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Lockdown 5.0: तीन सौ साल पुरानी 'पराह' की परंपरा पर कोरोना का ग्रहण Gorakhpur News

Lockdown के कारण कुशीनगर में तीन सौ साल पुरानी परंपरा पराह पर ग्रहण लग गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 10:50 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 07:39 PM (IST)
Lockdown 5.0: तीन सौ साल पुरानी 'पराह' की परंपरा पर कोरोना का ग्रहण Gorakhpur News
Lockdown 5.0: तीन सौ साल पुरानी 'पराह' की परंपरा पर कोरोना का ग्रहण Gorakhpur News

कुशीनगर, जेएनएन। लगभग तीन सौ साल से खड्डा तहसील के गांव मुंडेरा में चली आ रही 'पराह' की परंपरा पर कोरोना का ग्रहण लग गया। लोग गांव छोड़कर बाहर नहीं जा सके, क्योंकि बगल के गांव धर्मपुर में कोरोना मरीज मिलने के कारण गांव की सीमा सील थी। परिवार, गांव और क्षेत्र की खुशहाली, सुरक्षा के लिए मनाए जाने वाले पराह की रस्म ग्रामीणों ने  दरवाजे पर पूरी की।

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ग्रामवासी अमरनाथ सिंह बताते हैं कि पराह की परंपरा पहली बार टूटी है। इसमें गांव के बच्‍चे, युवा, प्रौढ़ व बुजुर्ग, अमीर, गरीब हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं। अनिल, परशुराम, गजेंद्र, मोनिका, काजल ने बताया कि सीमा सील होने के कारण गांव के बाहर नहीं जा सके। दरवाजे पर परंपरा श्रद्धापूर्वक निभाई गई। ऐसा पहली बार हुआ है।

क्या है पराह

सेवानिवृत्त फौजी (70) कृष्ण प्रताप सिंह पूर्वजों द्वारा बताई बातों का हवाला देते हुए बताते हैं कि बहुत पहले यहां महामारी आई थी। मौतें होने लगीं थीं। पूर्वजों ने मां काली से मिन्नत मांगी और पराह का आयोजन शुरू किया। इस परंपरा का निर्वहन उसी समय से पूरा गांव करता आ रहा है। गजेंद्र सिंंह, परशुराम सिंंह, जितेंद्र लाल श्रीवास्तव, उदय प्रताप कहते हैं कि परंपरा के अनुसार पूरा गांव खाली हो जाता है। लोग अपने मवेशियों संग घर छोड़ गांव के सिवान से दूर एक बागीचे में जाते हैं। सिवान के बाहर से पानी लाया जाता है। उसी से सभी स्नान करते हैं और पूरा दिन वहीं बिताते हैं। दिन ढलने के बाद ही घर लौटते हैं। मां काली की विशेष पूजा होती है।

सूर्य निकलने से पहले छोड़ दिया घर

सोमवार को सूर्य निकलने से पूर्व ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। पुरुष सिवान के बाहर से पानी लेकर आए। सभी ने इससे स्नान किया और महिलाओं ने नाश्ता व विभिन्न पकवान बनाए। पूरा दिन व्यतीत करने के बाद लोग घर में प्रवेश किए। गांव के बाहर स्थित काली मंदिर में हर घर के एक-एक सदस्य पहुंचे और पूजन अर्चन कर परिवार, गांव, जवार की रक्षा की मन्नत मांगी।


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