दुष्कर्म के लिए घर में घुसे दो युवकों को महिला ने किया कमरे में बंद, पुलिस ने समझौता कराकर छोड़ा
रात में दो युवक एक महिला के कमरे में घुस गए। वह दुष्कर्म करने का प्रयास करने लगे। महिला किसी तरह से बचकर निकली और बाहर से कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। फिर गांव वालों को बुलाया। गांव वालों के सामने पुलिस आई। पुलिस दोनो को थाने ले गई। सुबह महिला को बुलाया गया और कागज पर हस्ताक्षर कराकर आरोपितों को थाने से छोड़ दिया गया। पुलिस के इस कार्य से महिला हक्का-बक्का रह गई। उसकी समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करे।
गोरखपुर : प्रदेश व केंद्र की सरकार महिला सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन सहित अन्य प्रभावी कदम उठा रही है, बावजूद इसके पुलिसिया कार्यशैली पूर्ववत बनी हुई है। सिद्धार्थनगर जिले के गोल्हौरा थानाक्षेत्र की एक महिला के घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास हुआ। पूरे गाव के सामने आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन अगले दिन पुलिस ने महिला पर दबाव डालकर सुलहनामे पर दस्तखत करा लिया और आरोपी बाइज्जत बरी हो गए।
गोल्हौरा थाना क्षेत्र की एक महिला घर में ही जनरल स्टोर की दुकान करती है। गुरुवार की रात उसके घर में पीछे के रास्ते से कूदकर दो लोग दाखिल हुए और उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। महिला किसी तरह अपने कपड़ों को संभालते दोनों की गिरफ्त से छूटकर घर से बाहर भाग निकली और बाहर से कुंडी लगाकर दोनों को घर के भीतर ही बंद कर दिया। महिला के शोर मचाने पर गाव के लोग जुटे तो उसने आपबीती कह सुनाई। गाव वालों ने 100 नंबर पर इसकी सूचना दी। मौके पर गोल्हौरा पुलिस पहुंची। पुलिस ने दरवाजा खोला और दोनों आरोपियों को पकड़कर थाने ले गई। रात भर दोनों आरोपियों को थाने मे बिठाए रखा गया और सेटिंग का खेल चला। शुक्रवार की सुबह महिला जब थाने पर तहरीर लेकर पहुंची तो मुकदमा दर्ज करने की जगह पुलिस ने दबाव बनाकर सुलहनामे पर उससे दस्तखत करा लिया। उसके बाद दोनो आरोपितों को थाने से बाइज्जत बरी कर दिया गया। पीड़िता के सामने से ही आरोपित हंसते हुए थाने से बाहर चले गए। इससे पीड़िता हक्का-बक्का हो गई। उसकी समझ में नहीं आया कि वह क्या करे।
पीड़ित महिला का कहना है कि उसने न्याय पाने के लिए पुलिस की मदद ली, लेकिन पुलिस वालों ने आरोपियों से पैसा लेकर उससे जबरिया सुलहनामे पर दस्तखत करा लिया। महिला ने कहा कि वह इस मामले को उच्चाधिकारियों के पास ले जाएगी। थानाध्यक्ष गोल्हौरा का कहना है कि महिला ने स्वेच्छा से सुलहनामे पर हस्ताक्षर किया है। उसपर कोई दबाव नहीं बनाया गया। सुलह होने के बाद दोनों आरोपियों को छोड़ दिया गया जिसमें से एक खुनियाव का तो दूसरा भनवापुर विकास खंड का निवासी बताया जा रहा है।