जरायम की दुनिया में किशोरों के कदम, महंगे शौक पूरा करने के लिए दे रहे घटनाओं को अंजाम Gorakhpur News
महंगे शौक पूरा करने के लिए अब अपराध की दुनिया में किशोर धमक जमाने लगे हैं। इधर लूट और चोरी की हुई घटनाओं के बाद इसका खुलासा हुआ है।
By Edited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 10:37 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 11:05 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। पेशेवर अपराधियों को पकड़ने वाली पुलिस अब अपराध की दुनिया में मासूम कदमों के पड़ने से परेशान है। हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें चोरी, चेन स्नेचिंग व अन्य छोटी घटनाओं में नाबालिग भी शामिल थे।
दरअसल, नशे की लत व आधुनिकता की चकाचौंध में महंगे शौक पूरा करने के लिए किशोर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने से भी नहीं चूक रहे। शहर में इस तरह का ट्रेंड शुरू होना भविष्य के लिए खतरनाक माना जा रहा है। हालांकि इसे रोकने में पुलिस से ज्यादा भूमिका परिजनों की है। पुलिस तफ्तीश में यह बात भी सामने आई है कि अधिकतर किशोर महंगे मोबाइल, रेसर बाइक, फैशनेबल चश्मे, ब्राडेड कपड़े और जूते के लिए अपराध के दलदल में धंस रहे हैं। चोरियों से इनकी शुरुआत हो रही है। आगे चलकर लूटपाट और छीनाझपटी जैसी वारदात करने लगते हैं। बाल संप्रेक्षण गृह में रखे गए हैं 198 अपचारी शहर के सूर्यकुंड स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में रखे गए 198 किशोर की कहानी भी इससे अलग नहीं है। इसमें 80 गोरखपुर, 26 देवरिया, 50 महराजगंज और 42 कुशीनगर के रहने वाले हैं।
हाल के दिनों में हुई घटनाएं 11 जुलाई
गोरखनाथ पुलिस ने महिला की वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले 13 वर्षीय किशोर को गिरफ्तार किया।
12 जुलाई : खोराबार पुलिस ने चोरी के 13 मोबाइल के साथ दो किशोरों को पकड़ा। चोरी के मामले में वह पहले भी जेल जा चुके थे।
12 जुलाई : गुलरिहा पुलिस ने चोरी के गहने व सामान के साथ एक किशोर समेत दो को गिरफ्तार किया। महंगे शौक पूरा करने के लिए किशोर ने चोरी की थी।
13 दिसंबर 2018 : कोतवाली पुलिस ने शादी समारोह में चोरी करने वाले किशोर को गिरफ्तार किया। भोपाल का रहने वाला किशोर अपनी मां के साथ रेलवे स्टेशन पर रहता था। महंगे शौक पूरा करने के लिए वह चोरी करता था। एसएसपी सुनील गुप्ता का कहना है कि हाल के दिनों में कई किशोर चोरी व लूट के मामले में पकड़े गए। पूछताछ में सामने आया कि मौज-मस्ती और महंगे शौक पूरा करने के लिए उन्होंने वारदात को अंजाम दिया था। इसे रोकने में पुलिस से ज्यादा भूमिका परिजनों की है।
क्या कहते हैं समाजशास्त्री
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मानवेंद्र सिंह का कहना है कि बच्चों को नियंत्रित करने में परिवार की भूमिका में कमी आयी है। युवा स्वस्थ्य मनोरंजन के साथ साधन (खेल-कूद) से दूर हो रहे हैं। नैतिक शिक्षा नहीं मिल रही है। कम समय में ज्यादा सफलता पाने सोच की वजह से वह अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया की बढ़ती दखल की भी एक बड़ी वजह है। परिजन इस बात का ध्यान रखें बच्चों की हर गतिविधि पर नजर बनाएं रखें। उनके द्वारा पैसों व अन्य चीजों की डिमांड करने पर वजह पूछें। संगति का असर बच्चों पर तेजी से पड़ता है। लिहाजा उनके दोस्तों का प्रोफाइल जानें। नशे की शुरुआती दौर में बच्चा गुमसुम रहता है। उसके व्यवहार पर नजर रखें। आक्रामक व चिड़चिड़ेपन का लक्षण दिखने पर मनोवैज्ञानिक की सलाह लें।
दरअसल, नशे की लत व आधुनिकता की चकाचौंध में महंगे शौक पूरा करने के लिए किशोर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने से भी नहीं चूक रहे। शहर में इस तरह का ट्रेंड शुरू होना भविष्य के लिए खतरनाक माना जा रहा है। हालांकि इसे रोकने में पुलिस से ज्यादा भूमिका परिजनों की है। पुलिस तफ्तीश में यह बात भी सामने आई है कि अधिकतर किशोर महंगे मोबाइल, रेसर बाइक, फैशनेबल चश्मे, ब्राडेड कपड़े और जूते के लिए अपराध के दलदल में धंस रहे हैं। चोरियों से इनकी शुरुआत हो रही है। आगे चलकर लूटपाट और छीनाझपटी जैसी वारदात करने लगते हैं। बाल संप्रेक्षण गृह में रखे गए हैं 198 अपचारी शहर के सूर्यकुंड स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में रखे गए 198 किशोर की कहानी भी इससे अलग नहीं है। इसमें 80 गोरखपुर, 26 देवरिया, 50 महराजगंज और 42 कुशीनगर के रहने वाले हैं।
हाल के दिनों में हुई घटनाएं 11 जुलाई
गोरखनाथ पुलिस ने महिला की वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले 13 वर्षीय किशोर को गिरफ्तार किया।
12 जुलाई : खोराबार पुलिस ने चोरी के 13 मोबाइल के साथ दो किशोरों को पकड़ा। चोरी के मामले में वह पहले भी जेल जा चुके थे।
12 जुलाई : गुलरिहा पुलिस ने चोरी के गहने व सामान के साथ एक किशोर समेत दो को गिरफ्तार किया। महंगे शौक पूरा करने के लिए किशोर ने चोरी की थी।
13 दिसंबर 2018 : कोतवाली पुलिस ने शादी समारोह में चोरी करने वाले किशोर को गिरफ्तार किया। भोपाल का रहने वाला किशोर अपनी मां के साथ रेलवे स्टेशन पर रहता था। महंगे शौक पूरा करने के लिए वह चोरी करता था। एसएसपी सुनील गुप्ता का कहना है कि हाल के दिनों में कई किशोर चोरी व लूट के मामले में पकड़े गए। पूछताछ में सामने आया कि मौज-मस्ती और महंगे शौक पूरा करने के लिए उन्होंने वारदात को अंजाम दिया था। इसे रोकने में पुलिस से ज्यादा भूमिका परिजनों की है।
क्या कहते हैं समाजशास्त्री
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मानवेंद्र सिंह का कहना है कि बच्चों को नियंत्रित करने में परिवार की भूमिका में कमी आयी है। युवा स्वस्थ्य मनोरंजन के साथ साधन (खेल-कूद) से दूर हो रहे हैं। नैतिक शिक्षा नहीं मिल रही है। कम समय में ज्यादा सफलता पाने सोच की वजह से वह अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया की बढ़ती दखल की भी एक बड़ी वजह है। परिजन इस बात का ध्यान रखें बच्चों की हर गतिविधि पर नजर बनाएं रखें। उनके द्वारा पैसों व अन्य चीजों की डिमांड करने पर वजह पूछें। संगति का असर बच्चों पर तेजी से पड़ता है। लिहाजा उनके दोस्तों का प्रोफाइल जानें। नशे की शुरुआती दौर में बच्चा गुमसुम रहता है। उसके व्यवहार पर नजर रखें। आक्रामक व चिड़चिड़ेपन का लक्षण दिखने पर मनोवैज्ञानिक की सलाह लें।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें