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हम तो सड़क पर ही सजाएंगे दुकान, जिसे जो करना हो करे Gorakhpur News

सुबह से आरटीओ दफ्तर के सामने दोनों पटरियों पर वाहनों की लाइनें लग गईं। दक्षिण की तरफ मोटरसाइकिल की लंबी लाइन तो उत्तरी की तरफ चार पहिया वाहन पूरी सड़क को घेरे हुए थे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 07:00 AM (IST)
हम तो सड़क पर ही सजाएंगे दुकान, जिसे जो करना हो करे Gorakhpur News
हम तो सड़क पर ही सजाएंगे दुकान, जिसे जो करना हो करे Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रदूषण जांच केंद्र संचालकों ने शायद यह ठान लिया है कि वे सड़क पर ही अपनी दुकान चलाएंगे। प्रमाण पत्र के लिए मनमाना दाम भी लेंगे। वह भी अधिकारियों की नाक के नीचे। संबंधित अधिकारियों ने भी मन बना लिया है कि वे किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। चाहें आम जनता जाम और प्रदूषण में पिसती ही क्यों न रहे।

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दोनो पटरियों पर वाहनों की लंबी लाइनें

शनिवार को भी सुबह से आरटीओ दफ्तर के सामने दोनों पटरियों पर वाहनों की लाइनें लग गईं। दक्षिण की तरफ मोटरसाइकिल की लंबी लाइन तो उत्तरी की तरफ चार पहिया वाहन पूरी सड़क को घेरे हुए थे। जबकि यह सिविल लाइंस का मुख्य मार्ग है। आरटीओ के अलावा आसपास प्रमुख बड़े अधिकारियों के दफ्तर हैं। आधा दर्जन स्कूल संचालित हैं। इसके बाद भी सड़क पर हर पाल जाम की स्थिति बनी रहती है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह कब तक चलता रहेगा। आम जनता है कि जुर्माना के डर से किसी तरह प्रदूषण और गाडिय़ों के कागजात दुरुस्त कराना चाह रही है। लेकिन सिस्टम है कि सहयोग करने का नाम ही नहीं ले रहा।

नोटिस जारी करने पर भी असर नहीं

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन श्याम लाल का कहना है कि उन्होंने प्रदूषण जांच केंद्र संचालकों को नोटिस जारी कर दी है। लेकिन आज तक कोई असर नहीं दिखा। केंद्र संचालक सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के गेट पर ही डीजल वाले चार पहिया वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए 50 से 100 रुपये तथा मोटरसाइकिलों के लिए 30 की जगह 40 तथा पेट्रोल चार पहिया वाहनों के लिए 30 की जगह 50 रुपये वसूल रहे हैं। यातायात पुलिस विभाग की गाडिय़ां भी दिनभर इस सड़क से होकर गुजरती रहती हैं लेकिन नोटिस नहीं ली जाती है।

क्‍या कहते हैं वाहन स्‍वामी 

पिपराइच से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे दिलीप कुमार प्राइवेट कंपनी में कार्य करते हैं। वह बताते हैं कि उन्होंने आज छुट्टी ले रखी है। सुबह से लाइन में लगा हूं। प्रमाण पत्र के लिए अतिरिक्त पैसा ले रहे हैं लेकिन मजबूरी में देना ही पड़ेगा। जांच केंद्र संचालक अतिरिक्त पैसा नहीं मिलने पर पर प्रमाण पत्र ही नहीं देंगे। फिर दूसरे दिन आना पड़ेगा। कुसम्ही से आए संतोष कहते हैं कि जांच केंद्र वाले लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। दोबारा न आना पड़े इसके लिए लोग अतिरिक्त शुल्क दे रहे हैं। जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए। अधिक से अधिक जांच केंद्र खुलने चाहिए।


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