नई शिक्षा नीति की कार्यशाला के लिए गोरखपुर के तीन विद्यालय चयनित Gorakhpur News
पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर में तीन विद्यालयों महात्मा गांधी इंटर कालेज राजकीय जुबिली इंटर कालेज व ज्योति इंटर कालेज नाहरपार का चयन किया गया है। जहां शिक्षकों लिए कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है। एमजी इंटर कालेज व जुबिली इंटर कालेज में कार्यशाला का आयोजन हो चुका है।
गोरखपुर, जेएनएन। माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता जल्द ही उड़ान भरेगी। नई शिक्षा नीति के तहत शासन के निर्देश पर जिले में उड़ान प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है। जिसके जरिए निजी की तरह सरकारी स्कूलों में भी न सिर्फ पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि शिक्षक कक्षाओं में ऐसा वातावरण तैयार करेंगे जिससे छात्र बेहतर शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। गोरखपुर में यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो इसे प्रदेश के अन्य जनपदों में भी लांच किया जाएगा।
यहां पर कार्यशाला का कार्य पूरा
पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर में तीन विद्यालयों महात्मा गांधी इंटर कालेज, राजकीय जुबिली इंटर कालेज व ज्योति इंटर कालेज नाहरपार का चयन किया गया है। जहां शिक्षकों लिए कार्यशाला आयोजित किया जा रहा है। एमजी इंटर कालेज व जुबिली इंटर कालेज में कार्यशाला का आयोजन पूर्ण हो चुका है। जबकि ज्योति इंटर कालेज नाहरपार में कार्यशाला का आयोजन होना है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर कार्यशाला की जिम्मेदारी सूर्य वीणा आदर्श निकेतन ट्रस्ट को सौंपी गई है।
फिल्म दिखाकर प्रशिक्षित किए गए शिक्षक
नई शिक्षा नीति और रोजगारपरक शिक्षा के उद्देश्य से शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट के तहत संस्था के संयोजक व प्रशिक्षक रश्मि रंजन ने मंगलवार को जुबिली इंटर कालेज में पांच घंटे तक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। इस दौरान उन्होंने बीच-बीच में शिक्षकों को लघु फिल्म दिखाकर उन्हें प्रशिक्षित किया। उन्होंने बताया कि स्कूल के साथ ही छात्रों व अभिभावकों से भी संवाद होना आवश्यक है. लेकिन अधिकांश सरकारी स्कूलों में अभिभावक-शिक्षकों की बैठक नहीं होती है. उड़ान के अंतर्गत छात्रों व अभिभावकों के साथ भी एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
इन पर अमल हो तो बने बात
प्रशिक्षण के दौरान खासतौर से शिक्षकों को ग्यारह ङ्क्षबदुओं पर अमल करने पर जोर दिया गया। इनमें शिक्षकों को अपनी इ'छा शक्ति को बढ़ाना, कक्षा प्रबंधन के अभ्यास का परीक्षण, साकारात्मक सीखने का माहौल उपलब्ध कराना, कक्षा को सफलता के लिए तैयार करना, छात्रों को कार्य पर कैसे लगाकर रखें, रोजमर्रा की समस्याओं को कार्य में बाधक न बनने दे, छात्रों के व्यावहारिक समस्याओं का निदान, छात्रों की विशेष जरूरतों पर शिक्षकों का ध्यान देना, अभिभावकों के साथ कैसे संवाद कायम करें, साथ के सहकर्मियों की मदद कैसे लें तथा कक्षा अनुशासन करने के उपाय आदि।