शोध का पेटेंट भी कराएगा यह विश्वविद्यालय, शुरू की तैयारी Gorakhpur News
गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब न सिर्फ नए-नए शोध होंगे बल्कि उनका पेटेंट भी कराया जाएगा। पहली बार विवि में आइपीआर सेल का गठन किया गया है।
गोरखपुर, प्रभात कुमार पाठक। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब न सिर्फ नए-नए शोध होंगे बल्कि उनका पेटेंट भी कराया जाएगा। पहली बार विवि में आइपीआर सेल (इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी राइट) का गठन किया गया है, जो विवि में हो रहे शोध में न सिर्फ पेटेंट की संभावनाएं तलाश करेगा बल्कि उपयोगिता और नवीनता के आधार पर उन्हें पेटेंट कराने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा। यह सेल यूपीसीएसटी (कौसिंल आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी) के अधीन कार्य करेगा। आइपीआर सेल में विज्ञान संकाय के प्रत्येक विभाग व विधि विभाग के एक-एक समेत 12 प्रतिनिधि शामिल किए गए हैं। पेटेंट होने के बाद यदि कोई संस्था या व्यक्ति उस प्रोडक्ट का उपयोग करता है, तो उसे रायल्टी देनी होगी।
आइपीआर सेल का उद्देश्य
बारह सदस्यीय आइपीआर सेल विवि और इससे जुड़े महाविद्यालय तथा पेटेंट सूचना केंद्र यूपीसीएसटी के बीच सेतु का कार्य करेगा। इसका मुख्य कार्य सलाह व मार्गदर्शन देना है। साथ ही पेटेंट इनफारमेशन सेंटर की सहायता से फैकेल्टी मेंबर को पेटेंट के लिए प्रोत्साहित करना है। विवि के शिक्षक यदि पेटेंट कराना चाहते हैं तो वह सेल को बताएंगे। सेल उन्हें बताएगा कि पेटेंट कैसे कराया जाता है?
ग्यारह विश्वविद्यालयों में गठित है आइपीआर सेल
यूपीसीएसटी ने सूबे के ग्यारह विश्वविद्यालयों में आइपीआर सेल का गठन किया है। पहले चरण में छह विश्वविद्यालयों तथा दूसरे चरण मेें गोरखपुर समेत कानपुर, तकनीकी विवि कानपुर, तकनीक विवि लखनऊ, तकनीकी विवि ग्रेटर नोयडा में इसका गठन किया गया है।
गोरखपुर में कार्यरत है बारह सदस्यीय सेल
दीनदयाल उपाध्याय विवि में गठित आइपीआर सेल के नोडल अधिकारी प्रो.दिनेश यादव के अलावा प्रो.शांतनु रस्तोगी, प्रो.बीना बत्रा कुशवाहा, प्रो.यून त्रिपाठी, प्रो.अनिल कुमार द्विवेदी, प्रो.प्रदीप कुमार यादव, प्रो.अहमद नसीम, प्रो.दिव्यारानी सिंह, प्रो.शरद कुमार मिश्रा, प्रो.मनीष मिश्रा, प्रो.उपेंद्र नाथ त्रिपाठी तथा डा.राजेश कुमार सदस्य हैं।
विवि में पहली बार कुलपति के निर्देश पर आइपीआर सेल का गठन हुआ है। शोध में पेटेंट को बढ़ावा देना इस सेल का मुख्य उद्देश्य है। इसकी पहली बैठक 20 सितंबर को हुई थी। दूसरी बैठक एक अक्टूबर को होने वाली है, जिसमें यूपीसीएसटी के विशेषज्ञ इस पर विशेष जानकारी देंगे। यह सेल विवि के बायोटेक्नोलाजी विभाग में कार्यरत है। -प्रो.दिनेश यादव, नोडल अधिकारी, आइपीआर सेल, डीडीयू