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गोरखपुर में अफसरों ने ऐसे बनाया बिजली चोरी का फुल प्‍लान, डेढ़ साल तक चलता रहा खेल Gorakhpur News

इतनी लंबी लाइन बनवाने के लिए यदि बिजली निगम से पैकेज पास कराया जाता तो तकरीबन तीन लाख रुपये का राजस्व जमा करना पड़ा। यानी बिजली चोरी कराने के लिए लाइन भी चोरी से बनाई गई। अफसरों की देखरेख में चोरी की योजना बनाई गई।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 03:05 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 06:15 PM (IST)
गोरखपुर में अफसरों ने ऐसे बनाया बिजली चोरी का फुल प्‍लान, डेढ़ साल तक चलता रहा खेल Gorakhpur News
बिजली विभाग से संबंधित प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। सिकरीगंज के भेउसा उर्फ बनकटवा में अफसरों और कर्मचारियों के सामने डेढ़ साल से लाखों रुपये की बिजली चोरी हो रही थी। अफसरों ने अपनी मौजूदगी में लाइनमैन से 60 मीटर लंबी हाइटेंशन लाइन बनवाई थी। लाइन बनने के बाद शटडाउन लेकर 25 किलोवाट का ट्रांसफार्मर लगवाया गया। लगने के चार महीने बाद ट्रांसफार्मर जला तो कार्यशाला से इसकी रिपेयरिंग भी कराई गई। इतनी लंबी लाइन बनवाने के लिए यदि बिजली निगम से पैकेज पास कराया जाता तो तकरीबन तीन लाख रुपये का राजस्व जमा करना पड़ा। यानी बिजली चोरी कराने के लिए लाइन भी चोरी से बनाई गई। लाइन बनाने के लिए तार, पोल और ट्रांसफार्मर कहां से आए इसका जवाब अभी मिलना बाकी है।

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बिजली निगम की विजिलेंस द्वितीय टीम ने 17 मार्च को भेउसा उर्फ बनकटवा गांव में जब छापा मारा तो चोरी से बिजली का उपभोग करने वाला पूरी तरह निश्चिंत था। न तो उसे और न ही बिजली निगम के अफसरों को उम्मीद थी कि विजिलेंस की टीम बिना सूचना पहुंच जाएगी। अफसरों का मानना है कि यदि विजिलेंस की टीम के छापे की सूचना लीक होती तो कनेक्शन जुड़ा नहीं मिलता।

महीना बंधा था तभी तो नहीं मिली चोरी

सीमेंट से ईंट बनाने, पोल्ट्री फार्म चलाने और अन्य कार्यों में बिजली का उपभोग कराने के एवज में सिकरीगंज खंड के अफसरों और कर्मचारियों को महीना मिलता था। यही वजह थी कि सभी के संज्ञान में बिजली चोरी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी।

लाइनमैन बोला, मैं निर्दोष हूं

सिकरीगंज के जिस लाइनमैन को दबंग बताते हुए अफसर बिजली चोरी कराने का असली गुनहगार बता रहे थे उसने जांच कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा है। संविदा लाइनमैन दिलीप ने बताया कि अफसरों के निर्देश पर उसने ही हाइटेंशन लाइन बनाई और ट्रांसफार्मर से आपूर्ति दी। ट्रांसफार्मर जलने पर अफसरों ने रिपेयङ्क्षरग कराने को कहा तो कार्यशाला से दूसरा ट्रांसफार्मर आने पर उसने ही पुराने की जगह नया लगाया। बताया कि अफसरों ने उसे जो निर्देश दिए वह सिर्फ उसका पालन कर रहा था।

ऊर्जा मंत्री और एमडी तक पहुंचा मामला

सिकरीगंज में बिजली चोरी का मामला ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डा. सरोज कुमार तक पहुंच गया है। अफसरों ने मामले में बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। मुख्‍य अभियंता देवेंद्र सिंह का कहना है कि तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सिकरीगंज में बिजली चोरी का मामला गंभीर है। आरोपितों को बख्शा नहीं जाएगा।


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