आर्थिक मंदी का असर, पूर्वांचल में वाहनों की बिक्री में गिरावट Gorakhpur News
भारी वाहनों की बिक्री गिरने के पीछे सबसे बड़ी वजह भवन निर्माण सामग्री की कम हो रही ढुलाई भी है। पिछले साल निर्माण कार्य तेजी से होने के कारण ट्रकों की बहुत ज्यादा डिमांड थी।
गोरखपुर, जेएनएन। यदि पूर्वांचल के आटोमोबाइल बाजार की बात करेंगे तो दोपहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री डगमगाई जरूर है, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा गिरावट नहीं आई है। जुलाई, अगस्त और सितंबर में बिक्री पर थोड़ा असर पड़ता ही है, लेकिन भारी वाहनों की बिक्री पर बुरा असर पड़ा है। यूं कहें कि भारी वाहनों की बिक्री लड़खड़ा गई है, तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। भारी वाहनों की बिक्री गिरने के पीछे सबसे बड़ी वजह भवन निर्माण सामग्री की कम हो रही ढुलाई भी है। पिछले साल निर्माण कार्य तेजी से होने के कारण ट्रकों की बहुत ज्यादा डिमांड थी। इस साल रियल इस्टेट सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहा है, निर्माण कार्य बहुत तेज नहीं हैं, इस कारण भारी वाहनों की मांग कम हो गई है। दो-पहिया और चार पहिया वाहनों में एकमुश्त क्रमश: पांच और तीन साल का इंश्योरेंस भी ग्राहकों पर बोझ बढ़ा रहा है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही जीएसटी की दर कम करनी चाहिए।
यह निष्कर्ष निकला आटो मोबाइल सेक्टर में आ रही मंदी को लेकर दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित परिचर्चा में। आटो मोबाइल बाजार से सबसे पहले मंदी की बात उठी थी। विभिन्न कंपनियों से डीलरों ने कहा कि पूर्वांचल अभी मजबूत स्थिति में है।
मिडिल क्लास फैमिली वाहन खरीदने से पहले कई बार सोचती है। दो पहिया वाहन का इंश्योरेंस एकमुश्त पांच साल और तीन पहिया वाहन का तीन साल करने से खरीद को लेकर लोगों की झिझक बढ़ी है। दो पहिया वाहनों की बिक्री कम हुई है।
नितिन मातनहेलिया, डीपी मोटर्स
महेंद्र की बिक्री में फिलहाल कोई गिरावट नहीं है। हमारी बिक्री बढ़ी है। पूर्वांचल के बाजार में हम अच्छा ग्रोथ कर रहे हैं लेकिन यह जरूर है कि बाजार में पहले की तरह जोश नहीं दिख रहा है। ग्राहकों में अनिर्णय की स्थिति को दूर करने के लिए सरकार को आगे आना होगा।
संजय शाही, महाप्रबंधक, महेंद्रा एंड महेंद्रा
बिना इंडस्ट्री से पूछे इलेक्ट्रिक वाहन ले आने की बात की जा रही है। सरकार ने किसी को भरोसे में नहीं लिया है। दो पहिया बाजार में गिरावट का दौर चल रहा है। छंटनी जैसी कोई बात तो नहीं है लेकिन ग्राहक नए वाहनों के इंतजार में भी बाजार में नहीं आ रहे हैं।
दिनेश राय, ङ्क्षहद होंडा
पिछले साल इस समय भारी वाहनों के लिए मारामारी मची रहती थी। लोग जुगाड़ लगाते थे लेकिन इस समय भारी वाहन खड़े हैं पर कोई पूछने वाला नहीं है। सरकार ने लोन रेट करने का एलान किया है। इसका फायदा मार्केट को जरूर मिलेगा।
दिलशाद अहमद, एमडी, इंडियन आटो व्हील