यहां लगे हैं पौधे, गांव तो सुरक्षित रहेंगे ही नदियों को भी बचाएंगे Gorakhpur News
नदियों के किनारे लगाए गए पौधों में सर्वाधिक सागौन के हैं। इसके अलावा सहजन बरगद आम पीपल जामुन आदि के पौधे लगाए गए हैं। इन पौधों से ग्रामीणों को काफी लाभ होगा।
जीतेंद्र पांडेय, गोरखपुर। नदियों को बचाने के साथ ही किनारे पर बसे गांवों को बाढ़ से सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग ने पहल की है। गोरखपुर मंडल में नदियों के किनारे ऐसे 180 स्थलों को चिंहित किया है जहां कटान होती है। ऐसी जगहों पर 13 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। यह पौधे कटान रोककर नदियों को उथली होने से बचाएंगे, बाढ़ भी रुकेगी।
नदियों को पुनर्जीवित करने में वृक्षों की भूमिका अहम
इससे मंडल की प्रमुख नदियों राप्ती, सरयू, आमी, रोहिन, नारायणी आदि को एक नई जिंदगी भी मिल सकेगी। नदियों को पुनर्जीवित करने में वृक्षों की भूमिका अहम होती है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर वन महोत्सव के अवसर पर मंडल में सभी नदियों के किनारे उन स्थलों का चयन किया गया है जहां नदियां कटान कर रही हैं। इनमें से 180 स्थलों पर पौधे रोपित किये गए हैं।
लगाए गए हैं यह पौधे
नदियों के किनारे लगाए गए पौधों में सर्वाधिक सागौन के हैं। इसके अलावा सहजन, बरगद, आम, पीपल, जामुन आदि के पौधे लगाए गए हैं। इन पौधों से ग्रामीणों को काफी लाभ होगा। खेतों की मिट्टी खेतों में ही रह जाएगी। ग्रामीणों को फल मिलेगा। नदियों के किनारे वाला क्षेत्र आक्सीजन जोन के रूप में विकसित होगा।
यहां नदियों के इन स्थलों पर हुआ है पौधारोपण
जिला स्थल क्षेत्रफल(हेक्टेयर में) रोपे गए पौधे(लाख में)
गोरखपुर 80 545 5.97
महराजगंज 18 230 2.53
देवरिया 73 355 3.90
कुशीनगर 09 58 .61
कुल 180 1188 13.01
पक्षियों को भी मिलेगा ठिकाना
मुख्य वन संरक्षक दीपक कुमार का कहना है कि नदियों के किनारे 13 लाख पौधे रोपे गए हैं। इन पौधों की निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रत्येक रेंज से इनकी साप्ताहिक रिपोर्ट मांगी जाती है। जो पौधे क्षतिग्रस्त होते हैं, उनके स्थान पर दूसरे पौधे रोपे जाते हैं। इन पौधों को सुरक्षित रखने से नदियों की सुरक्षा हो सकेगी। नदियों के किनारे पक्षियों को भी एक ठिकाना मिल सकेगा। --------------------------------------