गोरखपुर में अब नौकायन नहर से बढ़ेगी रामगढ़ताल की शोभा, जानिए- क्या है सरकार का प्लान Gorakhpur News
गोरखपुर शहर में रामगढ़ ताल के सामने बनाई गई 41 एकड़ की नौकायन नहर के दिन अब बहुरने वाले हैं। तीन दशक पहले इस नहर का निर्माण हुआ था।
By Edited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 10:31 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 09:57 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। तीन दशक पहले रामगढ़ ताल के सामने बनाई गई 41 एकड़ की नौकायन नहर के दिन बहुरने वाले हैं। अब वह अपनी बदहाली से रामगढ़ताल को चिढ़ाएगी नहीं बल्कि उसकी शोभा बढ़ाएगी। यही नहीं नहर के सामने बसे उन लोगों को भी उसका पहली बार लुत्फ मिलेगा, जिन्होंने उसके लालच में ही जीडीए की जमीन पर बसने का फैसला किया था। अनदेखी की वजह से बदहाली का शिकार नौकायन नहर जो फिलहाल वहा बसे लोगों का दर्द है, जीडीए ने उसके जीर्णोद्धार की तैयारी शुरू कर दी है।
नहर की सफाई का कार्य अंतिम चरण में है। बरसात बाद सुंदरीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा। तीन दशक पहले पहले बनी थी साढ़े तीन किमी नौकायन नहर गोरखपुर को पयर्टन हब बनाने के लिए शासन-प्रशासन दोनों रामगढ़ ताल क्षेत्र को विकसित करने में जुटे हुए हैं। कहीं चिड़ियाघर बन रहा है तो कहीं लाइट एंड शो की तैयारी चल रही है। रामगढ़ ताल के किनारे मुंबई के मरीन ड्राइव सा लुत्फ मिलने लगा है। इन सबके बीच अगर कोई एक चीज खटक रही थी तो वह थी तीन दशक पहले 42 एकड़ भूमि पर बनाई गई साढ़े तीन किलोमीटर लंबी नौकायन नहर।
नहर में भर गया है गाद और जलकुंभी चंपा देवी पार्क से बौद्ध संग्रहालय तक जलकुंभी और गाद से भरी यह नहर रामगढ़ताल क्षेत्र की शोभा तो बिगाड़ रही ही थी, उन लोगों के लिए भी समस्या का सबब बन रही थी, जो उसके सामने बसे हैं। जिस नहर में कभी नाव चलाने की योजना थी, उसका पानी बरसात में लोगों के घरों तक पहुंचने लगता था तो जलकुंभी और गंदगी की वजह से यह नहर मच्छरों और कीड़ों-मकोड़ों का घर बन गई थी। 2003 में इसके जीर्णोद्धार के लिए जीडीए एकबार जागा था और नहर के आसपास पाथ-वे बनाकर योजना में जान डालने की कोशिश की गई थी लेकिन उस समय वह कोशिश क्षणिक उत्साह साबित हुई थी। पर इस बार जीडीए ने इसे लेकर कमर कस ली है।
नहर की जलकुंभी और गाद को साफ करने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है और सुंदरीकरण के लिए योजना बनाई जा रही है। बरसात के बाद योजना के क्रियान्वयन पर कार्य शुरू हो जाएगा, ऐसा जीडीए अफसरों का कहना है। नहर में भी चलेगा म्यूजिकल फाउंटेन जीडीए के मुख्य अभियंता संजय सिंह ने बताया कि नहर के सुंदरीकरण की योजना को अभी अंतिम रूप तो नहीं दिया जा सका है लेकिन जल्द ही इसका प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा। बरसात के बाद नहर के किनारे को एक शेप देकर वहां लोगों के बैठने के लिए बेंच लगाए जाएंगे।
इसके अलावा म्यूजिक फाउंटेन लगाकर उसके सौंदर्य को बढ़ाया जाएगा। कुछ स्थानों पर घाट बनाए जाने की योजना है, जिससे इसका धार्मिक इस्तेमाल भी हो सकेगा। ऐसा होने के बाद रामगढ़ ताल के साथ-साथ नौकायन नहर भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होगी। सफाई कार्य लगभग पूरा : जीडीए इस संबंध में जीडीए उपाध्यक्ष ए. दिनेश कुमार का कहना है कि नहर की सफाई का कार्य लगभग पूरा करा लिया गया है। इसके सुदंरीकरण की योजना पर काम चल रहा है। बरसात के बाद इसे लेकर जीडीए की योजना धरातल पर दिखने लगेगी।
नहर की सफाई का कार्य अंतिम चरण में है। बरसात बाद सुंदरीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा। तीन दशक पहले पहले बनी थी साढ़े तीन किमी नौकायन नहर गोरखपुर को पयर्टन हब बनाने के लिए शासन-प्रशासन दोनों रामगढ़ ताल क्षेत्र को विकसित करने में जुटे हुए हैं। कहीं चिड़ियाघर बन रहा है तो कहीं लाइट एंड शो की तैयारी चल रही है। रामगढ़ ताल के किनारे मुंबई के मरीन ड्राइव सा लुत्फ मिलने लगा है। इन सबके बीच अगर कोई एक चीज खटक रही थी तो वह थी तीन दशक पहले 42 एकड़ भूमि पर बनाई गई साढ़े तीन किलोमीटर लंबी नौकायन नहर।
नहर में भर गया है गाद और जलकुंभी चंपा देवी पार्क से बौद्ध संग्रहालय तक जलकुंभी और गाद से भरी यह नहर रामगढ़ताल क्षेत्र की शोभा तो बिगाड़ रही ही थी, उन लोगों के लिए भी समस्या का सबब बन रही थी, जो उसके सामने बसे हैं। जिस नहर में कभी नाव चलाने की योजना थी, उसका पानी बरसात में लोगों के घरों तक पहुंचने लगता था तो जलकुंभी और गंदगी की वजह से यह नहर मच्छरों और कीड़ों-मकोड़ों का घर बन गई थी। 2003 में इसके जीर्णोद्धार के लिए जीडीए एकबार जागा था और नहर के आसपास पाथ-वे बनाकर योजना में जान डालने की कोशिश की गई थी लेकिन उस समय वह कोशिश क्षणिक उत्साह साबित हुई थी। पर इस बार जीडीए ने इसे लेकर कमर कस ली है।
नहर की जलकुंभी और गाद को साफ करने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है और सुंदरीकरण के लिए योजना बनाई जा रही है। बरसात के बाद योजना के क्रियान्वयन पर कार्य शुरू हो जाएगा, ऐसा जीडीए अफसरों का कहना है। नहर में भी चलेगा म्यूजिकल फाउंटेन जीडीए के मुख्य अभियंता संजय सिंह ने बताया कि नहर के सुंदरीकरण की योजना को अभी अंतिम रूप तो नहीं दिया जा सका है लेकिन जल्द ही इसका प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा। बरसात के बाद नहर के किनारे को एक शेप देकर वहां लोगों के बैठने के लिए बेंच लगाए जाएंगे।
इसके अलावा म्यूजिक फाउंटेन लगाकर उसके सौंदर्य को बढ़ाया जाएगा। कुछ स्थानों पर घाट बनाए जाने की योजना है, जिससे इसका धार्मिक इस्तेमाल भी हो सकेगा। ऐसा होने के बाद रामगढ़ ताल के साथ-साथ नौकायन नहर भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होगी। सफाई कार्य लगभग पूरा : जीडीए इस संबंध में जीडीए उपाध्यक्ष ए. दिनेश कुमार का कहना है कि नहर की सफाई का कार्य लगभग पूरा करा लिया गया है। इसके सुदंरीकरण की योजना पर काम चल रहा है। बरसात के बाद इसे लेकर जीडीए की योजना धरातल पर दिखने लगेगी।
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