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कोरोना काल में लखनऊ, वाराणसी व प्रयागराज को आक्सीजन दे रहा यूपी का यह जिला

गोरखपुर से लखनऊ फैजाबाद वाराणसी एवं प्रयागराज को भी आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। उत्पादन को और बढ़ाने के लिए जल्द ही गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में कई वर्षों से बंद पड़ी आक्सीजन की एक फैक्ट्री को चलाने पर जोर दिया जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 10:49 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 10:49 AM (IST)
कोरोना काल में लखनऊ, वाराणसी व प्रयागराज को आक्सीजन दे रहा यूपी का यह जिला
लखनऊ, वाराणसी व प्रयागराज को गोरखपुर से आक्‍सीजन की सप्‍लाई की जा रही है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते आक्सीजन की मांग भी बढ़ती जा रही है। गोरखपुर में फिलहाल आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। यहां तीन इकाइयों में हो रहे आक्सीजन के उत्पादन से जरूरत पूरी हो जा रही है। गोरखपुर से लखनऊ, फैजाबाद, वाराणसी एवं प्रयागराज को भी आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। उत्पादन को और बढ़ाने के लिए जल्द ही गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में कई वर्षों से बंद पड़ी आक्सीजन की एक फैक्ट्री को चलाने पर जोर दिया जा रहा है। फैक्ट्री मालिक ने यदि फैक्ट्री चलाने में रुचि नहीं दिखायी तो जिला प्रशासन इसका अधिग्रहण कर अपने स्तर से इसमें उत्पादन शुरू कराएगा।

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प्रतिदिन हो रहा 1600 मेडिकल आक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन

गीडा में मोदी केमिकल्स की दो फैक्ट्रियों में रोजाना करीब 1600 मेडिकल आक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन होता है। इसी तरह एक अन्य फैक्ट्री आरके आक्सीजन में करीब एक हजार सिलेंडर का उत्पादन प्रतिदिन होता है। गोरखपुर में फिलहाल आक्सीजन की जितनी जरूरत है, उससे अधिक उत्पादन हो रहा है। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज से अधिक आक्सीजन की मांग आ रही है। वहां के कई अस्पतालों में आक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। जिससे इन शहरों के अस्पताल गोरखपुर से आक्सीजन की मांग कर रहे हैं।

लखनऊ व फैजाबाद को रविवार को भी आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की गई है। अब वाराणसी व प्रयागराज को भी आक्सीजन देने की तैयारी चल रही है। गीडा में अन्नपूर्णा गैस नाम की इकाई में पहले आक्सीजन का उत्पादन होता था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह इकाई बंद है। इसपर बिजली का बिल भी बकाया है। कोरोना संक्रमण के प्रथम चरण में भी इस इकाई को चलाने की पहल की गई थी लेकिन फैक्ट्री मालिक तैयार नहीं हुए। इस बार भी प्रशासन एवं सीईओ गीडा की ओर से इस फैक्ट्री को चलवाने का प्रयास किया जा रहा है।

फैक्ट्री के मालिक को गीडा सीईओ के यहां बुलाया गया था। यदि इस बार भी वह इकाई संचालित नहीं करते हैं तो जिलाधिकारी अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए फैक्ट्री को टेकओवर कर लेंगे। इसके बाद प्रशासन अपने स्तर से इसमें उत्पादन शुरू कराएगा।

गोरखपुर में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। वाराणसी, प्रयागराज व लखनऊ को भी आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। गीडा में एक और फैक्ट्री में उत्पादन शुरू कराने का प्रयास चल रहा है। फैक्ट्री मालिक स्वयं उत्पादन शुरू करेंगे तो ठीक है, अन्यथा फैक्ट्री को टेकओवर कर उसमें उत्पादन शुरू कराया जाएगा। - के. विजयेंद्र पाण्डियन, जिलाधिकारी।


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