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तीन सौ पंपिंग सेट और 16 टैंकर लगाने के बाद भी पानी में डूबे हैं गोरखपुर के मोहल्‍ले

नगर न‍िगम और स्‍थानीय प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी गोरखपुर के न‍िचले ह‍िस्‍से में अब भी पानी लगा हुआ है। शहर के ग्रीन सिटी और सिंघडिय़ा इलाके की कालोनियों में जलभराव के कारण नागरिकों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 01:35 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 10:00 PM (IST)
तीन सौ पंपिंग सेट और 16 टैंकर लगाने के बाद भी पानी में डूबे हैं गोरखपुर के मोहल्‍ले
गोरखपुर शहर के न‍िचले क्षेत्र में लगा बरसात का पानी। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नगर निगम की तमाम कोशिशों के बाद भी शहर में जलभराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। तीन सौ से ज्यादा पंपिंग सेट, पानी निकालने के लिए 16 टैंकर लगाने के बाद भी कई मोहल्लों में अब भी डेढ़ से दो फीट पानी जमा है।

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कई मोहल्‍लों में घरों से न‍िकलना मुश्‍क‍िल

गोरखनाथ क्षेत्र के ग्रीन सिटी और सिंघडिय़ा इलाके की कालोनियों में जलभराव के कारण नागरिकों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल है। नगर निगम प्रशासन ने इलाके में 15 से ज्यादा पंपिंग सेट लगाए हैं लेकिन कुछ कालोनियों में पानी वापस आने से दिक्कत हो रही है। शहर के जलभराव वाले इलाकों में खाली पड़े प्लाटों में भरे पानी से म'छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बशारतपुर पश्चिम गंगानगर चौक निवासी अजीत कुमार खरे ने बताया कि एक महीने से ज्यादा समय से प्लाटों में जलभराव है। नगर निगम से कई बार पानी निकालने का अनुरोध किया जा चुका है लेकिन कोई नहीं सुन रहा है।

सिंघडिय़ा में कम नहीं हो रही मुसीबत

सिंघडिय़ा इलाके में जलभराव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रेलवे पुलिया के नीचे से आ रहे पानी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बगल से गुजर रहे नाले में डालने के बाद भी जलभराव बना हुआ है। वसुंधरानगर, प्रज्ञापुरम, सिंचाई विभाग, गोरक्षनगर आदि मोहल्लों से अब भी पानी नहीं निकला है।

रामजानकीनगर वार्ड में हुआ छिड़काव

नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि वार्ड नंबर 43 रामजानकीनगर में पंपिंग सेट लगाकर पानी निकाला जा रहा है। वार्ड में साफ-सफाई और कीटनाशक दवाओं के छिड़काव, फागिंग आदि के लिए सफाई सुपरवाइजर को जिम्मेदारी दी गई है।

क्षतिग्रस्त देवरिया रोड ने बढ़ाई मुसीबत

सिंघडिय़ा में क्षतिग्रस्त देवरिया रोड ने मुसीबत बढ़ा दी है। सड़क से जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, गड्ढे दिखने लगे हैं। कुछ स्थानों पर तो सड़क का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। दोपहिया वाहन और साइकिल सवारों को देवरिया रोड से गुजरने में दिक्कत हो रही है।


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