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व्यक्ति नहीं आदर्श का नाम है कर्पूरी ठाकुर

उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए ही बिहार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण लागू करने वाला देश का पहला सूबा बना था। देखा जाए तो यही वह खूबी थी जिसके चलते बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के नाम के आगे जननायक की उपाधि जुड़ी।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 12:46 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 12:46 PM (IST)
व्यक्ति नहीं आदर्श का नाम है कर्पूरी ठाकुर
व्यक्ति नहीं आदर्श का नाम है कर्पूरी ठाकुर। फोटो सौ. इंटरनेट मीडिया

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कर्पूरी ठाकुर एक व्यक्ति नहीं आदर्श का नाम है। उनके सिद्धांतों पर चलकर ही हम सच्‍चे राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। सादगी, ईमानदारी और कर्तव्य परायणता उनके व्यक्तित्व की पहचान रही। यह बातें आल इंडिया महापद्मनंद कम्युनिटी एजुकेटेड एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष विनय कुमार शर्मा नंद ने कहीं। वह 24 जनवरी को एसोसिएशन के तत्वावधान में शहर के रुस्तमपुर स्थित कैंप कार्यालय पर जननायक स्व.कर्पूरी ठाकुर की 98 वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

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बिहार में लागू किया था‍ पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण

उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए ही बिहार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण लागू करने वाला देश का पहला सूबा बना था। देखा जाए तो यही वह खूबी थी जिसके चलते बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के नाम के आगे जननायक की उपाधि जुड़ी। उनका नाम उन महान समाजवादी नेताओं की पंक्ति में आता है, जिन्होंने निजी व सार्वजनिक जीवन, दोनों में आचरण के ऊंचे मानदंड स्थापित किए थे।

संघर्ष का पर्याय थे कर्पूरी ठाकुर

एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य उमेश शर्मा नंद ने कर्पूरी ठाकुर को संघर्ष का पर्याय बताते हुए कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन के समय उन्होंने 26 माह जेल में बिताए थे। इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष आरडी नंद, बैजनाथ शर्मा, अशोक शर्मा, देवी प्रसाद शर्मा, लक्ष्मण शर्मा, रामाश्रय शर्मा, बचऊ शर्मा, राजेश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, उमेश शर्मा, पृथ्वीराज नंद तथा देवेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।

मानव सेवा को भगवान सेवा मानने का संकल्प

नगर सिंधी पंचायत कल्याण भवन की नई कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को सिंधी धर्मशाला, जटाशंकर में आयोजित हुआ। कार्यकारिणी ने पद और गोपनीतयता की शपथ लेते हुए मानव सेवा का संकल्प लिया। अध्यक्ष दीवान चंद साधवानी ने कहा कि हमारे बुजुर्गों से प्राप्त धरोहर को और भव्य रूप देने की आवश्यकता है। इस दिशा में मेरी कार्यकारिणी निरंतर कार्य करेगी। महामंत्री देवा केशवानी ने कहा कि सिंधी समाज के लोग मानव सेवा को भगवान की सेवा मानते हैं। कार्यकारिणी गरीब लड़कियों के विवाह के लिए निश्शुल्क धर्मशाला उपलब्ध कराएगी। इसके पूर्व मुख्य अतिथि भीषम चौधरी ने पांच वर्ष के लिए चुनी गई नई कार्यकारिणी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

ये है नई कार्यकारिणी

दीवान चंद साधवानी, प्रेम कुमार कटियार, साधु राम, ओम प्रकाश, मूलचंद घावरी, राजेश कृपलानी, उमेश बिजलानी मुख्य संरक्षक चुने गए हैं। मार्गदर्शक मंडल में मनोहर लाल खट्टर, किशन चंद नेभानी, उदाराम रतनानी, चेतराम पाहुजा का चयन हुआ है। उपाध्यक्ष मुरारी लाल साधवानी, नंदलाल लखमानी, खैराज दास, सहमंत्री कमल मंझानी, विजय नेभानी, कोषाध्यक्ष कैलाश खटनानी, व्यवस्थापक कन्हैयालाल लखमानी, बुकिंग इंचार्ज नरेश करमचंदानी व कन्हैया लाल केशवानी को आडिटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।


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