बेटों ने ठुकुराया, आश्रम ने भी किया किनारा- फिर पुलिस बनी मददगार
पुजारी के पुत्र अनुराग मिश्र ने डायल 112 नंबर पर इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पीआरवी टीम ने इसकी जानकारी शाहपुर पुलिस को दी। दो घंटे के बाद मौके पर पहुंची शाहपुर पुलिस उन्हें थाने लेते आई। थाने पर कटोरा देवी ने अपनी पूरी आपबीती बतायी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ईश्वर किसी के भी जीवन बुढ़ापा और गरीबी न लाए। 95 वर्षीया कटोरा देवी को उसके दो जवान बेटों ने दो वर्ष पूर्व घर से निकाल दिया। वह अयोध्या स्थित एक वृद्ध आश्रम में रहीं, लेकिन वहां भी उनका जतन नहीं हो सका। हाड़ कपाती जाड़े की सर्द रात में आश्रम एक कर्मचारी उन्हें शाहपुर के खजांची चौराहे के पास छोड़ गया। उन्होंने कुछ देर तक आश्रम के कर्मचारी के आने की प्रतीक्षा की और जब वह नहीं आया तो थक हारकर सड़क किनारे मौजूद एक ठेले पर चद्दर बिछाकर सोईं, लेकिन ठंड के मारे, उन्हें रात भर नींद नहीं आई।
पुजारी ने की मदद
20 जनवरी सुबह महिला को ठेले पर लोगों ठिठुरते हुए देखा। उनके गले में मौजूद पहचान पत्र से उनकी पहचान हुई। खजांची चौराहे पर स्थित सिद्ध पीठ मंदिर के पुजारी ने वृद्धा को कंबल व शाल दिया। पुजारी के पुत्र अनुराग मिश्र ने डायल 112 नंबर पर इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पीआरवी टीम ने इसकी जानकारी शाहपुर पुलिस को दी। दो घंटे के बाद मौके पर पहुंची शाहपुर पुलिस उन्हें थाने लेते आई। थाने पर कटोरा देवी ने अपनी पूरी आपबीती बतायी।
पति की काफी पहले हो गई थी मौत
उन्होंने बताया कि वह सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ की रहने वाली हैं। उनका एक पति सीताराम की बहुत पहले मौत हो चुकी है। पति के मौत बाद उनके बेटों ने भी उनसे किनारा कस लिया। शाहपुर पुलिस ने किसी तरह से उनके बेटों से संपर्क साधा। पता चला कि उनका एक बेटा शोहरतगढ़ में रहता है और दूसरा बेटा गोरखपुर के मोगलहा में रहता है। पुलिस ने कटोरा देवी को रुस्तमपुर स्थित वृद्धा आश्रम में पहुंचा दिया और उनके पुत्र को भी बुलाकर इसकी जानकारी दी है।
पुलिस ने महिला को पहुंचाया वृद्धाश्रम
शाहपुर के प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह ने बताया कि महिला को वृद्धा आश्रम भेज दिया गया है। उनके छोटे पुत्र मोगलहा स्थित एक आटाचक्की की दुकान पर काम करते हैं। उन्हें बुलाकर महिला से मिलने के लिए कहा गया है।