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Top Gorakhpur News Of The Day, 08 February 2020 : Corona virus : गोरखपुर से मास्क गायब, डोर-टू-डेार कूड़ा इकट्ठा करने का रेट निर्धारित

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By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 06:00 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 06:00 PM (IST)
Top Gorakhpur News Of The Day, 08 February 2020 : Corona virus : गोरखपुर से मास्क गायब, डोर-टू-डेार कूड़ा इकट्ठा करने का रेट निर्धारित
Top Gorakhpur News Of The Day, 08 February 2020 : Corona virus : गोरखपुर से मास्क गायब, डोर-टू-डेार कूड़ा इकट्ठा करने का रेट निर्धारित

गोरखपुर, जेएनएन। शहर में स्वाइन फ्लू और कोरोना वायरस की दहशत के बीच अचानक मास्क की मांग कई गुना बढ़ गई है। गुणवत्तायुक्त मास्क बाजार में ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। बड़े पैमाने पर मेडिकल स्टोरों से मास्क की मांग आ रही है, लेकिन दवा की थोक मंडी भालोटिया आपूर्ति करने में अक्षम है, क्योंकि आपूर्तिकर्ता कंपनियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। थोक व्यापारियों के अनुसार दिल्ली, कोलकाता व मुंबई से भी एन 95 मास्क की मांग आ रही है। भालोटिया मार्केट में सर्जिकल सामान की करीब 15 दुकानें हैं। प्रत्येक दुकानदार पहले एक डिब्बा (50 पीस) गुणवत्ता वाला मास्क एन 95 मंगाते थे, जो करीब दो माह में बिकता था। इधर कोरोना व स्वाइन फ्लू की दशहत में एन 95 मास्क अचानक बाजार से खत्म हो गए। गोरखपुर शहर में आपत्ति और सुझाव दिए बिना नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले आठ लाख नागरिक कूड़ा टैक्स के दायरे में आ गए हैं। नगर निगम प्रशासन ने आपत्ति और सुझाव देने के लिए नागरिकों को जागरूक करना भी जरूरी नहीं समझा। यही वजह रही कि आठ लाख की आबादी में एक भी नागरिक ने न तो सुझाव दिया और न ही टैक्स पर आपत्ति जताई। एक महीने का समय पूरा होते ही अफसरों ने नागरिकों पर कूड़ा टैक्स लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। यात्री सुविधाओं का खास ख्याल रख रहा रेलवे एक और सुविधा देने जा रहा है। स्टेशन पर आप ट्रेनों की अपडेट जानकारी लेने के साथ नाश्ता और भोजन भी कर सकेंगे। गोरखपुर रेलवे स्टेशन स्थित देश के सबसे बड़े निर्माणाधीन वेटिंग हॉल (लगभग १२ हजार स्क्वायर फीट) में फास्ट फूड यूनिट खुलेगी। हॉल के पश्चिमी छोर पर लगभग ४३४ स्क्वायर फीट जगह आवंटित भी हो गई है। निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) को सौंपी गई है।

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कंप्यूटर युग में भी दूरदर्शन एंटीना के भरोसे चल रहा है। आज जहां प्राइवेट चैनल मोबाइल पर दिख रहे हैं वहीं दूरदर्शन देखने के लिए एंटीना लगाना जरूरी है। नेट की बात तो दूर टीवी पर साफ पिक्चर देखने के लिए एंटीना तो पकड़कर हिलाना ही पड़ेगा। गोरखपुर ही नहीं डीडी उत्तर प्रदेश के कार्यक्रम भी र्ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हैं। भारत का लोक प्रसारक होने के बाद भी कल्याणकारी कार्यक्रमों का आमजन में ऑनलाइन प्रसारण न होना डिजिटल इंडिया अभियान पर सवाल खड़ा कर रहा है। टेराकोटा के लिए विश्‍व प्रसिद्ध गोरखपुर का गांव औरंगाबाद में कलाकृतियों के नुकसान की भरपाई संबंधित कंपनी करेगी। कंपनी के आधुनिक भट्ठियों के कारण तमाम कलाकृतियां नष्‍ट हो गई थीं। इसलिए लोगों ने उसका उपयोग बंद कर दिया था।

Corona virus : गोरखपुर से मास्क गायब, आपूर्ति करने वाली कंपनियों ने भी खड़े किए हाथ

गोरखपुर, जेएनएन। शहर में स्वाइन फ्लू और कोरोना वायरस की दहशत के बीच अचानक मास्क की मांग कई गुना बढ़ गई है। गुणवत्तायुक्त मास्क बाजार में ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। बड़े पैमाने पर मेडिकल स्टोरों से मास्क की मांग आ रही है, लेकिन दवा की थोक मंडी भालोटिया आपूर्ति करने में अक्षम है, क्योंकि आपूर्तिकर्ता कंपनियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। थोक व्यापारियों के अनुसार दिल्ली, कोलकाता व मुंबई से भी एन ९५ मास्क की मांग आ रही है। भालोटिया मार्केट में सर्जिकल सामान की करीब 15 दुकानें हैं। प्रत्येक दुकानदार पहले एक डिब्बा (50 पीस) गुणवत्ता वाला मास्क एन 95 मंगाते थे, जो करीब दो माह में बिकता था। इधर कोरोना व स्वाइन फ्लू की दशहत में एन 95 मास्क अचानक बाजार से खत्म हो गए। सबसे कम कीमत के ओटी मास्क भी नहीं मिल रहे हैं। दुकानदारों के मुताबिक उनके पास बड़े पैमाने पर मांग आ रही है। जहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं, वहां से भी उलटी मांग गोरखपुर आ रही है। कपड़े के मास्क हरे रंग का होता है। हरे रंग के कपड़े से इसे दर्जी सिलते हैं। इसे स्टीम कर दोबारा उपयोग में लाया जाता है।  कहीं-कहीं उपलब्ध है। इसकी कीमत 40 रुपये है। नान उवेन क्लाथ तो टीशू पेपर जैसा होता है। इसे ओटी मास्क भी कहते हैं। इसका इस्तेमाल केवल एक बार किया जाता है। यह 10 रुपये का है। जहां तक प्रदूषण मास्क की बात है तो यह जालीनुमा कपड़े का होता है। केवल धूल कणों को रोकता है। जीवाणुओं को नहीं रोक पाता। इसका उपयोग एक सप्ताह तक किया जा सकता है। इसकी कीमत 60 रुपये है। इसी तरह एन 95 मास्क है। 09 फिल्ट्रेशन सिस्टम वाला यह मास्क वायरल इंफेक्शन को भी रोकने में सक्षम है। इसका उपयोग एक सप्ताह तक किया जा सकता है। इसकी कीमत बाजार में 150 रुपये है। हाल के दिनों में यह 200 रुपये में बेचा गया।

गोरखपुर में डोर-टू-डेार कूड़ा इकट्ठा करने का रेट निर्धारित, जानें-कब से होगा लागू

गोरखपुर में आपत्ति और सुझाव दिए बिना नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले आठ लाख नागरिक कूड़ा टैक्स के दायरे में आ गए हैं। नगर निगम प्रशासन ने आपत्ति और सुझाव देने के लिए नागरिकों को जागरूक करना भी जरूरी नहीं समझा। यही वजह रही कि आठ लाख की आबादी में एक भी नागरिक ने न तो सुझाव दिया और न ही टैक्स पर आपत्ति जताई। एक महीने का समय पूरा होते ही अफसरों ने नागरिकों पर कूड़ा टैक्स लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। अब इसकी सूची जारी करते हुए इसे राज्यपाल के पास भेज दिया गया है। वहां से अधिसूचना जारी होते ही टैक्स लागू कर दिया जाएगा। डोर टू डोर कूड़ा उठान पर टैक्स लगाने का कानून बनाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने नौ मार्च 2019 को सार्वजनिक सूचना जारी की थी। नागरिकों से एक महीने के अंदर सुझाव या आपत्ति देने को कहा गया था। किसी नागरिक ने न तो आपत्ति जताई और न ही सुझाव दिया। यहां तक कि सड़क, नाली के लिए प्रदर्शन और रोजाना अफसरों से मिलने वाले नेताओं ने भी कूड़ा टैक्स पर अपनी राय नहीं दी। नगर निगम कार्यकारिणी समिति की तीन मई 2018 को तीसरी बैठक और नगर निगम सदन की नौ अक्टूबर 2018 को हुई पांचवीं बैठक में कूड़ा पर टैक्स का प्रस्ताव पारित किया गया था। आपत्ति और सुझाव न मिलने के बाद सदन की 11वीं बैठक में आठ नवंबर 2019 को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया था। तब भी किसी ने आपत्ति या सुझाव न आने का विरोध नहीं किया था।

गोरखपुर रेलवे स्टेशन के सबसे बड़े वेटिंग हॉल में खुलेगी फास्ट फूड यूनिट

यात्री सुविधाओं का खास ख्याल रख रहा रेलवे एक और सुविधा देने जा रहा है। स्टेशन पर आप ट्रेनों की अपडेट जानकारी लेने के साथ नाश्ता और भोजन भी कर सकेंगे। गोरखपुर रेलवे स्टेशन स्थित देश के सबसे बड़े निर्माणाधीन वेटिंग हॉल (लगभग १२ हजार स्क्वायर फीट) में फास्ट फूड यूनिट खुलेगी। हॉल के पश्चिमी छोर पर लगभग ४३४ स्क्वायर फीट जगह आवंटित भी हो गई है। निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) को सौंपी गई है। हालांकि, आइआरसीटीसी पिछले वर्ष से ही फूड प्लाजा के लिए जगह मांग रहा है, लेकिन रेलवे प्रशासन ने अभी यूनिट खोलने की ही अनुमति दी है। दरअसल, विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन (विश्व का सबसे लंबा प्लेटफार्म- १३६६.४४ मीटर) पर खानपान की समुचित व्यवस्था नहीं है। प्लेटफार्म नंबर दो स्थित जन आहार भी महीनों से बंद पड़ा है। यात्री निराश होकर लौट जाते हैं। प्लेटफार्मों पर चाय, कॉफी, नमकीन, बिस्किट और समोसा तो मिल जाता है, लेकिन समुचित नाश्ता व भोजन के लिए परिसर से बाहर जाना पड़ता है। हालांकि, आइआरसीटीसी ने जन आहार को नए कलेवर में खोलने तथा बेस किचन स्थापित करने की योजनाएं परवान नहीं चढ़ पा रही हैं।

गोरखपुर दूरदर्शन अब इस हाल में पहुंचा, अपना ही कार्यक्रम नहीं देख पा रहे लोग

कंप्यूटर युग में भी दूरदर्शन एंटीना के भरोसे चल रहा है। आज जहां प्राइवेट चैनल मोबाइल पर दिख रहे हैं वहीं दूरदर्शन देखने के लिए एंटीना लगाना जरूरी है। नेट की बात तो दूर टीवी पर साफ पिक्चर देखने के लिए एंटीना तो पकड़कर हिलाना ही पड़ेगा। गोरखपुर ही नहीं डीडी उत्तर प्रदेश के कार्यक्रम भी र्ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हैं। भारत का लोक प्रसारक होने के बाद भी कल्याणकारी कार्यक्रमों का आमजन में ऑनलाइन प्रसारण न होना डिजिटल इंडिया अभियान पर सवाल खड़ा कर रहा है। पिछले पांच फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून पर एक परिचर्चा का प्रसारण रात दस बजे हुआ था। इसमें सहजनवां के विधायक शीतल पांडेय ने भी प्रतिभाग किया, लेकिन वे इस कार्यक्रम को देख नहीं पाए। दूसरे दिन वह इंटरनेट पर लिंक के माध्यम से देखना चाहते थे, लेकिन कोई लिंक उपलब्ध नहीं था। जबकि डीडी उत्तर प्रदेश से लखनऊ समेत प्रदेश के समस्त केंद्रों का प्रसारण किया जाता है। गोरखपुर दूरदर्शन केंद्र के कार्यक्रम डीडी यूपी पर बुधवार को रात में दस बजे तथा शुक्रवार को साढ़े दस बजे प्रसारित किए जाते थे, लेकिन इस समय सिर्फ बुधवार को ही प्रसारित किए जा रहे हैं। विधायक के अनुसार आमजन तक सरकार की चल रही योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पा रही। उन्होंने दूरदर्शन से सभी कल्याणकारी योजनाओं का इंटरनेट पर भी प्रसारण करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। इस संबंध में गोरखपुर दूरदर्शन व आकाशवाणी के केंद्राध्यक्ष राहुल सिंह का कहना है कि नेट पर पूरा कार्यक्रम लोड करने के लिए कोई निर्देश नहीं है। एक से दो मिनट के विशेष कार्यक्रम यू-ट्यूब पर लोड किए जाते हैं। कार्यक्रम दोबारा प्रसारित होते हैं। सभी कार्यक्रमों को देखने के लिए अलग से एंटीना लगाना पड़ता है। प्रमुख कार्यक्रम लखनऊ से ही प्रसारित होते हैं। प्रधानमंत्री की योजनाओं का विशेष रूप से प्रसारण किया जाता है।

टेराकोटा के लिए विश्‍वप्रसिद्ध गांव में कलाकृतियों का हुआ नुकसान, अब भरपाई करेगी कंपनी

टेराकोटा के लिए विश्‍व प्रसिद्ध गोरखपुर का गांव औरंगाबाद में कलाकृतियों के नुकसान की भरपाई संबंधित कंपनी करेगी। कंपनी के आधुनिक भट्ठियों के कारण तमाम कलाकृतियां नष्‍ट हो गई थीं। इसलिए लोगों ने उसका उपयोग बंद कर दिया था। शिल्पकारों को दी गई आधुनिक भट्ठी की ट्रायल के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम औरंगाबाद व लंगड़ी गुलरिहा गांव पहुंची। यहां पर टीम ने आधुनिक भट्ठियों की गहनता से जांच पड़ताल की। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनपी मौर्य एवं भी आपूर्तिकर्ता कंपनी ओरिएंटल कलेक्शन के प्रोपराइटर योगेंद्र सिंह यादव की मौजूदगी में गुजरात से आए तकनीकी विशेषज्ञों ने आधुनिक भट्ठी को पुन: ट्रायल करने की तैयारी शुरू कर दी है। तकनीकी विशेषज्ञ अशोक कुमार प्रजापति ने बताया कि आधुनिक भट्ठी लगाने के दौरान कुछ कमियां पाई गई हैं। जिसके कारण ट्रायल फेल हुआ था। विशेषज्ञ ने बताया कि कलाकृति के ठीक से नही सूखने तथा भट्ठी के भीतर नमी ने अंडर ट्रायल को फेल करने में प्रमुख भूमिका निभाई। कंपनी के प्रोपराइटर ने शिल्पकारों के विश्वास को जीतने के लिए ट्रायल के दौरान कलाकृतियों के खराब होने पर पूरा खर्च स्वयं वहन करने का आश्वासन दिया। बताया कि भट्टी का ट्रायल शुरू होने पर तापमान मापक यंत्र थर्मोंकपल यंत्र से प्रत्येक घंटे निगरानी की जाएगी।


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