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103 वर्षों से हॉकी को नई ऊंचाइयां दे रहा यह मैदान, दे चुका है तीन ओलंपियन Gorakhpur News

हाकी के लिए गोरखपुर के मियां साहब इस्लामिया (एमएसआइ) इंटर कालेज के खेल मैदान की भूमिका रही है। पिछले 103 वर्षों से यह मैदान हॉकी को नई ऊंचाइयां प्रदान कर रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 10:58 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 05:44 PM (IST)
103 वर्षों से हॉकी को नई ऊंचाइयां दे रहा यह मैदान, दे चुका है तीन ओलंपियन Gorakhpur News
103 वर्षों से हॉकी को नई ऊंचाइयां दे रहा यह मैदान, दे चुका है तीन ओलंपियन Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गुरुवार को राष्ट्रीय खेल दिवस है, हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती। देश को सर्वाधिक सम्मान दिलाने वाले इस खेल से गोरखपुर की धरती का गहरा नाता रहा है। यहां से तीन ओलंपियन निकले हैं और एक दर्जन से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी। गोरखपुर को पहचान दिलाने में शहर के मियां साहब इस्लामिया (एमएसआइ) इंटर कालेज के खेल मैदान की भूमिका रही है। पिछले 103 वर्षों से यह मैदान हॉकी को नई ऊंचाइयां प्रदान कर रहा है।

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इस शहर से तीन ओलंपियन निकले हैं, जिनमें से दो, सैयद मोहम्मद अली सईद और प्रेममाया ने यहीं से ओलंपिक तक का सफर तय किया। अली सईद जहां 1964 टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं, वहीं प्रेममाया ने 1980 में मास्को ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1985 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी यहां से निकले हैं।

1916 में शुरू हुआ सफर

पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी एवं राष्ट्रीय अंपायर मोहम्मद शहाबुद्दीन सिद्दीकी के अनुसार 1916 में काजी मोहम्मद उस्मान के निर्देशन में जार्ज इस्लामिया हाईस्कूल (अब एमएसआइ इंटर कालेज) में हॉकी की शुरुआत हुई। तभी से अनवरत यह मैदान हॉकी के उत्थान में योगदान दे रहा है।

खेल का था बेहतरीन माहौल

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता रहे अली सईद का कहना है कि इस मैदान पर हॉकी के लिए बेहतरीन माहौल था, तभी वहां के खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। अर्जुन अवार्डी प्रेममाया का कहना है कि वह एमएसआइ के मैदान पर जाकर लड़कों के साथ अभ्यास करती थीं।

जारी है सफर

नहीं भुला सकते यासीन उज्जफर का योगदान

एमएसआइ इंटर कालेज के मैदान की कल्पना वहां के कोच एस. यासीन उज्जफर के बिना नहीं की जा सकती। वर्षों तक उन्होंने यहां कोचिंग दी और उनसे मार्गदर्शन पाकर कई खिलाडिय़ों ने नाम रोशन किया। प्रेममाया ने भी

ये हैं एमएसआइ के मैदान से निकले सितारे

एसएम अली सईद (ओलंपिक स्वर्ण पदक)

प्रेममाया (ओलंपियन व अर्जुन अवार्ड प्राप्त)

मोहम्मद आरिफ (अंतरराष्ट्रीय)

मो. जिल्लुर्रहमान (अंतरराष्ट्रीय)

शमशुजोहा (अंतरराष्ट्रीय)

गुलाम सरवर (अंतरराष्ट्रीय)

राजकुमार यादव (अंतरराष्ट्रीय)

इम्तियाज अहमद (अंतरराष्ट्रीय)

सनवर अली (अंतरराष्ट्रीय)

दिवाकर राम (अंतरराष्ट्रीय)

हॉकी के लिए एमएसआइ इंटर कालेज में वर्षों से बेहतर माहौल रहा है। हम गौरवशाली इतिहास को संरक्षित रखने का भरपूर प्रयास करते हैं। आज भी निरंतर अभ्यास यहां होता है। - जफर अहमद खान, प्रधानाचार्य, एमएसआइ इंटर कालेज।


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