दाग दो, मार दो। दुर्भाग्य कि अपराधियों ने ही पुलिस को ठोंक दिया। यह सरकार अपराधियों का संरक्षण देने काम करती है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण पर कहा कि सरकार की लापरवाही के चलते गांव-गांव वायरस फैल गया है। लॉकडाउन के समय पुलिस ने अपनी जिम्मेदारियों को निभाया, मगर अब सरकार अपनी ही गाइडलाइन का पालन नहीं करा पा रही है। बरसात से पहले प्रवासियों को मनरेगा में काम दिया गया, परंतु बारिश के बाद इनको रोजगार देने की कोई योजना नहीं बनाई गई। राजनैतिक भ्रष्टाचार का आलम है कि मोदी किट भाजपा कार्यकर्ता बांट रहे हैं, जबकि इसका वितरण सरकारी कर्मचारियों से कराना चाहिए था। गांव-गांव जहां सौ-दो सौ प्रवासी आए हैं, वहां केवल 10-15 को ही राशन किट दी जा रही है। थाना व तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर है। छोटे-छोटे मामले में पुलिस वसूली करती है। दो पक्षों में सुलह हो जाए, तब भी धनउगाही की जाती है। भाजपा कार्यकर्ता थाना चला रहे हैं। बारिश को देखते हुए बाढ़ की संभावनाएं बनी हुई हैं, लेकिन बांध की मरम्मत पर ध्यान नहीं जा रहा है, बल्कि बांध मरम्मत के नाम बड़ी रकम बंदरबांट कर ली गई। बिजली सहित इटवा में जो विकास कार्य हो रहे हैं, वह पूर्व में उनके कार्यकाल के दौरान शुरू योजना पर हो रहे हैं। इस सरकार में नया कुछ भी नहीं हुआ है।
कमाल है, पोर्टल पर विवरण अपलोड होते ही आ रही फर्जी शिक्षकों की कुंडली
मानव संपदा पोर्टल कमाल का काम कर रहा है। इस पोर्टल से फर्जी शिक्षकों का फर्जीवाड़ा उजागर होता जा रहा है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक जैसे-जैसे पोर्टल पर अपना विवरण अपलोड कर रहे हैं। गड़बड़झाला सामने आ जा रहा है। एक नाम के दो शिक्षक लगातार मिल रहे हैं। जनपद में एक मामला सहजनवां में पोर्टल पर ब्योरा भरते समय मिल चुका है। विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक के नाम पर एक फर्जी शिक्षक बाराबंकी में तैनात है। इसके अलावा शासन द्वारा जारी सूची में भी भटहट व पाली ब्लाक के एक-एक फर्जी शिक्षकों नाम सामने आ चुके हैं। प्रदेश में अब तक मानव संपदा पोर्टल के जरिये लगभग 342 फर्जी शिक्षक सामने आ चुके हैं, जिससे शासन के कान खड़े हो गए हैं।
जनपद की बात करें तो यहां सबसे पहले सहजनवां में एक मामला सामने आया था। जिसकी सूचना संबंधित शिक्षक प्रमोद सिंह ने बेसिक शिक्षा कार्यालय को दी। जिसके बाद बीएसए बीएन सिंह ने बाराबंकी के बीएसए को इसकी जानकारी देते हुए इसी नाम के वहां तैनात दूसरे शिक्षक की जांच कराने को कहा है। जो दो अन्य फर्जी शिक्षक सामने आए हैं उनमें एक भटहट विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय गुलरिहा बाजार में तैनात रिंकू बाला सिंह तथा दूसरा पाली विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय मुलौली में तैनात सहायक अध्यापक नीलम हैं।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि सभी खंड शिक्षाधिकारियों को जल्द से जनपद के सभी शिक्षकों का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराने का निर्देश दिया गया है। इसको लेकर समय-समय पर बैठक आयोजित की इसमें आ रही व्यावहारिक समस्याओं का निदान भी किया जा रहा है, ताकि कि शासन का निर्देश का समय से शत-प्रतिशत आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जा सके।
गोरखपुर में बड़ी मात्रा में तैयार हो रहीं स्वदेसी राखियां, चाइनीज उत्पादों का किया बहिष्कार
रक्षा बंधन पर इस बार भाइयों के हाथों में चाइनीज राखियां नजर नहीं आएंगी। चीन से बढ़ती तल्खी को देखते हुए बहनों से पहले राखी से जुड़े कारोबारियों ने ही चाइनीज उत्पादों का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया है। जिन कारोबारियों के पास पुराना माल बचा है, वह भी उसे नहीं बेचेंगे। राखी बाजार पर एक तरह से चीन का कब्जा था और 60 फीसद वहीं की राखियां बिकती थीं। खासकर बच्चों में चाइनीज राखी का क्रेज था। बाजार में नईं राखियां बनने लगी हैं। चायनीज राखियों से ज्यादा स्वदेसी राखियां तैयार की जा रही हैं, ताकि ऐन मौके पर किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
रक्षाबंधन में अभी वक्त है, लेकिन राखियों का बाजार सजने लगा है। शहर के घंटाघर, पांडेयहाता और शाहमारुफ में 30 से ज्यादा राखी की थोक दुकानें हैं, जहां दौ सौ से ज्यादा किस्मों की राखियां एवं रक्षासूत्र मौजूद हैं। चीन के खिलाफ लोगों का रोष देखते हुए कारोबारी चाइनीज राखी से पूरी तरह परहेज कर रहे हैं। खरीदारी करने आ रहे दुकानदार भी स्पष्ट कर दे रहे हैं कि सिर्फ स्वदेशी सामान चलेगा। घंटाघर में राखी के थोक विक्रेता शिवम पटवा ने बताया कि माहौल चाइनीज राखियों के खिलाफ दिख रहा है। ऐसे में वहां की राखियां बेचकर अपनों की नाराजगी मोल नहीं ले सकते। हमलोगों ने संकल्प लिया है कि भविष्य में कोई ऐसा सामान नहीं बेचेंगे जो चाइना में बना हो। शाहमारुफ के थोक विक्रेता इसरार अहमद ने बताया कि कोलकाता के कुछ बड़े कारोबारियों ने चाइनीज राखियों के फोटो भेजे थे, जिसे नकार दिया गया। हमलोग सिर्फ स्वदेश निर्मित राखियां ही बेच रहे हैं।
गोरखपुर में राखी का कारोगार करीब पांच करोड़ का है। यहीं से आसपास के जिलों के अलावा बिहार के सिवान से लेकर मोतीहारी तक राखियों की आपूर्ति होती है। 80 फीसद राखियां कोलकाता और मुंबई से आती हैं। चाइनीज राखी सस्ती और देखने में आकर्षक होने के कारण महिलाएं खरीदती थीं। कारोबारियों के मुताबिक पिछले साल तक 60 फीसद चाइनीज राखियां बिकती थीं।चीन बच्चों को ध्यान में रखकर राखियां तैयार करता था। टीवी के चर्चित कार्टून कैरेक्टरों डोरीमोन, छोटा भीम, मोटू पतलू और स्पाइडरमैन जैसी राखियां बच्चों को खूब भाती थीं। इस कारण चाइनीज राखियों की मांग बनी रहती थी। इस बार स्वदेशी राखियों में भी कार्टून कैरेक्टर देखने को मिलेंगे।
सोशल मीडिया पर चीन निर्मित राखियों के बहिष्कार की अपील भी वायरल हो रही है। मैसेज के माध्यम से भाई की कलाई पर साधारण रोली धागा बांधने की अपील की जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि चीन निर्मित वस्तुओं को खरीदकर हम दुश्मन देश को आर्थिक तौर पर मजबूत कर रहे हैं। इस समय बाजार में रुद्राक्ष वाली राखी, चंदन वाली, मोती राखी, स्टोन, रेशमी डोर, क्रिस्टल, स्टोन नग, प्लेन धागा, कार्टून राखी, लाइट वाली राखी, बुटिक राखी और मारवाड़ी राखियां दुकानों पर सजीं हुई मिल जाएंगी। इसके अलावा अन्य और भी राखियां भी तैयार की जा रही हैं।
गोरखपुर जेल में बनेगा 24 बेड का अस्पताल, बीमार बंदियों को अब यहीं पर सुविधा
गोरखपुर जिला जेल में बंदियों के इलाज की और बेहतर व्यवस्था की जा रही है। शासन ने जिला जेल में 24 बेड के अस्पताल की मंजूरी दे दी है। नया अस्पताल बनने के बाद जिला जेल के अस्पताल में बेड की संख्या 54 हो जाएगी। 97 लाख 36 हजार रुपये की लागत से बनने वाले नए अस्पताल के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला जेल की क्षमता तकरीबन नौ सौ बंदियों के रखने की है लेकिन यहां वर्तमान में 18 साै से ज्यादा बंदी हैं। बंदियों के बीमार होने पर पहले इन्हें जेल के 30 बेड के अस्पताल में ले जाया जाता है। यहां पहले से ही बंदी भर्ती होने के कारण बीमार बंदियों काे जिला अस्पताल रेफर करना पड़ता है। जिला अस्पताल में भर्ती बंदियों के लिए जेल प्रशासन को अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था करनी पड़ती है। कई बार बंदी बीमारी का बहाना बनाकर जिला अस्पताल में भर्ती होते हैं और सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर फरार हो जाते हैं। ज्यादा से ज्यादा बंदियों के इलाज के लिए जेल प्रशासन ने शासन में एक और अस्पताल बनाने का प्रस्ताव भेजा था।
जिला जेल में वर्तमान में 30 बेड का अस्पताल है। यहां दो डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट और एक एक्सरे टेक्निशियन की तैनाती है। नया अस्पताल बनने के बाद डॉक्टरों के साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ की तो तैनाती हाेगी ही इलाज के अत्याधुनिक इंतजाम होने से गंभीर रूप से बीमार बंदियों का भी यहीं पर इलाज संभव हो सकेगा। जिला जेल में नया अस्पताल भवन बनाने की जिम्मेदारी जल निगम की कार्यदाई संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) को मिली है। इस संबंध में सीएंडडीएस के निदेशक उमाशंकर दुबे का कहना है कि जिला जेल गोरखपुर में 24 बेड का नया अस्पताल बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। वहीं जेलर प्रेम सागर शुक्ल का कहना है कि नया अस्पताल बनने से बंदियों के इलाज की व्यवस्था और अच्छी हो जाएगी। अभी जेल में 30 बेड का अस्पताल संचालित है।
जहरीला पदार्थ खाकर प्रेमी-प्रेमिका ने दी जान
महराजगंज जनपद के नौतनवा थाना क्षेत्र के बरवा खुर्द गांव में शुक्रवार की देर रात एक प्रेमी-प्रेमिका ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया। एक साथ दोनों की मौत से गांव में हड़कंप मच गया। दोनो एक ही गांव के हैं। प्रेमिका तीन बच्चों की मां थी, जबकि प्रेमी दो बच्चों का पिता था। पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बरवाखुर्द गांव निवासी मोतीलाल की बेटी 28 वर्षीय निशा और इसी गांव के रहने वाले उसके पड़ोसी भीखू का बेटा 30 वर्षीय राकेश के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा थ। दोनो के आपस में चाहने के बाद शादी नहीं कर पाए। मोती लाल अपनी बेटी को लेकर काफी परेशान रहा करते थे। इसके बाद उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व निशा की शादी सिद्धार्थनगर जिला निवासी सूरज से कर दी। शादी के बाद सूरज पत्नी निशा को लेकर गुजरात कमाने चला गया। सूरज अपनी पत्नी बच्चों के साथ वहीं रहने लगा। इधर जब कोरोना की स्थिति पैदा हुई तो लाकडाउन हो गया।
लॉकडाउन के दौरान निशा तीनों बच्चों के साथ अपने मायके बरवाखुर्द आ गई, जबकि उसका पति सूरज गुजरात में ही रुक गया। मायके आने पर निशा अपने प्रेमी राकेश से फिर मिलने-जुलने लगी। इस बात की जानकारी होने पर परिजनों ने उन्हें टोका भी, लेकिन उस पर कोई असर नहीं पड़ा। बताते हैं कि शुक्रवार की शाम दोनों घर से गायब हो गए। परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की , लेकिन पता नहीं चल सका। देर रात गांव के पूरब बुढ़िया माता मंदिर परिसर में दोनों तड़पते हुए मिले। जहरीला पदार्थ खाने से दोनों की हालत गंभीर हो गई थी। परिजनों द्वारा दोनों को संपतिहा स्थित एक निजी चिकित्सालय में ले जाया गया। जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया। सीएचसी लक्ष्मीपुर लाने पर चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर नौतनवा शिव मनोहर यादव ने बताया कि दोनों में अवैध संबंध था। जहरीला पदार्थ खाने से दोनों की मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।