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इस बार समय से पहले होगी मानसून की दस्तक Gorakhpur News

अध्ययन के मुताबिक इस बार मानसून की पहली बारिश 20 जून तक शुरू हो जाने का पूर्वानुमान है और वापसी की तारीख 5-6 अक्टूबर हो सकती है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 10:07 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 10:07 PM (IST)
इस बार समय से पहले होगी मानसून की दस्तक Gorakhpur News
इस बार समय से पहले होगी मानसून की दस्तक Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बीते वर्षों के मुकाबले इस वर्ष पूर्वांचल में मानसून की दस्तक करीब एक सप्ताह पहले हो सकती है। ऐसे में उसकी वापसी भी समय से पहले हो जाएगी। गोरखपुर इन्वायरमेंटल एक्शन ग्रुप की मौसम टीम के अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन के मुताबिक इस बार मानसून की पहली बारिश 20 जून तक शुरू हो जाने का पूर्वानुमान है और वापसी की तारीख 5-6 अक्टूबर हो सकती है।

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पांच अक्टूबर के बाद हो सकती है मानसून की वापसी

अध्ययन टीम के मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि बीते छह वर्ष के मानसून के आगमन के आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता कि आमतौर पर मानसून ने 25 से 30 जून के बीच दस्तक दी है। लेकिन इस बार अलनीनो के न्यूट्रल रहने की वजह से मानसूनी बारिश का सिलसिला करीब एक सप्ताह पहले शुरू हो जाएगा। ऐसे में उसकी वापसी भी पहले ही होने की संभावना है। गणितीय अध्ययन में वापसी की तिथि पांच अक्टूबर के करीब आई है। अध्ययन के मुताबिक इस वर्ष जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में कुल 1084.4 मिलीमीटर बारिश का अनुमान है। इसका औसत आंकड़ा 1137.2 मिलीमीटर है। ऐसे में बारिश अपने औसत स्तर पर बरकरार रहेगी। आंकड़ों में 50 मिलीमीटर का उतार-चढ़ाव सामान्य स्थिति को ही दर्शाता है।

घटेंगे वर्षा के दिन, भारी वर्षा के दिनों में होगा इजाफा

कैलाश पांडेय ने बताया कि अध्ययन के मुताबिक इस वर्ष मानसूनी वर्षा के दिन औसत से कम होंगे जबकि भारी वर्षा के दिनों में इजाफा होगा। जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में वर्षा के औसत दिनों की आंकड़ा 43 है जबकि इस बार 38 दिन ही बारिश होने के आसार हैं। भारी बारिश के दिनों का औसत आंकड़ा तीन से चार दिन है जबकि इस बार इनकी संख्या बढ़कर आठ से नौ दिन होने का अनुमान है। ऐसे में वर्षा के दिनों का संतुलन तो बिगड़ेगा लेकिन बारिश की मात्रा औसत वर्षा के आंकड़े के करीब ही रहेगी। भारी वर्षा के सर्वाधिक दिन जुलाई में होने का पूर्वानुमान है। यहां बता दें कि जिस दिन वर्षा का आंकड़ा 64.5 मिलीमीटर को पार कर जाता है, उस दिन को मौसम विभाग के मानक पर भारी वर्षा का दिन करार दिया जाता है। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक भारी वर्षा के दिनों में बढ़ोत्तरी का कारण ऊपरी वायुमंडल में प्रदूषण का बढऩा है।

इस वर्ष माहवार होने वाली वर्षा का अनुमानित आंकड़ा (मिलीमीटर में)

   महीना        औसत बारिश     इस वर्ष बारिश का पूर्वानुमान

   जून             185.5               176.2

  जुलाई            383.4               371.8

 अगस्त            339.5               319.1

सितंबर            228.8                217.3

कुल              1137.2            1084.4


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