.. इसलिए नहीं हो पा रही 20 हजार कुत्तों की नसबंदी Gorakhpur News
गोरखपुर शहर में करीब बीस हजार कुत्ते हैं। नगर निगम इनकी नसबंदी करवाने जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। शहर को कुत्तों से आजादी दिलाने के लिए नगर निगम प्रशासन को कोई साथी नहीं मिल रहा है। कुत्तों की नसबंदी के लिए दो बार टेंडर निकालने के बाद भी कोई संस्था आगे नहीं आयी है। अब तीसरी बार टेंडर निकालने की तैयारी हो रही है।
लगातार बढ़ रही है कुत्तों की संख्या
शहर में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कुत्तों की आबादी पर नियंत्रण पाने का एकमात्र उपाय उनकी नसबंदी है। नगर विकास विभाग के निर्देश के बाद नगर निगम प्रशासन ने दो महीने पहले कुत्तों की नसबंदी के लिए संस्थाओं को आमंत्रित किया था।
यह करना होगा
कुत्तों को मोहल्लों से पकड़कर नगर निगम की ओर से निर्धारित स्थान पर ले जाना होगा। यहां कुत्तों की नसबंदी कर तीन दिनों तक उन्हें रखना होगा। फिर जिस क्षेत्र से ले आया गया है वहीं पर कुत्तों को छोडऩा होगा। संस्था को कुत्तों की संख्या की गिनती के साथ ही उन्हें एंटी रैबीज का इंजेक्शन भी लगाना होगा।
20 हजार से ज्यादा कुत्ते
शहर में अभी कुत्तों की संख्या की गणना नहीं की गई है लेकिन एक अनुमान के अनुसार 20 हजार से ज्यादा कुत्ते हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
कानपुर में नहीं सफल हुई योजना
कानपुर में पिछले साल कुत्तों की नसबंदी की योजना बनाई गई थी। फूलबाग स्थित कांजी हाउस को अस्पताल में बदला गया था। इसमें ऑपरेशन थियेटर के साथ ही प्री-ऑपरेटिव वार्ड, पोस्ट-ऑपरेटिव वार्ड भी बनाए गए थे। समाजोत्थान सेवा संस्थान को नसबंदी का एक साल का ठेका दिया गया था, लेकिन यह संस्था एक साल में तीन सौ कुत्तों की नसबंदी नहीं कर सकी।
कुत्तों की संख्या कम करने के लिए इनकी नसबंदी जरूरी है। दो टेंडर में कोई नहीं आया। अब नगर निगम प्रशासन तीसरी बार टेंडर करेगा। - अंजनी कुमार सिंह, नगर आयुक्त।