छप्पर-टीनशेड के घर में कट रही गरीबों की जिदगी
आवास के इंतजार में नौ दिसंबर को मेराज की पैरालाइसिस से हो गई थी मृत्यु
संतकबीर नगर: ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के लिए संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना का पौली ब्लाक में बुरा हाल है। प्रधान और पंचायत सचिव ने इस योजना को कमाई का जरिया बना लिया है। प्रति आवास 20 हजार रुपये लिए जाने की शिकायत कई बार लोग अधिकारियों से कर चुके हैं। इसके बाद भी इस अव्यवस्था पर विराम नहीं लग पाया है। इस योजना से पक्का मकान मिलने का ख्वाब देखने वाले गरीब छप्पर, टीन शेड के घर में रहने को विवश हैं।
पौली ब्लाक के रोसया बाजार निवासी गरीब 35 वर्षीय मेराज पुत्र महबुल्लाह का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में था। पैरालाइसिस की चपेट में आने से दिव्यांग हुए मेराज प्रधानमंत्री आवास के लिए अक्सर ब्लाक मुख्यालय का चक्कर काटते थे। उन्हें बीडीओ व अन्य कर्मी आवास मिलने का आश्वासन देते रहे। आवास के इंतजार के बीच नौ दिसंबर 2021 को वह पुन: पैरालाइसिस की चपेट में आ गए। इससे उनकी मृत्यु हो गई। मृतक की मां साल्या खातून, पत्नी फरीदा खातून, चार वर्षीय बेटी फातिमा, तीन वर्षीय बेटा उमर व एक वर्षीय बेटा अफान छप्पर के घर में जीवन काट रहे हैं। इसके अलावा इस गांव की मैना देवी पत्नी सीताराम पांच बच्चों के साथ टीन शेड वाले घर में जीवन-यापन कर रही हैं। जबकि रीना देवी पत्नी प्रभुनाथ की हालत इनसे भी बदतर है। अल्पसंख्यक बस्ती में तहरुन्निशा पत्नी फिरोज अहमद छह बच्चों के साथ टीनशेड वाले घर में रहती है। अपने घर की दशा दिखाने वाली इस महिला का नौकरशाही पर गुस्सा भी दिखा। ऐसे कई गरीब हैं, पात्र होने के बाद भी पात्रता की सूची में नाम नहीं है। वहीं कई गरीबों का नाम प्रतीक्षा सूची में है। इन्हें कब प्रधानमंत्री आवास मिलेगा, फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता। वह इस गांव की जांच करवाएंगे। गरीबों का नाम सूची में है या नहीं। इसकी जानकारी प्राप्त कर उचित कार्रवाई अवश्य की जाएगी।
सुरेंद्र नाथ श्रीवास्तव,सीडीओ