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बेटी के सामान ले जाने के लिए शहाना के कमरे पर पहुंची मां, केपड़े देखकर फफक पड़ी

बक्शीपुर के मल्ल हास्पिटल वाली गली में शहाना के कमरे पर उसकी मां तहरून्निशां अपनी दूसरी बेटी व दामाद के साथ पहुंची। कमरे में बेटी के फटे कपड़े व टूटी चूड़िया देखकर तहरून्निशां रोने लगी। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के साथ कमरे में ज्यादती की गई है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 03:17 PM (IST)
बेटी के सामान ले जाने के लिए शहाना के कमरे पर पहुंची मां, केपड़े देखकर फफक पड़ी
बेटी के सामान ले जाने के लिए शहाना के कमरे पर पहुंची मां। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बक्शीपुर के मल्ल हास्पिटल वाली गली में शहाना के कमरे पर उसकी मां तहरून्निशां अपनी दूसरी बेटी व दामाद के साथ पहुंची। कमरे में बेटी के फटे कपड़े व टूटी चूड़िया देखकर तहरून्निशां रोने लगी। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के साथ कमरे में ज्यादती की गई है। उन्होंने कहा कि कमरे को जब सील किया गया था तो कमरा दोनों परिवारों के मौजूदगी में खुलना चाहिए था, लेकिन आरोपित दारोगा के कमरे से सामान ले जाने के बाद उन्हें जानकारी दी गई।

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दारोगा के साथ किराये के कमरे में रहती थी शहाना

बक्शीपुर में शहाना दारोगा राजेन्द्र सिंह के साथ रहती थी। बीते 15 अक्टूबर को उसके कमरे में शहाना का शव फंदे से लटकता हुआ पाया गया। शहाना को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने दारोगा राजेन्द्र सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेज दिया। दो दिन पहले वह जमानत पर जेल से छूटा है। दारोगा 30 नवंबर की रात अपने बेटे के साथ बक्शीपुर स्थित कमरे पर पहुंचा और वह वहां से अपना सामान लेते गया। दूसरे दिन एक दिसंबर को भी आरोपित दारोगा व उसका बेटा कमरे से कुछ सामान ले गया था। शहाना की मां तहरून्निशां के मुताबिक मकान मालिक ने एक दिसंबर को उन्हें इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वह भी अपने सामान वहां से ले जाएं।

बेटी और दामाद के साथ सामने लेने पहुंची शहाना की मां

शहाना की मां दो दिसंबर को अपनी दूसरी बेटी व दामाद के साथ कमरे पर पहुंची। वहां वह शहाना का एक-एक सामान देखकर रोने लगीं। तहरून्निशां अपनी बेटी को याद करके फिर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि कमरे में जिस तरह से सामान बिखरा हुआ है, उससे प्रतीत होता है कि उसकी बेटी की हत्या हुई है और इसमें एक नहीं, बल्कि कई लोग शामिल रहे हैं। लेकिन पुलिस ने इसकी जांच नहीं की। यहां तक कि विवेचना में पुलिस कर्मियों ने उनका बयान तक नहीं दर्ज किया है। सभी लोग मिले हुए हैं। कमरे का सील तो दोनों परिवारों के सामने खोला जाना था, लेकिन उन्हें बाद में जानकारी दी गई।

पुलिस कर्मियों के साथ आया था राजेन्द्र का बेटा

शहाना के मकान मालिक ने बताया कि आरोपित दारोगा राजेन्द्र सिंह का बेटा पुलिस कर्मियों के साथ में कमरे पर पहुंचा था। पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में कमरे का सील खुला है। दारोगा व उसका बेटा यहां से सामान लेते गए तो शहाना के स्वजन को इसकी जानकारी दी गई कि वह भी अपना सामान ले जाएं।

पुलिस को पता ही नहीं कि खुल गया कमरा

कमरे का सील खुल गया और दारोगा और शहाना के स्वजन वहां से अपना-अपना सामान उठा ले गए और कोतवाली पुलिस को इसकी जानकारी ही नहीं है, जबकि 30 नवंबर की रात पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में ही कमरा खोला गया है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कल्याण सिंह सागर का कहना है कि उन्हें शहाना का कमरा खोले जाने व वहां से सामान ले जाने की जानकारी नहीं है। कोई सामान ले गया है तो उन्हें पुलिस को जानकारी देना चाहिए था।


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