चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए दिनभर रहा जमावड़ा
डीएम आशुतोष निरंजन ने बताया कि यदि किसी महिला शिक्षक ने प्रसूता या बच्चों के देखभाल के लिए अवकाश लिया है तो वह बीएसए के माध्यम से आवेदन पत्र भिजवाएं। बीएसए की स्पष्ट आख्या आवेदन पत्र के साथ होनी चाहिए तभी चुनाव ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा।
देवरिया: विकास भवन में शनिवार को पंचायत चुनाव में ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए दिनभर जमावड़ा लगा रहा। 100 से अधिक लोग आवेदन लेकर आए थे। कोई मतदान के दिन परिवार में शादी होने तो कोई बीमार होने के कारण ड्यूटी करने में असमर्थ बता रहा था। बाबुओं ने उनके आवेदन लेने से इन्कार कर दिया।
मतदान 26 अप्रैल को होना है। उस दिन 3831 बूथों पर 16884 कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी। शेष 2737 कर्मचारी रिजर्व में रहेंगे।मतदान में बड़ी तादाद में कर्मचारियों की आवश्यकता को देखते हुए महिला व पुरुष शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, तहसील कर्मियों, कोरोना जांच में लगाए गए स्वास्थ्य विभाग की भी ड्यूटी लगाई है। बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत उन महिला शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है, जो प्रसूता या बच्चों के देखभाल के लिए अवकाश लेकर घर पर हैं। ड्यूटी आदेश मिलने पर महिला शिक्षक बच्चों व स्वजन के साथ सीडीओ कार्यालय का चक्कर लगा रही हैं। कई कर्मचारी आवेदन पत्र के साथ बीमार होने की पर्ची लेकर पहुंचे थे और चुनाव ड्यूटी करने में असमर्थ बता रहे थे। उनका आवेदन लेने के लिए विकास भवन में कोई कर्मचारी तैयार नहीं था। कर्मचारियों का कहना था कि अधिकारियों ने आवेदन लेने से मना किया है। इसलिए चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने के लिए वह विभाग के अधिकारियों से मिलें। सीडीओ शिव शरणप्पा जीएन ने एक दिन पूर्व बिना अवकाश व अनुमति लिए चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए विकास भवन में आवेदन देने पर 27 मतदान कार्मिकों का वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण मांगा है।
डीएम आशुतोष निरंजन ने बताया कि यदि किसी महिला शिक्षक ने प्रसूता या बच्चों के देखभाल के लिए अवकाश लिया है तो वह बीएसए के माध्यम से आवेदन पत्र भिजवाएं। बीएसए की स्पष्ट आख्या आवेदन पत्र के साथ होनी चाहिए, तभी चुनाव ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा। यदि कोई बीमार है तो उनकी जांच मेडिकल टीम करेगी। उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए मेडिकल टीम गठित की जा रही है।