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Gorakhpur Coronavirus News Update: इस बार तेजी से फेफड़ों को संक्रमित कर रहा कोरोना, रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी रहें सतर्क

Gorakhpur Coronavirus News Update पिछले साल फेफड़ों को पूरी तरह संक्रमित करने में कोरोना 10 दिन ले रहा था। इस बार दो-तीन दिन में ही फेफड़े पूरी तरह संक्रमित हो जा रहे हैं। ऐसे 30 फीसद मरीज अभी तक मिले हैं। इसलिए सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 06:32 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 06:32 PM (IST)
Gorakhpur Coronavirus News Update: इस बार तेजी से फेफड़ों को संक्रमित कर रहा कोरोना, रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी रहें सतर्क
कोरोना वायरस संक्रमण का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। पिछले साल फेफड़े को 10 दिन में संक्रमित करने वाला कोरोना इस बार दो-तीन दिन में ही पूरी तरह संक्रमित कर दे रहा है। मेडिकल कालेज पहुंच रहे मरीजों में तकरीबन 30 फीसद ऐसे हैं? जिनके फेफड़े संक्रमित होने के दो से तीन दिन में ही पूरी तरह खराब हो गए। ऐसा क्यों हो रहा हैं? इसका पता लगाने के लिए मेडिकल कालेज के टीबी एवं चेस्ट विभागाध्यक्ष डा. अश्वनी मिश्रा संक्रमित मरीजों पर अध्ययन कर रहे हैं। उनका कहना हैं कि पिछले साल फेफड़ों को पूरी तरह संक्रमित करने में कोरोना 10 दिन ले रहा था। इस बार दो-तीन दिन में ही फेफड़े पूरी तरह संक्रमित हो जा रहे हैं। ऐसे 30 फीसद मरीज अभी तक मिले हैं। इसलिए सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।

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मरीजों के लिए बनाया गया है अलग वार्ड

पिछले साल ज्यादातर लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे थे। इस बार लक्षण वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। बहुत से ऐसे मरीज भी हैं जिनमें लक्षण हैं लेकिन उनकी एंटीजन व रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। उनके लिए मेडिकल कालेज में एक अलग वार्ड बनाकर उनका इलाज किया जा रहा है। उनका भी कोरोना का ही इलाज चल रहा है। वहां 40 मरीज भर्ती हैं। अनेक मरीजों की एंटीजन रिपोर्ट पाजिटिव व आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ रही है लेकिन लक्षण गंभीर हैं। उन्हें विशेषज्ञ 14 दिन तक सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि एंटीजन की रिपोर्ट को सही मानकर कोरोना का इलाज कराएं। इस बार ज्यादातर लोगों में सर्दी-खांसी, गले में खराश, पेट दर्द, दस्त, सिर दर्द, उल्टी, मिचली आदि के लक्षण प्रकट हो रहे हैं। बिना लक्षणों वाले मरीजों की संख्या बहुत कम है।

संक्रमितों पर किया जा रहा अध्ययन

मेडिकल कालेज में भर्ती कोरोना संक्रमितों पर डाक्टर अध्ययन कर रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी खास निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। उनका कहना है कि पिछली बार जिन मरीजों में लक्षण थे, उनमें भी मात्र दो-तीन फीसद लोगों के फेफड़े ही खराब हुए थे। जो ठीक होने के बाद पता चला था। जब उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी तो जांच में पाया गया कि फेफड़े सिकुड़ गए हैं। इस बार ऐसे मरीजों की संख्या लगभग 10 फीसद के आसपास है। साथ ही मात्र दो-तीन दिन में ही फेफड़ा पूरी तरह संक्रमित होने वालों का फीसद लगभग 30 है। बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के टीबी एवं चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डा. अश्वनी मिश्रा का कहना है कि इस बार फेफड़ों को कोरोना तेजी से संक्रमित कर रहा है। ऐसे में हल्के लक्षण होने पर भी जांच करा लें और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी डाक्टर की सलाह लें। समय पर इलाज होने से संक्रमण फैल नहीं पाएगा और किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।


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