नये नियम से साढ़े तीन लाख आयकरदाताओं को मिलेगी राहत Gorakhpur News
आयकरदाताओं को अब असेसमेंट के लिए किसी अधिकारी का चेहरा देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अधिकारी व करदाता दोनों की पहचान को गोपनीय रहेगी।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को करदाताओं के लिए 'ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन-ऑनरिंग द ऑनेस्ट' (ईमानदारों के लिए सम्मान) प्लेटफ़ॉर्म लांच किया। इससे गोरखपुर व उसके इर्द-गिर्द के जिले के साढ़े तीन लाख करदाताओं को बड़ी राहत मिली है। उन्हें अब असेसमेंट के लिए किसी अधिकारी का चेहरा देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अधिकारी व करदाता दोनों की पहचान को गोपनीय रहेगी। इससे करदाता पूरी तरह भयमुक्त रहेंगे। प्रधानमंत्री ने ईमानदार करदाताओं के लिए सम्मान की बात कही है। इससे भी करदाताओं को बल मिला है। सुबह 11 बजे से आयकरदाता व विभागीय अधिकारियों ने मोबाइल, कंप्यूटर व टेलीविजन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन दिया। आयकर के नये नियमों की जानकारी ली। आयकरदाताओं के लिए विभाग में भी कार्यालय के अलग-अलग कक्षों में शारीरिक दूरी के बीच प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने की व्यवस्था की थी।
आयकर दाताओं की संख्या भी बढ़ेगी
ज्वाइंट कमिश्नर एपी मणि ने बताया कि गोरखपुर, आजमगढ़, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, मऊ जिले में कुल 50 लाख पैनकार्ड धारक हैं। इसमें से सिर्फ साढ़े तीन लाख ही आयकर जमा करते हैं। नये नियम से आयकरदाताओं की संख्या भी बढ़ेगी। नया नियम आयकर दाताओं का जीवन को आसान बनाता है। इससे वह आसानी से अपना व्यवसाय कर सकते हैं और समय पर अपना आयकर भी जमा कर सकेंगे। उन्होंने कहा फेसलेस असेसमेंट व फ़ेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे नियम लागू हुए हैं। इसमें से टैक्सपेयर चार्टर की शुरुआत गुरुवार से ही लागू हो गई है। स्क्रूटनी फेसलेस होने से करदाता को यह नहीं पता होगा कि नोटिस कहां से आ रही है और कौन केस की जांच कर रहा है। ऐसे ही विभागीय अधिकारी को करदाता का पता नहीं होगा। इससे ट्रांसफर पोस्टिंग में भी अधिकारियों की दिलचस्पी घटेगी। किसी को ज्ञात ही नहीं होगा कि उन्हें कहां का केस मिल गया। इससे करदाताओं पर दबाव भी नहीं बनेगा।
रिव्यू कमेटी करेगी आदेश की जांच
इस व्यवस्था के तहत असेसमेंट के बाद अधिकारी जो भी आदेश जारी करेंगे उसकी जांच रिव्यू कमेटी करेगी। फिर फाइनल आदेश जारी होगा। इस पर भी आयकरदाता संतुष्ट नहीं है तो वह अपील कर सकता है। कमिश्नर इनकम टैक्स अपील की जानकारी न तो आदेश जारी करने वाले को होगी और न ही रिव्यू कमेटी को। इससे पूरी तरह निष्पक्षता बनी बनेगी। शहर के चार्टर्ड एकाउंटेंट हिमांशु टिबड़ेवाल कहते हैं कि इस व्यवस्था में करदाता को आयकर विभाग जाने की कोई जरूरत नहीं होगी। सिर्फ आनलाइन प्रश्नों के जवाब देने होंगे।