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कल्पवृक्ष से भी श्रेष्ठ है श्रीमद्भागवत कथा : सूर्यकांताचार्य

परिगवा में आयोजित सोमयज्ञ के श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या धाम के सूर्यकांताचार्य महाराज ने ईश्वर की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि व्यक्ति की जैसी कामना होती है कथा उसके अनुकूल फल देती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 09:37 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 09:37 PM (IST)
कल्पवृक्ष से भी श्रेष्ठ है श्रीमद्भागवत कथा : सूर्यकांताचार्य
कल्पवृक्ष से भी श्रेष्ठ है श्रीमद्भागवत कथा : सूर्यकांताचार्य

सिद्धार्थनगर : परिगवा में आयोजित सोमयज्ञ के श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या धाम के सूर्यकांताचार्य महाराज ने ईश्वर की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि व्यक्ति की जैसी कामना होती है कथा उसके अनुकूल फल देती है। श्रीमद्भागवत कथा ऐसी दिव्य कथा है, जो साक्षात कल्पवृक्ष से भी श्रेष्ठ हैं। भक्ति सहज साध्य है। ज्ञान योग कष्ट साध्य है, भक्त जितनी सरलता से भक्ति मार्ग से ईश्वर को प्राप्त कर सकता है वैसा अन्य किसी साधन से संभव नहीं है। ज्ञान मार्ग और भक्ति मार्ग को स्पष्ट करते हुए ज्ञानी अपने बल से, अपने ज्ञान से आध्यात्म के पथ पर अग्रसर होता है। उसे आगे बढ़ने के लिए श्रम करना पड़ता है। परंतु भक्त अपना सर्वस्व भगवान को सौंप देता है। भगवान भक्त को प्रत्येक परिस्थिति में कैसे भी रखे वह हमेशा संतुष्ट रहता है। यह भक्त की पहचान है। भागवत कथा के श्रवण से मानव मन में परमात्मा के प्रति प्रीत का उदय होने के साथ आचरण शुद्ध होता है। कहा कि भगवान सर्वकालिक, चैतन्य और ज्ञान वान हैं। संसार के सभी सुख अस्थायी और क्षणभंगुर हैं कितु ईश्वर के सानिध्य से प्राप्त होने वाला सुख शाश्वत होता है। इस दौरान वैदिक समाज धर्म सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविद पांडेय व अखिल भारतीय हिदू महासभा के प्रदेश प्रवक्ता दिवाकर विक्रम सिंह सोनू आदि मौजूद रहे। गाजे-बाजे के साथ निकाली गई कलश यात्रा

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सिद्धार्थनगर : खेसरहा क्षेत्र के ग्राम सुपौली स्थित संतोषी माता मंदिर पर आयोजित नौ दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ का शुभारंभ सोमवार को निकाली गई कलश यात्रा के साथ हुआ। गाजे-बाजे के साथ निकली यात्रा में पीत वस्त्रधारी 108 महिलाओं व बालिकाओं ने प्रतिभाग किया। जो मंगल गान गाते सिर पर कलश लेकर चल रहीं थी।

यात्रा बजरंग चौराहा होते हुए मरवटिया स्थित समय माता स्थान के पास बरार नाले पर पहुंची जहां पुरोहितों के वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच कलश भर कर पुन: यज्ञ स्थल पहुंचकर मंत्रोच्चारण के बीच कलश स्थापना की गई। इस अवसर पर अयोध्या से आए कथावाचक श्री गोपाल शास्त्री जी महाराज प्रतिदिन तीन बजे से सायं पांच बजे तक संगीतमयी कथा का रसपान कराएंगे। यज्ञ की पूर्णाहुति 31 तारीख को तथा भंडारा का आयोजन एक फरवरी दिन मंगलवार को किया जाएगा। कलश यात्रा में विवेक राय, उग्रसेन चौधरी, जागड़ शर्मा, जगदीश गुप्ता, अभिमन्यु यादव, प्रेमचंद चौधरी, मंगेश यादव सहित तमाम लोग मौजूद रहे।


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