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बलिया के शिक्षक के प्रमाण पत्र पर गोरखपुर में नौकरी, अब तक 61 बर्खास्‍त Gorakhpur News

गोरखपुर में तीन और शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 08:12 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 08:12 PM (IST)
बलिया के शिक्षक के प्रमाण पत्र पर गोरखपुर में नौकरी, अब तक 61 बर्खास्‍त Gorakhpur News
बलिया के शिक्षक के प्रमाण पत्र पर गोरखपुर में नौकरी, अब तक 61 बर्खास्‍त Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। जनपद में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की तादाद बढ़ती जा रही है। सोमवार को तीन और शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया। इनमें से एक शिक्षक ऐसा मिला जिसने बलिया में तैनात एक शिक्षक के प्रमाण पत्रों को कूटरचित ढंग से तैयार कर जनपद में नौकरी हासिल कर ली थी। इस कार्रवाई के साथ जिले में अब तक बर्खास्त होने वाले शिक्षकों की संख्या 61 पहुंच गई है। अब विभाग इन तीनों शिक्षकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराकर रिकवरी की तैयारी में है।

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यह शिव बचन सिह नहीं, इसका नाम ददन यादव

बर्खास्त शिक्षकों में शिवबचन सिंह की कैम्पियरगंज के प्राथमिक स्कूल में प्रधानाचार्य के रूप में 15 जुलाई 1996 को नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति पत्र पर शिवबचन का पता व निवास प्रमाण पत्र रतसड़ बलिया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के पास मई 2020 में शिक्षकों के वेतन की ब्योरा आया। जिसमें 192 मामले ऐसे थे जिनमें एक ही पैन कार्ड पर अलग-अलग इंट्री कई जिले के फाइल में मिली। इसी आधार पर शिवबचन को निलंबित कर दिया गया। बलिया में तैनात असली शिक्षक ने इसकी शिकायत की। शिकायतकर्ता के अनुसार कैंपियरगंज में 1996 से नौकरी करने वाले शिक्षक का असली नाम ददन यादव बताया गया। शिकायतकर्ता के आधार पर जांच हुई में सभी बातें सही पाई गई और कैंपियरगंज में तैनात शिक्षक को बर्खास्त किया गया। जांच शुरू होने के बाद जुलाई से ही शिक्षक अनुपस्थित चल रहे हैं।

जाति बदल कर नौकरी की हासिल

दूसरे बर्खास्त शिक्षक संतोष कुमार की ज्वाइनिंग ब्रह्मपुर स्थित प्राथमिक स्कूल में 6 फरवरी 2010 में हुई. 2019 में इसके प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई तो पता चला कि संतोष की जाति गुप्ता है। जबकि इसकी नियुक्ति अनुसूचित जाति कोटे से हुई है। इसके बाद संतोष को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई। संतोष को अपना ब्योरा विभाग के समक्ष रखने के लिए विभाग ने तीन बार पत्र भेजा, लेकिन संतोष ने आज तक ब्योरा प्रस्तुत नहीं किया। जांच में ये पाया गया कि संतोष ने जाति बदल कर नौकरी हासिल की थी।

वंदना ने भी दूसरे के नाम पर ली नौकरी

तीसरी बर्खास्त शिक्षक वंदना पांडेय पुत्री नरेंद्र पांडेय पत्नी रमेश मिश्रा की नियुक्ति 2011 में सिद्धार्थनगर प्राथमिक स्कूल में हुई थी। अंतरजनपदीय तबादले में 2016 को जगंल कौडिय़ा के प्राथमिक स्कूल में वंदना की तैनाती हुई। एसटीएफ गोरखपुर के दिशा-निर्देश पर वंदना की प्रमाणपत्रों जांच शुरू हुई, जिसमें पाया गया कि वंदना ने दूसरे के नाम का अंकपत्र बनाकर पता छिपाते हुए नौकरी हासिल की है। बीएसए बीएन सिंह का कहना है कि प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर तीनों शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी।


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