गोरखपुर के शहर के इस हिस्से में भी आइए, पता चल जाएगा विकास Gorakhpur News
वार्ड की बड़ी कालोनी पार्वतीपुरम में अभी खड़ंजा भी नहीं लगा है। बारिश का मौसम खत्म हुए काफी दिन बीत चुके हैं लेकिन अब भी कालोनी में जलभराव है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सामने से निकली बड़ी नाले का अस्तित्व अतिक्रमण के कारण खत्म हो रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। रामगढ़ताल किनारे बसा शहर का वार्ड नंबर 20 गिरधरगंज का ज्यादातर हिस्सा अभी विकास से दूर है। शहर के कई हिस्सों में जहां तेजी से सीसी सड़कें बनाई जा रही हैं वहीं गिरधरगंज के कई मोहल्लों में नागरिकों को खड़ंजा बनने का इंतजार है। नगर निगम में सड़क बनाने के लिए रखी फाइलें धूल खा रही हैं। नागरिकों की गुहार, पार्षद की जी-हजूरी के बाद भी आरोप है कि विकास कार्यों के लिए वार्ड को धन नहीं दिया जा रहा है।
वार्ड की बड़ी कालोनी पार्वतीपुरम में अभी खड़ंजा भी नहीं लगा है। बारिश का मौसम खत्म हुए काफी दिन बीत चुके हैं लेकिन अब भी कालोनी में जलभराव है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सामने से निकली बड़ी नाले का अस्तित्व अतिक्रमण के कारण खत्म हो रहा है। इस नाले से होते हुए पानी रामगढ़ताल में जाता है। जहां नाला दिख भी रहा है, वहां सिल्ट भरा होने के कारण जलनिकासी अवरुद्ध है।
पंपिंग सेट चलाकर निकाल रहे पानी
पार्वतीपुरम में जलभराव के कारण नागरिकों को अपने घर तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। कई दिन गुहार लगाने के बाद नगर निगम प्रशासन ने पंपिंग सेट लगवा लेकिन दो दिन चलने के बाद ही यह खराब हो गया है। पंपिंग सेट बनाने के लिए नगर निगम के पास मैकेनिक ही नहीं हैं।
जलभराव से बढ़ रहे मच्छर
वार्ड के कई मोहल्लों में जलभराव से मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। जगह-जगह इकट्ठा पानी से उठ रही दुर्गंध से नागरिकों का बुरा हाल है। इस वार्ड में कई कालोनियां हैं। इसमें पलडाढ़ा, गिरधरगंज, यादव टोला, पासी टोला, आवास विकास कालोनी, विशुनपुरवा, पार्वती नगर, महादेव झारखंडी, गणेश पुरम, कैलाशपुरम, न्यू कालोनी सिंघडिय़ा आदि शामिल हैं।
क्या कहते हैं वार्ड के लोग
विजय यादव का कहना है कि वार्ड के नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। नगर निगम को सभी कर देने के बाद भी विकास कार्यों की हकीकत सामने हैं। अफसरों ने इस वार्ड को नागरिकों के भरोसे छोड़ दिया है। वहीं सुनीता त्रिपाठी कहती हैं कि बारिश में तो घर छोडऩे की नौबत आ जाती है। अफसरों से शिकायत करो तो कहते हैं कि गड्ढे में मकान क्यों बनवाया। जीवन भर की पूंजी लगाकर अपनी छत बनवाई। सड़क, नाली और पानी का अधिकार अभी मांग रहे हैं। पूनम उपाध्याय का कहना है कि पार्षद ने पानी में मलबा गिरवाया तब कहीं जाकर अब घर पहुंच पाते हैं। किसी की तबियत ज्यादा बिगड़ जाती है तो अस्पताल तक पहुंचाने में हालत खराब हो जाती है। गंदगी भी बहुत ज्यादा है। अंगद कुमार बताते हैं कि रामगढ़ताल किनारे की कालोनियों के नागरिक अब भी जलभराव से जूझ रहे हैं। नागरिकों की शिकायतों का कोई संज्ञान नहीं ले रहा है। करोड़ों रुपये का काम शहर में हो रहा है लेकिन यहां कुछ नहीं हो रहा है। पार्षद प्रतिनिधि राघवेंद्र सिंह कहते हैं कि नगर निगम के अफसरों को विकास कार्यों से जुड़ी कई फाइलें दे चुका हूं। हर बार आश्वासन दिया जाता है कि अगली बार बजट जारी कर सड़क, नाली और अन्य दिक्कतों का समाधान किया जाएगा पर होता कुछ नहीं।