यूपी के इस जिले को दिसंबर तक मिल जाएगा हाईटेक बस अड्डा, नेपाल व बिहार के लिए शुरू होगी बस सेवा
कुशीनगर जिले को जल्द ही नया हाईटेक बस अड्डा मिल जाएगा। कसया नगर में 4.44 करोड़ की लागत से इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। बस अड्डा से नेपाल व बिहार के लिए परिवहन सेवा शुरू होने की उम्मीद जगी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : दिसंबर के अंत तक कुशीनगर जिले को नया हाईटेक बस अड्डा मिल जाएगा। कसया नगर में 4.44 करोड़ की लागत से इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। एयरपोर्ट से उड़ान शुरू हो जाने के साथ साथ बस अड्डा से नेपाल व बिहार के लिए परिवहन सेवा शुरू होने की उम्मीद जगी है। 2.5 एकड़ के विस्तृत क्षेत्रफल के केंद्र में बन रहे बस अड्डे के मुख्य भवन में प्रतीक्षालय, ब्लाग रूम, वीआइपी रूम, गारमेंट्री महिला व पुरुष, आफिस, एआरएम रूम, ड्राइवर विश्रामालय, शाप, रेस्टोरेंट आदि बनकर तैयार है।
इंटीरियर डेकोरेशन का कार्य जोर-शोर से करा रही है कार्यदायी संस्था
कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग इन दिनों इंटीरियर डेकोरेशन का कार्य जोर शोर से करा रही है। परिसर की चहारदीवारी का कार्य हो चुका है। इंटरलाकिंग का कार्य जल्द शुरू होने की बात बताई जा रही। विलंब का कारण विभागीय अधिकारी लाकडाउन व बरसात बता रहे हैं।
पर्यटकों को मिलेगी सहूलियत
नवनिर्मित बस अड्डा के यूपी बौद्ध सर्किट के महत्वपूर्ण स्थल कुशीनगर में स्थित होने से देशी विदेशी पर्यटकों को सहूलियत होगी। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बनने से बस अड्डा की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। ऐसे में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यहां से बिहार व नेपाल के लिए भी बस सेवा शुरू होगी।
दिसंबर से पहले हर हाल में कार्य पूरा करने के दिए गए निर्देश
लोक निर्माण के एई शरद चंद मिश्र ने कहा कि ठीकेदार को दिसंबर पूर्व हर हाल में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्य पूरा होते ही बस अड्डा यूपी परिवहन निगम को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
दो जोड़ी सवारी गाड़ी चलाने की उठाई मांग
कठकुइयां मोड़ के समीप स्थित कैंप कार्यालय में अपना दल कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें कप्तानगंज-सीवान रूट पर दो जोड़ी सवारी गाड़ी चलाने की मांग उठाई गई। जिलाध्यक्ष राजू सिंह पटेल ने कहा कि सवारी गाड़ी चलाने की मांग करते हुए रेल मंत्री को पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण की रफ्तार कम हो जाने के बाद सरकार ने सभी सेक्टरों को धीरे-धीरे खोल दिया है। पैसेंजर गाड़ियों का संचलन नहीं होने से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। पडरौना जिला मुख्यालय होने के नाते कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी और कोर्ट-कचहरी में आने वाले फरियादियों को निजी साधनों पर निर्भर रहना पड़ता है।