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CBSE: दिसंबर-जनवरी में होनी हैं प्री-बोर्ड परीक्षा, तैयारी में स्‍कूल Gorakhpur News

वर्तमान में जनपद में कुल 113 सीबीएसई बोर्ड के स्कूल हैं। इन स्कूलों में दो प्री-बोर्ड परीक्षा होने हैं। स्कूल की कोशिश होगी कि अधिक से अधिक बचे आफलाइन परीक्षा दें जिससे वह बोर्ड परीक्षा से पहले अपने को मानसिक रूप से तैयार कर सकें।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 07:10 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 07:10 AM (IST)
CBSE: दिसंबर-जनवरी में होनी हैं प्री-बोर्ड परीक्षा, तैयारी में स्‍कूल Gorakhpur News
सीबीएसई की प्री-बोर्ड परीक्षा का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। सीबीएसई बोर्ड की दिसंबर-जनवरी में होने वाले प्री-बोर्ड परीक्षा की छात्रों को तैयारी कराने में स्कूल जुट गए हैं। 19 अक्टूबर से स्कूल खुलने के बाद से महज 25 फीसद छात्र ही अभी स्कूल आ रहे हैं। ऐसे में शेष बच्‍चे घर से ही पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूलों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती घर बैठे पढ़ रहे बच्‍चों की लिखने की क्षमता बढ़ाना है। ताकि छात्र प्री-बोर्ड परीक्षा स्कूल आकर दें और उनके ऊपर से बोर्ड परीक्षा का तनाव कम हो।

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जनपद में कुल 113 स्‍कूल

वर्तमान में जनपद में कुल 113 सीबीएसई बोर्ड के स्कूल हैं। इन स्कूलों में दो प्री-बोर्ड परीक्षा होने हैं। स्कूल की कोशिश होगी कि अधिक से अधिक बच्‍चे आफलाइन परीक्षा दें, जिससे वह बोर्ड परीक्षा से पहले अपने को मानसिक रूप से तैयार कर सकें। कोविड-19 गाइड लाइन के अनुसार इस बार प्री-बोर्ड परीक्षा आनलाइन व आफलाइन दोनों ही मोड में आयोजित होगी।

कई स्कूलों में चल रहीं अतिरिक्त कक्षाएं

बच्‍चों को बोर्ड परीक्षा की ठीक ढंग से तैयारी कराने के लिए कई स्कूलों ने अतिरिक्त कक्षाएं शुरू की हैं। कोरोना के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद थे। ऐसे में कई विषयों में छात्रों की तैयारी जैसी होनी चाहिए नहीं हो पाई। छात्रों का परीक्षाफल खराब न हो और वह अ'छे नंबरों से पास हो सके। इसको लेकर स्कूल छात्रों को विषयवार तैयारी कराने में जुटे हैं।

छात्रों के सामने लिखने की क्षमता बढ़ाना बड़ी चुनौती

गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन के अध्‍यक्ष अजय शाही का कहना है कि कोरोनाकाल में स्कूल बंद होने के कारण बच्‍चे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाएं थे। बच्‍चे तीन घंटे में अपने सारे प्रश्नों को समय से हल कर सकें इसका अभ्यास कराया जा रहा है। लंबे समय तक आफलाइन पढ़ाई से दूर रहे छात्रों के सामने लिखने की क्षमता बढ़ाना बड़ी चुनौती है। इसको ध्यान में रखकर स्कूल उन्हें ऐसा होमवर्क दे रहे हैं कि वह लिखने का अभ्यास कर सकें।


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