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भारत में नेपाली नागरिकों का आधार बनाने वाले तीन गिरफ्तार, फर्जी दस्‍तावजों से होता था खेल

पुलिस और साइबर सेल ने नेपाली नागरिकों का आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर सरगना समेत तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। दो आरोपित सोनौली और एक गोरखपुर का है। इनके पास से फरेंदा के डाकघर की आधार आइडी और उससे संंबंधित रबर का थंब इंप्रेशन मिला है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 09:06 AM (IST)
भारत में नेपाली नागरिकों का आधार बनाने वाले तीन गिरफ्तार, फर्जी दस्‍तावजों से होता था खेल
पुलिस ने फर्जी दस्‍तावेजों के सहारे नेपाली नागरिकों का आधार बनाने वाले गिरोह को पकड़ा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले के फरेंदा पुलिस और साइबर सेल ने नेपाली नागरिकों का आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर सरगना समेत तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। दो आरोपित सोनौली और एक गोरखपुर का है। शातिरों के पास से फरेंदा के डाकघर की आधार आइडी और उससे संंबंधित रबर का थंब इंप्रेशन मिला है। इसके बाद पुलिस विभागीय कर्मचारी बताए जा रहे एक युवक से भी पूछताछ कर रही है। 

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गोरखपुर के कैंपियरगंज में बनाते थे आधार, फर्जी मुहर से तैयार करते थे जरूरी दस्तावेज 

रविवार की देर शाम पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि नेपाली नागरिकों का आधार बनने की शिकायत मिली थी। फरेंदा के निरीक्षक गिरिजेश उपाध्याय व साइबर सेल प्रभारी मनोज कुमार पंत की टीम ने सोनौली के वाल्मीकिनगर निवासी दिलशाद, गोरखपुर के कैंपियरगंज के भौराबारी निवासी विमलेश विश्वकर्मा और सोनौली निवासी आटो चालक अमरनाथ को गिरफ्तार किया है। सरगना दिलशाद सोनौली अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मनी एक्सचेंज का काम करता है। वह एक नेपाली नागरिक से 10 हजार रुपये लेकर आटो चालक अमरनाथ के जरिए उन्हें गोरखपुर के भौराबारी लाता था। यहां विमलेश विश्वकर्मा की मोबाइल शाप में फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका आधार पंजीयन कराया जाता था। अमरनाथ ही नेपाली नागरिकों को वापस लेकर जाता था। 

यहां से हुई गिरफ्तारी

रविवार को अमरनाथ छह नेपाली नागरिकों को भौराबारी लेकर जा रहा था। उसे फरेंदा बाईपास के पास गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही पर भौराबारी से विमलेश और सोनौली से दिलशाद को गिरफ्तार किया गया। बरामद साक्ष्यों के अनुसार शातिर 100 से अधिक नेपाली नागरिकों को आधार दे चुके हैं। ये आधार फरेंदा डाक विभाग को जारी आइडी पर जेनरेट किए गए हैैं। तीनों आरोपितों पर जालसाजी, धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज बनाने समेत आइटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। 

यह हुई बरामदगी

60 हजार रुपये, 13 ग्राम व नगर पंचायतों की मुहर, छह लैपटाप, चार ङ्क्षप्रटर, एक स्कैनर, एक फोटो विजन, दो ङ्क्षफगर व एक रेटिना स्कैनर, तीन एडाप्टर, पांच मोबाइल, एक जीपीएस लोकेटर, एक हार्डडिस्क, एक कैमरा, एक माइक, एक रबर थंब इंप्रेशन, तीन सादे कागजों पर नेपालियों के मूल हस्ताक्षर, छह फोटो, दो लैपटाप बैग, नेपाली नागरिक का एक भारतीय वोटर कार्ड, नेपाली नागरिकों के तैयार दो आधार कार्ड, एक आटो, तीन सिमकार्ड।


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