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कचहरी गेट पर युवक की हत्‍या से परिसर की सुरक्षा पर उठे सवाल, फिर से होगी समीक्षा

दीवानी कचहरी में पार्किंग के पास हुई घटना के बाद कचहरी की सुरक्षा-व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं।घटनास्थल पर पहुंचे एडीजी जोन को अधिवक्ताओं ने इससे अवगत कराया।एडीजी ने नए सिरे से सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा कर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने का भरोसा दिया।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 12:36 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 12:36 PM (IST)
कचहरी गेट पर युवक की हत्‍या से परिसर की सुरक्षा पर उठे सवाल, फिर से होगी समीक्षा
गोरखपुर दीवानी न्‍यायालय का मुख्‍य गेट। फाइल फोटो

गारेखपुर, जागरण संवाददाता। दीवानी कचहरी में पार्किंग के पास हुई घटना के बाद कचहरी की सुरक्षा-व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं।घटनास्थल पर पहुंचे एडीजी जोन को अधिवक्ताओं ने इससे अवगत कराया।एडीजी ने नए सिरे से सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा कर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने का भरोसा दिया। घटना के बाद जिला जज ने एसएसपी को दिलशाद के अधिवक्ता की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

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कचहरी की सुरक्षा में तैनात हैं 48 पुलिसकर्मी

दीवानी कचहरी परिसर की सुरक्षा में निरीक्षक, चार उप निरीक्षक, आठ मुख्य आरक्षी,चार महिला आरक्षी समेत 48 पुलिस कर्मी तैनात हैं।परिसर में प्रवेश के लिए तीन गेट हैं। सभी गेट स्थायी रूप से बन्द है। कोई वादकारी कचहरी परिसर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है। आने-जाने वालों की निगरानी के लिए 82 सीसी कैमरे भी लगे है। कलेक्ट्रेट पुलिस चौकी से 200 मीटर पर दूरी पर स्थित स्थित कचहरी पार्किंग में हुई वारदात से अधिवक्ता आक्रोशित है।

सुरक्षा को लेकर अधिवक्‍ताओं ने जताई नाराजगी

घटनास्थल पर पहुंचे एडीजी जोन अखिल कुमार, डीआइजी जे. रविंंद्र गौड़, एसएसपी डा. विपिन ताडा के सामने इसको लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। अधिवक्ताओं का आरोप था कि ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मी बहुत ही लापरवाह हैं।अधिवक्ता के साथ अगर कोई आता है तो दिखावा करने के लिए चेकिंग करते हैं।गेट से कौन अंदर आ रहा इस पर ध्यान नहीं होता।एडीजी जोन अखिल कुमार ने सुरक्षा-व्यवस्था की नए सिरे से समीक्षा करने और दोषियों पर कार्रवाई करने का भरोसा देकर अधिवक्ताओं को शांत कराया।

क्‍या बोले अधिवक्‍ता

कानून व्यवस्था ध्वस्त : मधुसूदन त्रिपाठी

बार काउन्सिल आफ यूपी के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना साबित करता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। कोई भी सुरछित नही है। सरकार और प्रशासन का अपराधियों में कोई खौफ नही है। यह घटना सरकार की विफलता है।सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट तत्काल लागू करें।

अधिवक्ता व वादकारी की मिले सुरक्षा : भानु

सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडेय ने कहा पुलिस व प्रशासन की लापरवाही से यह घटना हुई है।कचहरी परिसर के अंदर व बाहर अधिवक्ता के साथ ही वादकारी की सुरक्षा-व्यवस्था मुक्कमल की जाए।अधिकारी इस बात का भरोसा दें कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी।एसएसपी से मांग है कि दिलशाद के अधिवक्ता की सुरक्षा बढ़ाए।इस घटना को लेकर सोमवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई है।

घटना से व्याप्त हुआ भय का माहौल : शंकर शरण

कोर्ट में दिलशाद की पैरवी कर रहे अधिवक्ता शंकर शरण शुक्ल ने कहा कि दिनदहाड़े अभियुक्त की हत्या किए जाने से भय का माहौल व्याप्त हो गया है।न्याय व्यवस्था पर सभी को विश्वास रखना चाहिए।किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। अभियुक्त द्वारा किया गया यह कृत्य अत्यंत निंदनीय व दुस्साहस पूर्ण है।

लापरवाही की वजह से हुई वारदात : अमरीश

सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अमरीश दुबे ने कहा कि सुरक्षा-व्यवस्था में चूक की वजह से ही शुक्रवार की दोपहर कचहरी की पार्किंग में युवक की हत्या कर दी गई।मल्टीलेवल पार्किंग में आने से पहले गेट पार करना होता है।जहां रोजाना पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती है।लेकिन कोई रहता नहीं है।इसी लापरवाही की वजह से हत्यारोपित पिस्टल लेकर पार्किग स्थल तक पहुंच गया।इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई हो।


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