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गैर इरादतन हत्या के जुर्म में तीन अभियुक्‍तों को सश्रम कारावास Gorakhpur News

रामबेलास यादव छह अप्रैल 2013 को गोहना देवारा में परिवार के साथ गेहू के फसल की कटाई कर रहे थे। इसी दौरान गांव के ही कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। इसमें रामबेलास और उनके परिवार के लोग घायल हो गए।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 01:31 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 01:31 PM (IST)
गैर इरादतन हत्या के जुर्म में तीन अभियुक्‍तों को सश्रम कारावास Gorakhpur News
कोर्ट में सुनाई गई सजा का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। अपर सत्र न्यायाधीश नरेंद्र कुमार सिंह ने गैर इरादतन हत्या का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर तीन अभियुक्तों को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उन्हें 12 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थदंड का न अदा करने पर अभियुक्तों को एक माह 14 दिन के अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी।

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गेहूं फसल की कटाई के दौरान हुआ था हमला

बड़हलगंज इलाके के सीधेगौर निवासी रामबेलास यादव छह अप्रैल 2013 को गोहना देवारा में परिवार के साथ गेहू के फसल की कटाई कर रहे थे। इसी दौरान गांव के ही कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। इसमें रामबेलास और उनके परिवार के लोग घायल हो गए। बाद में रामबेलास की उपचार के दौरान आठ अप्रैल 2013 को मौत हो गई थी। इस मामले में सीधेगौर निवासी गुलाब यादव, शिव बहादुर यादव और सोतकारी उर्फ सतीश यादव के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज हुआ था। बाद में पुलिस ने तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले की सुनवाई के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम प्रकाश सिंह और शरदेंदू प्रताप नारायण सिंह ने अभियोजन का पक्ष रखा। अदालत में दलील पेश करते हुए उन्होंने अभियुक्तों को कठोर दंड देने की अपली की थी। बचाव पक्ष को भी सुनने के बाद अदालत ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तों को कठोर कारावास की सजा और अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया।

वृहद लोक अदालत सात को

आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मद्देनजर सात मार्च को पारिवारिक न्यायालयों में परामर्श व सुलह-समझौता के लिए वृहद लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के पत्र के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश दुर्ग नरायन सिंह ने सात मार्च को सुबह 10 बजे से वृहद लोक अदालत के आयोजन का निर्देश दिया। कोई पक्षकार यदि सुलह समझौते के आधार पर अपने मामले का निस्तारण कराना चाहता है तो वह नियत न्यायालय में सात मार्च के पहले प्रार्थना पत्र दे सकता है।


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