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महापुरुषों व महिला विभूतियों की कहानियां कह रही हैं सिद्धार्थनगर की दीवारें

करीब दो दशक पहले बच्चे कामिक्स पढ़कर महापुरुषों की जीवनी जानते थे। उस समय कई कामिक्स की श्रृंखला केवल स्वतंत्रंता संग्राम में प्रतिभाग करने वाले बलिदानियों पर ही आधारित होती थी। अब समय बदल गया है इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर आजादी का इतिहास उपलब्ध है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 03:16 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 08:13 AM (IST)
महापुरुषों व महिला विभूतियों की कहानियां कह रही हैं सिद्धार्थनगर की दीवारें
लोहिया कला भवन की दीवार पर बना महिला विभूतियों का चित्र। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। करीब दो दशक पहले बच्चे कामिक्स पढ़कर महापुरुषों की जीवनी जानते थे। उस समय कई कामिक्स की श्रृंखला केवल स्वतंत्रंता संग्राम में प्रतिभाग करने वाले बलिदानियों पर ही आधारित होती थी। अब समय बदल गया है, इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर आजादी का इतिहास उपलब्ध है। लेकिन नगर पालिका सिद्धार्थनगर ने अनूठी पहल शुरू की है। वह सार्वजनिक स्थल व पार्क की दीवारों पर महापुरुषों की जीवनी लिख रहा है। इनके सिद्धांतों को बताते हुए जीवन दर्शन का भी ज्ञान मिल रहा है। अब परिषदीय विद्यालय के बच्चों को पार्क में भ्रमण कराने की योजना तैयार की जा रही है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग से पत्राचार भी किया है।

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स्‍वतंत्रता संग्राम की दी जा रही है जानकारी

देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्र अमृत महोत्सव मना रहा है। देशवासियों को स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की जानकारी दी जा रही है। ऐसे में नगर पालिका ने नई पहल शुरू की। पुरानी नौगढ़ स्थित जलकल की दीवारों पर बलिदानी सरदार भगत सिंह की जीवनी बताई है। इनके व पिता के बीच हो रहे वार्ता के चित्र को उभारते हुए स्वतंत्रता का अर्थ भी बताया गया है।

लोहिया कला भवन पर उकेरा गया है महिला विभूतियों का इतिहास

आंबेडकर पार्क मे बाबा साहब डा. आंबेडकर तो आजाद पार्क में चंद्रशेखर आजाद की जीवनी बताई गई है। अन्य पार्कों की दीवारें भी बच्चों को महापुरुषों की जीवनी बता रही हैं। वहीं लोहिया कला भवन के पास की दीवारों पर ऐसी महिला विभूतियों का इतिहास उकेरा है, जो सभी के लिए आदर्श स्वरूप हैं।

आजादी के अमृत महोत्‍सव में नगर पालिका बना सहभागी

नगर पालिका अध्‍यक्ष श्‍याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। नगर पालिका भी इसमें सहभागी बना है। एक नई पहल शुरू की है। पार्क व ऐसे सार्वजनिक स्थल जहां पर बच्चों का आना-जाना लगा रहता है, वहां पर महापुरुषों का चित्र व जीवनी दर्शाई गई है। अब परिषदीय विद्यालय के बच्चों को इन स्थलों का भ्रमण कराने की योजना है। जिससे वह बलिदानियों के साथ विभूतियों के इतिहास को जान सकें।


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