Move to Jagran APP

पीएचसी जिगिना में सुविधाओं का अभाव

आदर्श जनपद योजनांतर्गत 2005-06 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिगिना ठाकुर का निर्माण कार्य करीब 44.12 लाख रुपये की लागत से कराया गया था। डेढ़ दशक में आवासीय भवन खंडहर हो गया। अस्पताल की बिल्डिग बेहद खराब हो गई। थोड़ी सी बारिश में छत जगह-जगह से टपकने लगता है। यहां बिजली पेयजल व शौचालय की सुविधा नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 06:46 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 06:46 PM (IST)
पीएचसी जिगिना में सुविधाओं का अभाव
पीएचसी जिगिना में सुविधाओं का अभाव

सिद्धार्थनगर : आदर्श जनपद योजनांतर्गत 2005-06 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिगिना ठाकुर का निर्माण कार्य करीब 44.12 लाख रुपये की लागत से कराया गया था। डेढ़ दशक में आवासीय भवन खंडहर हो गया। अस्पताल की बिल्डिग बेहद खराब हो गई। थोड़ी सी बारिश में छत जगह-जगह से टपकने लगता है। यहां बिजली , पेयजल व शौचालय की सुविधा नहीं है। जिससे मरीजों को काफी परेशानी के साथ ही उनके स्वजन को काफी दिक्कतें होती हैं।

loksabha election banner

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जो विद्युत उपकरण लगे थे, सभी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। बिजली न रहने से पानी के लिए लगाई गई टंकी सिर्फ दिखावा बनी है। देसी नल लगा है, वह भी महीनों से खराब है। अस्पताल स्टाफ पानी घर से लाते हैं। पूरे अस्पताल में गंदगी पसरी हुई है। शौचालय केवल नाम का है, स्थिति ऐसी बदहाल कि अंदर कोई जाना नहीं चाहता है। अस्पताल से लेकर आवासीय भवन में कहीं दरवाजा टूट रहा है तो कहीं पर प्लास्टर उखड़ रहा है। जो हालत है उसको देख यहां कोई रहना क्या कुछ समय गुजारना नहीं चाहेगा। अस्पताल में चिकित्सक डा. संजीव कुमार गौतम सहित फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय व स्वीपर की तैनाती है। चिकित्सक के रहने के कारण प्रतिदिन 25 से 30 मरीज तो आते हैं, उन्हें किसी भी तरह की जांच के लिए इटवा जाना पड़ता है, क्योंकि आसपास कोई निजी पैथालाजी भी नहीं है। पहले यहां एक लैब टेक्नीशियन की तैनाती थी तो जांच होती है, मगर कुछ वर्ष पूर्व उनका स्थानांतरण झकहिया अस्पताल में हो गया तबसे यहां कोई नहीं आया। तबसे जांच बंद है। मंगलवार को दोपहर एक बजे संग्रामपुर निवासी अलगू दो वर्ष के बच्चे चंदन को दिखाने के अस्पताल आए, जहां डाक्टर तो मिले, दवा भी लिखी। परंतु इन्हें प्यास का एहसास हुआ तो पानी की कोई व्यवस्था नहीं मिली। चिकित्सक का कहना है कि भवन की स्थिति जर्जर है। बहुत सारी समस्याएं हैं, पर जो संसाधन हैं उसी में बेहतर करने का प्रयास किया जाता है।

सीएचसी इटवा के अधीक्षक डा. बीके वैद्य ने कहा कि अस्पताल में मुख्य समस्या बिजली की है। जिसके कारण पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पाती है। इसके लिए उच्चाधिकारियों सहित विद्युत विभाग के जिम्मेदारों से भी लिखा-पढ़ी की गई है। जहां तक अन्य समस्याएं हैं, उसको दूर कराने का प्रयास किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.