गोरखपुर में चिडिय़ाघर के बब्बर शेर, बंदर और मोर को महिलाओं ने लिया गोद Gorakhpur News
चिडिय़ाघर प्रशासन ने वन्यजीवों को गोद लेने का विकल्प जैसे ही शहरवासियों के सामने रखा कई महिलाएं इसके लिए आगे आ गईं। अभी तक नौ लोगों ने वन्यजीवों को गोद लिया है। इनमें पांच महिलाएं हैं। पुष्पलता सिंह ने छह बंदरों को तीन माह के लिए गोद लिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। महिलाओं से ममता का नाता कितना गहरा है यह चिडिय़ाघर के वन्यजीवों को गोद लेने के प्रसंग में भी सामने आया है। चिडिय़ाघर प्रशासन ने वन्यजीवों को गोद लेने का विकल्प जैसे ही शहरवासियों के सामने रखा, कई महिलाएं इसके लिए आगे आ गईं। अभी तक नौ लोगों ने वन्यजीवों को गोद लिया है। इनमें पांच महिलाएं हैं। शहर के व्यवसायी और हनुमान भक्त राधेश्याम तथा उनकी पत्नी पुष्पलता सिंह ने 45 हजार रुपये जमाकर तीन प्रजाति के छह बंदरों को तीन माह के लिए गोद ले लिया है।
वन्यजीवों को गोद लेने में महिलाओं की संख्या अधिक
मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले व्यवसायी राधेश्याम, श्याम इंटरप्राइजेज नाम की फर्म के मालिक हैं। उन्होंने बताया कि अभी तीन माह के लिए बंदरों को गोद लिया है। बाद में इसकी अवधि बढ़ाएंगे। चिडिय़ाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह की पत्नी भानुप्रभा सिंह पेशे से शिक्षक हैं। उन्होंने मोर को गोद लिया है। उनके अलावा बिछिया निवासी रोहित सिंह की पत्नी आस्था सिंह और गोरखनाथ निवासी राजीव श्रीवास्तव की पत्नी अंजना श्रीवास्तव ने भी एक-एक मोर गोद लिया है।
चिडिय़ाघर का निर्माण करा रही कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक डीबी सिंह की पत्नी रंजना सिंह ने बब्बर शेर को गोद लिया है। कुशीनगर जिले के बतरौली, फाजिलनगर निवासी और अनंत ट्रेडर्स के प्रोपराइटर देवेंद्र प्रताप सिंह ने तेंदुआ को गोद लिया है। इसी तरह से तारामंडल निवासी विवेक राजा ने घडिय़ाल तो बेतियाहाता निवासी अतुल भट्ट ने हिरण को गोद लिया है। 27 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चिडिय़ाघर का लोकार्पण करेंगे। वन्यजीवों को गोद लेने वालों को लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री के हाथों प्रमाणपत्र दिलाए जाने की योजना बनाई जा रही है।
लोकार्पण की तैयारी को लेकर हुई बैठक
लोकार्पण की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी ने चिडिय़ाघर के निदेशक डा. एच राजामोहन,्र प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार और पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह तथा अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान मुख्य समारोह के आयोजन स्थल, रूट व्यवस्था, वाहनों की पार्किंग और अतिथियों को आमंत्रित करने को लेकर विचार-विमर्श किया गया।