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तीन एजेंसियों ने 522 किसानों से खरीदा 3186.34 एमटी गेहूं

संतकबीर नगर तीन एजेंसियों ने जिले के 522 किसानों से 3186.34 एमटी गेहूं अब तक खरीदा है। शासन ने अब तक इस जिले के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 06:16 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 06:16 AM (IST)
तीन एजेंसियों ने 522 किसानों से खरीदा 3186.34 एमटी गेहूं

संतकबीर नगर: तीन एजेंसियों ने जिले के 522 किसानों से 3186.34 एमटी गेहूं अब तक खरीदा है। शासन ने अब तक इस जिले के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है।

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पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम गेहूं (पीएफएमएस) के जरिए गेहूं बेंचने वाले किसानों के बैंक खाते में सीधे धनराशि पहुंच रही है। समर्थन मूल्य योजना के तहत एक अप्रैल से 15 जून 2021 तक किसानों से गेहूं की खरीद की जानी है। गेहूं का समर्थन मूल्य प्रति क्विटल 1975 रुपये है। वहीं प्रति क्विटल 20 रुपये पल्लेदारी मिलनी है। किसानों से गेहूं खरीदने के लिए जिले में 54 केंद्र बने हुए हैं। इसमें सर्वाधिक पीसीएफ के 41, मार्केटिग के 12 व मंडी समिति के एक केंद्र शामिल हैं। शासन से गेहूं खरीद के लिए अभी तक लक्ष्य नहीं मिला है। अब तक 522 किसानों से 3186.34 एमटी गेहूं खरीदा जा चुका है। अधिकतर किसानों ने गेहूं फसल कटवा ली है। इससे यह माना जा रहा है कि कुछ दिनों में खरीद केंद्रों पर गेहूं बेंचने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। ----------------- गेहूं बेंचने के लिए आए थे तीन किसान बघौली ब्लाक के जसवल-भरवलिया स्थित मार्केटिग के खरीद केंद्र पर गुरुवार को भरवलिया गांव के निवासी किसान विजयनाथ तिवारी का 30 क्विटल तथा जसवल गांव के निवासी दिग्विजय नाथ तिवारी व गुड्डी देवी का 95 क्विटल गेहूं खरीदा गया। इस केंद्र पर किसान व लेबर मास्क व रुमाल लगाए हुए थे। सैनिटाइजर, हाथ धोने के साबुन, साफ पानी, किसानों के बैठने के लिए सुविधा प्रदान की गई है। केंद्र प्रभारी रमेश चंद्र गौतम ने कहा कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए किसानों से खरीद की जा रही है।

डिप्टी आरएमओ रुपेश सिंह ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए जनपद के सभी खरीद केंद्रों के प्रभारियों को सैनिटाइजर सहित सभी जरूरी सामग्री दे दी गई है। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए किसानों से गेहूं की खरीद हो रही है। फिलहाल गेहूं बेंचने वाले किसानों का कोई बकाया नहीं है। गेहूं बेंचने के बाद इनके बैंक खाते में धनराशि पहुंच जा रही है।

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