फर्जी प्रमाण पत्र पर रेलवे में नौकरी पाने की कर रहा था कोशिश, विजिलेंस ने पकड़ा Gorakhpur News
जांच के दौरान डॉक्टर को शक हो गया था जिसके बाद उसे अगली तारीख नौ सितंबर दी गई। इस दौरान अस्पताल की ओर से कार्मिक विभाग को पत्र लिखा गया जिसके बाद विजिलेंस टीम जांच में लग गई।
गोरखपुर, जेएनएन। फर्जी प्रमाण पत्र पर रेलवे में नौकरी पाने की कोशिश करने वाले रेलकर्मी के बेटे को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है। इंजीनियरिंग विभाग के टीएमसी ने जीएम कोटा से भर्ती कराने का आश्वासन देकर उससे दो लाख रुपये लिए थे। विजिलेंस इंस्पेक्टर ने शाहपुर थाने में पकड़े गए युवक और टीएमसी के खिलाफ जालसाजी व भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है।
विजिलेंस इंस्पेक्टर नीरज कुमार श्रीवास्तव ने शाहपुर पुलिस को तहरीर देकर बताया कि जटेपुर रेलवे कॉलोनी के नितेश श्रीवास्तव के पिता रेलवे में नौकरी करते हैं। कुछ दिन पहले उसकी मुलाकात इंजीनियरिंग विभाग के टीएमसी पद पर तैनात विकास मिश्रा से हुई।
जीएम कोटा से नौकरी लगवाने का झांसा देकर दो लाख लिया
जीएम कोटा से रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर विकास ने नितेश से दो लाख रुपये ले लिए। रेलवे अस्पताल के ओपीडी में विकास ने जांच के सभी फर्जी प्रमाण पत्र भी बनवा दिए। नितेश को भरोसा दिलाया कि सीधे मेडिकल होगा। परीक्षा नहीं देनी होगी। 28 अगस्त को वह जांच के लिए ललित नारायण रेलवे अस्पताल पहुंचा। वहां जांच के दौरान डॉक्टर को शक हो गया था जिसके बाद उसे अगली तारीख नौ सितंबर दी गई। इस दौरान अस्पताल की ओर से कार्मिक विभाग को पत्र लिखा गया जिसके बाद विजिलेंस टीम जांच में लग गई।
ऐसे दबोचा गया रेलकर्मी का पुत्र
नितेश सोमवार को रेलवे अस्पताल आया था। इसी दौरान विजिलेंस टीम ने उसे दबोच लिया। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने जालसाजी की बात कबूल कर ली। सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह ने बताया कि आरोपित रेलकर्मी विकास मिश्र कृष्णानगर कॉलोनी का रहने वाला है। उसकी तलाश चल रही है। विकास की गिरफ्तारी के बाद ही रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का पता चलेगा।