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ट्विटर पर तेजाब पीड़िता की फोटो देखकर हलकान हुए अफसर, सच जानकर हैरान रह गई पुल‍िस

गोरखपुर में एक युवती ने फर्जी एकाउंट से ट्विटर पर तेजाब पीड‍ि़ता की फोटो वायरल कर दी। उसने दावा क‍िया क‍ि यह फोटो गोरखपुर की है। फोटो को लेकर पुल‍िस काफी देर तक परेशान रही। जांच में वह प फोटो पाकिस्‍तान का न‍िकला।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 10:11 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 10:11 AM (IST)
ट्विटर पर तेजाब पीड़िता की फोटो देखकर हलकान हुए अफसर, सच जानकर हैरान रह गई पुल‍िस
गोरखपुर में एक युवती ने फर्जी एकाउंट से तेजाब पीड‍िता की फोटो पोस्‍ट कर दी ज‍िससे पुल‍िस हलकान रही।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ट्विटर पर एक युवती ने तेजाब पीड़िता की फोटो पोस्ट कर एक युवती ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी। उसने इसे गोरखपुर की घटना बताया था। पोस्ट पड़ने के बाद ही गोरखपुर से लेकर लखनऊ तक के अधिकारी सक्रिय हो गए। बाद में पता चला कि फोटो पाकिस्तान की है और वह भी 2014 की। इस मामले में एसएसपी के आदेश पर साइबर थाने में धार्मिंक उन्माद फैलाने व आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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फर्जी आइडी से डाली गई थी तेजाब पीड़िता की फोटो

ट्विटर पर बुधवार की रात सीमा सिंह नाम की एक युवती ने पोस्ट किया था। पोस्ट में उसने लिखा है कि वह एक संगठन के महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। गोरखपुर में तेजाब हमले से युवती की मौत की बात लिखी थी और एक फोटो भी थी। इतना ही नहीं सरकार पर सवाल उठाते हुए अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया था। इंटरनेट मीडिया पर फोटो वायरल होते ही गोरखपुर पुलिस के साथ ही लखनऊ के अधिकारी सक्रिय हो गए। करीब दो घंटे बाद जब यह पता चला कि यह फोटो 2014 की है, वह भी पाकिस्तान की तो पुलिस ने राहत की सांस ली। जांच के दौरान यह भी पता चला कि किसी ने चार दिन पहले ट्विटर पर फेक एकाउंट बनाया है। इसके बाद मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई। पुलिस जांच कर रही है कि ट्विटर पर वह फर्जी एकाउंट किसका है।

ट्विटर पर फोटो वायरल होने पर साइबर टीम ने दो घंटे में ही फोटो की हकीकत सामने ला दी। उस फोटो को डालते ही पोस्ट हटा दिया गया। साइबर थाने में केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच की जा रही है। - डा. विपिन कुमार ताडा, एसएसपी।

साइबर सेल ने वापस कराए रुपये

चौरीचौरा के बसहिया निवासी देवीनाथ यादव के खाते से जालसाजों ने दो दिन पूर्व 45000 रुपये उड़ा दिये थे। उन्होंने इसकी सूचना समय से साइबर सेल की टीम को दी। टीम सूचना पर सक्रिय हुई तो देवीनाथ के रुपये खाते में पुन: आ गया।


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