इंतजार कीजिए, रेलवे में इस साल भी नहीं मिलेगी खिलाड़ियों को नौकरी
रेलवे में इस साल भी किसी खिलाड़ी को नौकरी नहीं मिलेगी। खेल कोटे से मिलने वाली नौकरियां बंद हैं। इससे खिलाड़ियों में निराशा हो गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में नौकरी देने वाला भारतीय रेलवे भी होनहार खिलाड़ियों से मुंह फेर लिया है। खिलाड़ियों को अभी इंतजार ही करना पड़ेगा। रेलवे बोर्ड ने खेल कोटे से होने वाली खिलाड़ियों की भर्ती पर इस वर्ष भी रोक लगा दी है। रेलवे के इस फरमान से युवा खिलाड़ियों में मायूसी है। वे पिछले तीन साल से खेल कोटा के तहत भर्ती प्रक्रिया के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
रेलवे की इस बेरुखी से खिलाड़ी निराश है, लेकिन उन्होंने आस नहीं छोड़ी है। लगातार तैयारी कर रहे हैं और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत रहे हैं।
जानकारों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया पर रोक के चलते रेलवे में खिलाड़ियों की संख्या भी नहीं बढ़ पा रही। भर्ती प्रक्रिया शुरू रहती तो सिर्फ पूर्वोत्तर रेलवे को ही चार साल में लगभग 64 खिलाड़ी मिले होते। खिलाड़ियों को नौकरी तो मिलती ही, रेलवे की टीम भी और मजबूत होती।
2016 से लगी है 1800 ग्रेड पे के गु्रप डी में भर्ती पर रोक
क्षेत्रीय रेलों और उत्पादन इकाइयों में 25 मई 2016 से 20 जून 2018 तक खेलकूद कोटे के तहत ग्रेड पे 1800 रुपये में ग्रुप डी में भर्ती पर रोक लगी थी। रेलवे प्रशासन ने 2019-20 के लिए भी खेलकूद कोटे के तहत भर्ती प्रक्रिया को फ्रीज कर दिया है।
प्रत्येक वर्ष भर्ती कर सकते हैं 16 खिलाड़ी
नियमों के मुताबिक जोनल स्तर पर प्रत्येक वर्ष 16 खिलाड़ियों को भर्ती करने का प्रावधान है। सभी खिलाड़ी एक खेल में चयनित हो सकते हैं या अलग-अलग खेलों में। रेलवे में 12 तरह के खेल हैं। जिसमें वर्ष 2015 तक हर तरह के खेलों में खिलाड़ियों की भर्ती होती रही। पूर्वोत्तर रेलवे में शुरू से ही कुश्ती, कबड्डी, हॉकी, हैंडबाल, वालीबाल, तैराकी, क्रिकेट और बैंडमिंटन की मजबूत टीम रही है। कुश्ती, कबड्डी और हैंडबाल की टीम तो लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
अगले आदेश तक लगी रहेगी रोक : सीपीआरओ
इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि रेलवे में स्पोर्ट्स कोटे के तहत भर्ती पर पिछले तीन सालों से रोक थी। इस बार भी रोक लग गई है। जब तक नया आदेश नहीं मिल जाता, तब तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक रहेगी।