Move to Jagran APP

लॉकडाउन के फैसले ने रोकी गेहूं की तौल, किसानों की बढ़ी चिंता Gorakhpur News

गांवों में गेहू की कटाई शुरू हो गई है लेकिन लाकडाउन के कारण उपज को बेचना संभव नहीं हो पा रहा है। इससे किसान मुश्किल में हैं।

By Edited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 08:29 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 08:43 AM (IST)
लॉकडाउन के फैसले ने रोकी गेहूं की तौल, किसानों की बढ़ी चिंता  Gorakhpur News
लॉकडाउन के फैसले ने रोकी गेहूं की तौल, किसानों की बढ़ी चिंता Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सिद्धार्थनगर जनपद में कोरोना वायरस हर किसी को मुसीबत में डाल दिया है। लाकडाउन के कारण 12 दिन से लोग घरों में रह रहे हैं। अब किसानों को गेहूं बेचने की ¨चता सताने लगी है। उनका कहना है कि अगर समय से उपज नहीं बिका तो आगे खेती-बारी कैसे होगी। जनपद में 158545 हेक्टेयर खेत में गेहूं की बुवाई की गई है। फसल तैयार हो चुकी है, कई जगहों पर कंबाइन से कटाई शुरू हो गई है। बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से इस साल पैदावार पर असर पड़ा है। समय रहते घर पर उपज लाने की जुगत में किसान जुटे हुए हैं।

loksabha election banner

मुख्यालय से सटे जमुवार नाला में तीन दिन से कंबाइन निरंतर चल रही है। अधिकांश किसानों की गेहूं कट चुका है। अर¨वद, श्रवन, रूदल सहानी, गोपाल चौधरी, रामराज, गोरख यादव, तीरथ, रामवृक्ष आदि किसानों ने कहा कि एक अप्रैल से गेहूं की तौल शुरू होनी थी, लेकिन अभी तक कहीं क्रय केंद्र नहीं खुल सके। डिप्टी आरएमओ संजय पांडेय ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से अभी खरीद नहीं शुरू हो सकी। 56 क्रय केंद्र बनाए जा चुके हैं। और क्रय केंद्र बनाने की प्रक्रिया चल रही है। 14 अप्रैल के बाद गेहूं तौल शुरू होने की उम्मीद है।

किसानों को जागरूक रहने की जरूरत

रबी फसलें तेजी से पकने की ओर अग्रसर हैं। इस समय कोरोना वायरस ने हर किसी को परेशानी में डाल दिया है। इसलिए किसानों को सावधानी एवं सुरक्षा का पालन करना बहुत जरूरी है। सभी किसान शारीरिक दूरी का निर्वाहन करें, साबुन से हाथ साफ करते रहें, चेहरे पर मास्क लगाएं तथा कृषि यंत्रों एवं उपकरणों की सफाई पर विशेष ध्यान दें। उक्त बातें वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के अध्यक्ष डा. एल सी वर्मा ने कही। केंद्र के वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वह किसानों को जागरूक करें। किसान या जो श्रमिक कटाई में लगे हैं अथवा सब्जी की तुड़ाई कर रहे हैं, वह फिजिकल डिस्टेंस बनाकर कार्य करें। फसलों की हाथ से कटाई एवं चौड़ाई के दौरान 4 से 5 फिट की दूरी बनाकर रखें।

एक ही दिन अधिक श्रमिकों को कार्य में लगाने के बजाए उस कार्य की अवधि या दिनों में बांट दें या फिर खेतों में काम को टुकड़ों में किया जाए। जहां संभव हो परिचित व्यक्ति को ही खेती के कार्य में लगाएं, किसी अनजान श्रमिकों को खेती में कार्य करने से रोकें जिससे वह इस महामारी का कारण न बन सके। मौसम विशेषज्ञ सूर्य प्रकाश ¨सह ने किसानों से विशेष सतर्कता बरतने हेतु आह्वान किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.