Move to Jagran APP

कोरोना के चलते गोरखपुर में तीन सौ करोड़ का निवेश फंसा, गीडा में लगनी हैं 68 नई औद्योगिक इकाइयां

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण गोरखपुर में प्रस्तावित करीब 300 करोड़ रुपये का निवेश फंस गया है। इस निवेश के जरिए 68 नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होनी थी। पर भूखंड आवंटन के नौ महीने बीत चुके हैं और अधिकतर लोगों को कब्जा नहीं मिल पाया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 07:50 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 08:10 PM (IST)
कोरोना के चलते गोरखपुर में तीन सौ करोड़ का निवेश फंसा, गीडा में लगनी हैं 68 नई औद्योगिक इकाइयां
कोरोना संक्रमण के कारण गोरखपुर में तीन सौ करोड़ रुपये का निवेश फंस गया है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, उमेश पाठक। आर्थिक गतिविधियों पर भी कोरोना का व्यापक असर पड़ा है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में प्रस्तावित करीब 300 करोड़ रुपये के निवेश में कोरोना के कारण देरी हो गई। इस निवेश के जरिए 68 नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होनी थी जिसमें 2500 लोगों को रोजगार मिलने की आस थी। पर, भूखंड आवंटन के नौ महीने बीत चुके हैं और अधिकतर लोगों को कब्जा नहीं मिल पाया है। हालांकि गीडा प्रबंधन का दावा है कि इस महीने के अंत तक लगभग सभी आवंटियों को भूखंड का कब्जा दे दिया जाएगा।

loksabha election banner

आवंटन को बीत चुके हैं नौ महीने, अब कब्जा देने की चल रही तैयारी

गीडा के सेक्टर 13 एवं 15 में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। अपने-अपने प्रोजेक्ट के साथ 350 से अधिक उद्यमियों ने रुचि दिखाई थी। तीन सितंबर 2020 को बेहतर प्रोजेक्ट के आधार पर 68 लोगों को औद्योगिक भूखंड आवंटित कर दिए गए। दावा था कि कुछ महीने में रजिस्ट्री कर कब्जा भी दे दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कोरोना के कारण यहां बिजली, सड़क व जल निकासी की व्यवस्था करने में दिक्कत आई।

एग्रो प्रोडक्ट से जुड़ी थीं कई फैक्ट्रियां

इस योजना में औद्योगिक इकाई लगाने के लिए भूखंड पाने वाले कई उद्यमियों ने एग्रो प्रोडक्ट बनाने का प्रस्ताव दिया है। कृषि प्रधान इस क्षेत्र में एग्रो से जुड़ी फैक्ट्रियां किसानों को भी फायदा होगा। 68 में से करीब दो दर्जन से अधिक फैक्ट्रियां इसी से संबंधित थीं। मुंबई में रहने वाले गोरखपुर के एक उद्यमी ने 50 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है।

मिलने लगा कब्जा

आधारभूत संरचना न होने के कारण भूखंड का कब्जा नहीं दिया जा रहा था। यहां भूखंड आवंटन कराने वाली फर्म गोरखपुर आक्सीजन एवं हेल्थ केयर के मानस सिंह ने कोरोना के समय आक्सीजन प्लांट लगाने को कहा था, उसके बाद काम में तेजी लाकर कुछ दिनों में उन्हें जमीन चिन्हित कर दे दी गई। उनकी फैक्ट्री का निर्माण भी हो रहा है। मुंबई के युवा उत्कर्ष पाठक भी यहां फैक्ट्री लगाएंगे लेकिन उन्हें अभी तक जमीन नहीं मिली है। उत्कर्ष का कहना है कि नौ महीने बहुत होते हैं लेकिन स्थितियां विपरीत थीं। गीडा के ओएसडी से बात हुई है, उन्होंने बताया है कि इस महीने रजिस्ट्री हो सकती है।

68 उद्यमियों को भूखंड आवंटित किए गए हैं। सड़क, नाली का काम लगभग पूरा हो चुका है। सड़क आने-जाने लायक तैयार है। करीब 10 लोगों को जमीन की रजिस्ट्री भी हो गई। उम्मीद है कि इसी महीने सभी को रजिस्ट्री कर दी जाएगी। उद्यमी अपनी फैक्ट्री लगाने का काम शुरू कर सकेंगे। - पवन अग्रवाल, सीईओ गीडा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.