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गोरखपुर विश्वविद्यालय में अगले सत्र से शुरू होगा यह कोर्स

गोरखपुर विश्वविद्यालय में अगले सत्र से बीटेक कोर्स की शुरुआत हो रही है। शुरुआत में सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग शाखाओं में दाखिले होंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 11:24 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 10:22 AM (IST)
गोरखपुर विश्वविद्यालय में अगले सत्र से शुरू होगा यह कोर्स
गोरखपुर विश्वविद्यालय में अगले सत्र से शुरू होगा यह कोर्स

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में अगले सत्र से बीटेक कोर्स की शुरुआत हो रही है। शुरुआत में सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इन्फारमेशन टेक्नालॉजी शाखाओं में दाखिले होंगे। बीटेक कोर्स में दाखिले के लिए एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ की राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा की रैंकिंग आधार होगी, संभव है कुछ सीटों पर जेईई की रैंकिंग के आधार पर दाखिला लिया जाए। स्ववित्तपोषित प्रकृति के इस कोर्स में दाखिले के लिए केवल उत्तर प्रदेश के निवासी ही अर्ह होंगे। बीटेक की कुल सीटों का पांच फीसद एनआइआइ श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए होगा। ऐसे अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। विश्वविद्यालय की विद्यापरिषद इंजीनियङ्क्षरग संकाय की स्थापना को पहले ही अनुमति दे चुकी है, अब शुक्रवार को परिषद बीटेक कोर्स के ऑर्डिनेंस, रूल और रेग्यूलेशन पर विचार करेगी।

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ग्रेडिंग प्रणाली से होगा मूल्यांकन

सेमेस्टर प्रणाली के आधार पर शुरू हो रहे बीटेक कोर्स में छात्रों के मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय में क्रेडिट बेस्ड ग्रेडिंग प्रणाली अपनाई जाएगी। हर सेमेस्टर की परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर अंकपत्र में परीक्षार्थी के सेमेस्टर ग्रेड प्वाइंट एवरेज (एसजीपीए) और कम्यूलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज के अनुसार (सीजीपीए) का विवरण होगा। चार वर्ष की अवधि में पास होने के लिए छात्र को न्यूनतम 192 क्रेडिट जुटाने होंगे।

इन शाखाओं की होगी पढ़ाई

- सिविल इंजीनियरिंग

- कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग

- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

- इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग

- मैकेनिकल इंजीनियरिंग

- इन्फारमेशन टेक्नालॉजी

पहले भी हो चुकी है कोशिश

इंजीनियरिंग की पढ़ाई गोरखपुर विश्वविद्यालय में यूं तो कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2001 में यूपीटीयू की स्थापना से पूर्व तक तब का एमएमएम इंजीनियरिंग कॉलेज इसी विश्वविद्यालय का इंजीनियरिंग संकाय हुआ करता था। अब यह खुद एक विश्वविद्यालय के रूप में उन्नत हो चुका है। वहीं कुलपति के रूप में प्रो. अरुण कुमार के कार्यकाल में गोरखपुर विश्वविद्यालय में बीटेक की पढ़ाई शुरू करने की कोशिश हुई थी। दाखिले के लिए आवेदन मंगाए गए, प्रवेश परीक्षा भी हुई और परिणाम भी घोषित हुआ, लेकिन तकनीकी कारणों से कोर्स शुरू नहीं हो सका। समय-समय पर इस इंजीनियङ्क्षरग संकाय की स्थापना की बात होती रही। अब कुलपति प्रो. वीके सिंह ने एक बार फिर इंजीनियरिंग फैकल्टी की स्थापना की कोशिश शुरू की है।


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